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गैर इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई 10-10 साल कैद

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Published : Nov 10, 2022, 8:00 PM IST

कन्नौज में गैर इरादतन हत्या के मामले में दो दोषियों को दस साल की कारावास के साथ 35 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.पीड़ित पक्ष की ओर से पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जबकि एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है. साक्ष्यों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया गया. कोर्ट ने दो लोगों को सजा सुनाई है.

गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपी

कन्नौज: गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोप सिद्ध होने विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने दो दोषियों को दस-दस साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए. मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें एक आरोपी की मौत हो गई थी जबकि एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है. साक्ष्यों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया गया. कोर्ट ने दो लोगों को सजा सुनाई है.

जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के भज्जापुरवा गांव निवासी विमलेश और अजयवीर दिल्ली में साथ रह कर प्राइवेट नौकरी करते थे. नौकरी लगने के कुछ दिन बाद ही अजयवीर वापस गांव लौट आया था. वापस लौटते समय उसने सामान व कपड़े वहीं कमरे पर ही छोड़ दिए थे. जब विमलेश गांव लौट कर आया तो अजयवीर ने उससे अपने कपड़े व अन्य सामान वापस मांगा. जिस पर दोनों बीच कहासुनी के बाद भी हुई.

बीते 3 अप्रैल 2010 को विमलेश अपने भाई की शादी के लिए किराए पर कार बुक करने के लिए जा रहा था. तभी गांव के बाहर अजयवीर, पुल्ला उर्फ वीरेंद्र, महेंद्र, प्रेमचंद और महेश ने लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. बीच बचाव करने आए उसके भाई धर्मपाल व पिता जगदीश को भी जमकर पीटा. इलाज के दौरान धर्मपाल की मौत हो गई थी. जिसके बाद विमलेश ने गुरसहायगंज कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की. मामले की विवेचना एसआई भरत वर्मा व राम करण ने की. पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह पेश किए गए. आरोप सिद्ध होने पर गुरूवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोषी अजयवीर और पुल्ला उर्फ वीरेंद्र को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई है.

साथ ही दोनों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. कोर्ट ने धारा 302 में 10-10 साल व 25-25 हजार रुपए जुर्माना, 325 में पांच-पांच वर्ष कारावास व 5-5 हजार रुपए, 506 में तीन-तीन वर्ष व 5-5 हजार रुपए व 323 में एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई है.

करीब 12 साल से पुलिस की पकड़ से दूर है एक आरोपी:मामले में मृतक के भाई ने अजयवीर, पुल्ला उर्फ वीरेंद्र, महेंद्र, प्रेमचंद और महेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें साक्ष्यों के अभाव में प्रेम चंद्र का नाम विवेचना के दौरान हटा दिया गया था जबकि महेंद्र की मौत हो गई थी. आरोपी महेश करीब 12 साल से फरार चल रहा है. कोर्ट ने दोषी अजयवीर व पुल्ला को दस-दस साल की सजा सुनाई है.

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