ETV Bharat / state

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग

author img

By

Published : Aug 28, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 9:12 PM IST

हॉकी के जादूगर और भारतीय हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद की जयंती 29 अगस्त को मनाई जाती है. झांसी के लोगों ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की.

demand to give bharat ratna to hockey player major dhyan chand in jhansi
demand to give bharat ratna to hockey player major dhyan chand in jhansi

झांसी: हॉकी के जादूगर और भारतीय हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद की जयंती हर साल 29 अगस्त को मनाई जाती है. उनकी जयंती को खेल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. झांसी के लोगों की स्मृतियों में दद्दा के नाम से जीवंत मेजर ध्यानचंद के शुरुआती प्रैक्टिस के दिनों का गवाह हीरोज ग्राउंड इस साल अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे कर चुका है. यह ग्राउंड मेजर ध्यानचंद के घर के पास ही मौजूद है. दद्दा की जयंती और हीरोज ग्राउंड की स्थापना के शताब्दी वर्ष पर जहां विभिन्न तरह के आयोजनों और हीरोज क्लब के कायाकल्प से लोग उत्साहित हैं तो दूसरी ओर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न नहीं दिए जाने की टीस अब भी लोगों के मन में बनी हुई है.

ईटीवी भारत से बात करते अशोक ध्यानचंद
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का खेल जीवन संघर्ष और रोमांच से भरा रहा था. उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ और बाद में उनका परिवार झांसी में आकर बस गया. मेजर ध्यानचंद ने सेना में एक सामान्य सिपाही के रूप में नौकरी की शुरुआत की थी और अपनी खेल प्रतिभा के दम पर तरक्की करते गए. वे 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक, 1932 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक और 1936 के बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे. जीवन के अंतिम समय में वे बीमार रहने लगे थे और 3 दिसम्बर 1979 को दिल्ली में उनका देहांत हो गया. झांसी के हीरोज ग्राउंड पर उनकी समाधि स्थित है, जहां से उन्होंने अपने खेल जीवन की शुरुआत की थी. हर साल उनकी जयंती 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है और हॉकी के इस भारतीय महानायक को श्रद्धांजलि दी जाती है.मेजर ध्यानचंद के पुत्र और पूर्व ओलंपियन अशोक ध्यानचंद कहते हैं कि इस दिन का खास मकसद यह है कि बच्चों को खेल के मैदान पर लाने के लिए प्रेरित करें. खेलों के प्रति इस समय रुचि बेहद कम है और इसे बढ़ाये बिना मेडल्स की संख्या बढाई नहीं जा सकेगी. देश में एक नई लहर पैदा हुई है, जिसे संभालकर आगे बढ़ाने की जरूरत है. स्कूलों के स्तर पर खेलों की दशा को बेहतर किये जाने की जरूरत है. बच्चों को सुविधाएं देकर मैदान तक लाने की कोशिश की जाए. अधिकांश बच्चों का मकसद यह होता है कि वे नेशनल खेलकर नौकरी हासिल कर लें. यह मनोवृत्ति बदल जाये तो जो बच्चा नौकरी के लिए खेल रहा है, वह मेडल के लिए खेलेगा.पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी अब्दुल अजीज कहते हैं कि दद्दा ने अपने खेल की शुरुआत हीरोज ग्राउंड से की. इस ग्राउंड ने अशोक ध्यानचंद, राजकुमार सिंह जैसे कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए. आजादी के पहले से ही हीरोज क्लब की टीम थी, जो मेजर ध्यानचंद ने बनाई थी. अब भी यह क्लब पूरी दुनिया में उनके नाम से जानी जाती है.

ये भी पढ़ें- अंबिका चौधरी और सिबगतुल्लाह ने की घर वापसी, अखिलेश के सामने भावुक हुए चौधरी

स्थानीय निवासी और खेलप्रेमी अश्विनी शुक्ला कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से विभूषित किया जाए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय मेरठ में बनवा रहे हैं, उसे बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े क्षेत्र में बनवाएं तो खेलों और खिलाड़ियों का विकास होगा.

Last Updated : Aug 28, 2021, 9:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.