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झांसी में कोरोना जांच के लिए होगी 10 मोबाइल टेस्टिंग लैब की शुरुआत

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Published : Jul 11, 2020, 4:48 PM IST

यूपी के झांसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना जांच के लिए 10 मोबाइल टेस्टिंग लैब की जल्द शुरुआत की जाएगी. वहीं संक्रमण को देखते हुए जिले में स्थित पैरामेडिकल कॉलेज में बने क्वारन्टीन सेंटर को 500 बेड के एल वन अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है.

जिले में शुरू होंगे मोबाईल कोरोना टेस्टिंग लैब
जिले में शुरू होंगे मोबाईल कोरोना टेस्टिंग लैब

झांसी: जनपद में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा कई नए कदम उठाने जा रहा है. जिले में कोरोना की जांच के लिए 10 मोबाइल टेस्टिंग लैब की जल्द शुरुआत की जाएगी. इसके साथ ही पैरामेडिकल कॉलेज में बने क्वारन्टीन सेंटर को 500 बेड के एल वन अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है.

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय सभागार में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और चिकित्सकों के साथ आयोजित बैठक में डीएम आंद्रा वामसी ने यह जानकारी दी.

सामान्य मरीजों को होटल की व्यवस्था

इस बैठक में कई होटल संचालक भी मौजूद रहे. होटल संचालकों से उनके होटल में एसिम्पटोमैटिक मरीजों को ठहराने पर चर्चा हुई, जो एसिम्पटोमैटिक मरीज सरकारी अस्पताल में नहीं रहना चाहते, उन्हें इन होटल में सुविधाएं उपलब्ध कराकर ठहराने की व्यवस्था की जाएगी. ऐसे सभी होटल जिनमें कोरोना के मरीज ठहराए जाएंगे, उनमें चिकित्सा अधिकारी की तैनाती जिला प्रशासन की ओर से की जाएगी. होटल में ऐसे कोरोना मरीज ठहराये जाएंगे, जिनकी स्थिति सामान्य है और जिन्हें किसी तरह के नियमित इलाज की जरूरत नहीं है.

बढ़ाई जाएगी लैब टेक्नीशियन की संख्या

डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में पंद्रह स्थानों पर मुख्य रूप से कोविड के मामले निकल रहे हैं. अभी तक 504 केस हो चुके हैं और 148 डिस्चार्ज भी हो चुके हैं. पिछले दस दिनों में हमारी टेस्टिंग क्षमता बढ़ने के कारण केसों की संख्या बढ़ी है. डीएम ने कहा कि बहुत सारे मरीज अंतिम अवस्था में आ रहे थे, जिस कारण टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई गई है. जो केस आ रहे हैं उनमें 80 प्रतिशत एसिम्पटोमैटिक हैं, जो दस दिनों में ठीक होकर जा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि जो बीस प्रतिशत गम्भीर मरीज हैं, उन्हें समय से इलाज मिले, इसलिए टेस्टिंग क्षमता बढ़ाई गई है. हमें कांटैक्ट ट्रेसिंग में मैन पावर बढ़ाना है और लैब टेक्नीशियन की भी संख्या बढ़ाने जा रहे हैं. कोरोना के इलाज की व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए जॉइंट मजिस्ट्रेट को नोडल हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में नियुक्त किया गया है.

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