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पत्नी की हत्या का मामलाः कोर्ट ने पति समेत जेठ-जेठानी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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Published : Dec 17, 2021, 9:41 PM IST

पत्नी की हत्या का मामला
पत्नी की हत्या का मामला

कन्नौज में अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपये, बाइक और सोने की चैन की मांग पूरी न होने पर पत्नी की हत्या करने के मामले में फास्टट्रैक कोर्ट ने आरोपी पति, जेठ और जेठानी को सजा सुनाई है.

कन्नौजः अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपये, बाइक और सोने की चैन की मांग पूरी न होने पर पत्नी की हत्या करने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी पति, जेठ और जेठानी को सजा सुनाई है. जज मुकेश कुमार सिंह ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

आपको बता दें कि आरोपी पति जेल में बंद है. जबकि सजा सुनाए जाने के दौरान जेठ-जेठानी जमानत पर थे. जज के सजा सुनाने के बाद जेठ और जेठानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता यतेंद्र पाल ने बताया कि गुरसहायगंज थाना के नदसिया गांव के मजरा मढ़ईयन निवासी किशन ने सदर कोतवाली में दो सितम्बर 2017 को तहरीर देते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बहन रिंकी की शादी करीब दो साल पहले जसनीपुरवा गांव निवासी प्रदीप कुशवाहा उर्फ संतराम पुत्र जगदीश के साथ हिन्दू रीति रिवाज के साथ की थी. बहन की शादी में उसने करीब छह लाख रुपये खर्च किए थे. लेकिन शादी के बाद से ही पति और जेठ बृज मोहन उर्फ मोहन, जेठानी पप्पी देवी अतिरिक्त दहेज में दो लाख रुपये, सोने की चैन और बाइक की मांग करने लगे. मांग पूरी न होने पर बहन को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. एक सितंबर 2017 की रात बहन रिंकी के साथ मारपीट कर गला दबाकर हत्या कर दी और शव को कमरे में लगे पंखे के कुंडे में कपड़ा बांधकर लटका दिया.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल करने के बाद आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया. शुक्रवार को आरोप साबित होने पर न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज मुकेश कुमार सिंह ने पति प्रदीप कुशवाहा, जेठ बृज मोहन और जेठानी पप्पी देवी उर्फ सुनीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीनों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जज ने तीनों आरोपियों को धारा 304 बी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धारा 498A में तीन साल कारावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.

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जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. दहेज प्रतिषेध अधिनियम में एक साल कारावास की सजा और पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. बताया कि जुर्माना की सजाएं छोड़कर सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.

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