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जौनपुर: गोशाला में भुखमरी से परेशान गोवंश, रात में सियार और कुत्ते कर रहे हमला

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Published : Feb 3, 2020, 11:48 AM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में गोवंशों के लिए गोशाला तो बना दी गई है, मगर वहां रह रहे गोवंशों की हालत काफी खराब है. हाल ऐसा है कि गोवंशों को न तो खाना ही मिल रहा है और न पीने के लिए पानी.

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गोशालाओं की है खस्ता हालत.

जौनपुर: प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में बेसहारा जानवरों के लिए सभी जिलों में गोशालाओं का निर्माण कराया है, बावजूद इसके गोवंशों की मुसीबत कम होती नहीं दिख रही है. जिले में कई गोशाला पशुओं के लिए यातना घर साबित होती दिख रही हैं. सरकारी मानक के अनुसार बेजुबानों को गोशाला में रखकर उन्हें भूसा, चोकर और पानी की व्यवस्था देना है, लेकिन जिले के जलालपुर स्थित हरिपुर की गोशाला में हाल बिल्कुल उलट है.

गोशालाओं की है खस्ता हालत.

जंगल के बीच बनी है गोशाला
इस गोशाला का निर्माण 3 महीने पहले ही गांव के जंगल के बीच कराया गया. गोशाला में अब 90 से ज्यादा पशु पल रहे हैं. वहीं मानक के विपरीत इस गोशाला में न तो पशुओं को भूसा ही दिया जा रहा है और नहीं चोकर. साथ ही पीने का पानी तक साफ नहीं मिलता है. गोशाला में भुखमरी के मारे गोवंश पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं. गोशाला में दिन में जहां कुत्ते हमला करते हैं तो वहीं रात में सियार भी हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं, जिसका कारण गोशाला में अभी तक एक ही व्यक्ति का तैनात किया जाना है.

गोशाला में 90 से ज्यादा गोवंश
आवारा गोवंशों से परेशान किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकारी निर्देश पर 24 से ज्यादा गोशालाओं का निर्माण किया गया है. इस गोशालाओं में दो हजार से ज्यादा पशुओं का पालन पोषण किया जा रहा है, लेकिन जलालपुर की हरिपुर गांव में स्थित गोशाला पशुओं के लिए यातना घर के रूप में तब्दील हो रही है, जहां 90 से ज्यादा गोवंश पल रहे हैं.

गोशाला में नहीं है चहारदीवारी
गांव के एक किनारे जंगली क्षेत्र में गोशाला का निर्माण कराया गया है. चारों तरफ से चहारदीवारी न होने के कारण कटीले तार से घेरकर गोशाला बना दी गई. वहीं गोशाला में सरकारी मानक के विपरीत पुआल का भूसा गोवंशो को खाने के लिए दिया जा रहा है, जबकि चोकर का कोई पता नहीं है. भुखमरी की हालत का आलम इससे पता लगता है कि पशु गोशाला के बीच में लगे सैकड़ों पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं.

अधिकारी नहीं ले रहे गोशाला की बेपरवाही की सुध
गोशाला की हालत ऐसी होने के बावजूद यहां पर अधिकारी पहुंचते नहीं हैं. साथ ही यहां पर डॉक्टर भी कभी-कभी आते हैं. ऐसे में गोशाला में पल रहे बेजुबान गोवंश अपनी किस्मत को ही कोस रहे हैं.

गोशाला में पशुओं की देखरेख कर रहे दयाराम ने बताया कि दिन में तो वह पशुओं को देखरेख करते हैं, लेकिन रात में पशुओं की सुरक्षा भगवान भरोसे ही रहती है. गोशाला में रात को पशुओं पर कुत्ते और सियार हमला कर देते हैं.

वहीं हरिपुर गांव के प्रधान विनोद पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गोशाला में जो कुछ भी मिल रहा है, वह सब खिला रहे हैं. जंगल में गोशाला बनने के कारण दिन में ही कुत्ते और सियार पशुओं पर हमला कर देते हैं.

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Intro:जौनपुर।। प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में बेसहारा पशुओं के लिए सभी जनपदों में गौशालाओं का निर्माण कराया है लेकिन इन गौशालाओं में पशुओं की मुसीबत कम नहीं हो रही है । जौनपुर में कई गौशाला में पशुओ के लिए यातना घर के रूप बदल रही है। सरकारी मानक के अनुसार बेजुबान पशुओं को गौशाला में रखकर उन्हें भूसा , चोकर और पानी की व्यवस्था करना है लेकिन जौनपुर के जलालपुर स्थित हरिपुर की गौशाला में ऐसा नहीं है। इस गौशाला का निर्माण 3 महीने पहले ही गांव के जंगल के बीच कराया गया । वही इस गौशाला में अब 90 से ज्यादा पशु पल रहे हैं । वही मानक के विपरीत इस गौशाला में न तो पशुओं को भूसा दिया जा रहा है और नहीं चोकर। वही पीने का पानी भी साफ नहीं मिलता है। गौशाला में भुखमरी के मारे गौवंश पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं। गौशाला में दिन में कुत्ते हमला करते हैं तो रात में सियार भी जिंदा पशुओं पर हमला कर उन्हें घायल करते हैं। क्योंकि गौशाला में अभी एक ही व्यक्ति तैनात है जबकि रात में पशुओं की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है।


Body:वीओ।। जौनपुर में जहां किसान आवारा गोवंश को से परेशान है तो वहीं सरकारी निर्देश पर दो दर्जन से ज्यादा गौशालाओं का निर्माण किया गया है। वहीं इस गौशालाओं में दो हजार से ज्यादा पशुओं का पालन पोषण हो रहा है लेकिन जलालपुर की हरिपुर गांव में खोली गई गौशाला पशुओं के लिए यातना घर के रूप में तब्दील हो रही है । इस गौशाला में 90 से ज्यादा गोवंश पल रहे हैं। वही गांव की एक किनारे जंगली क्षेत्र में गौशाला का निर्माण किया गया है । वहीं चारों तरफ से चारदीवारी ना होने के कारण कटीले तार से घेरकर गौशाला बना दी गई। वही इस गौशाला में सरकारी मानक के विपरीत पुआल का भूसा दिया जा रहा है जबकि चोकर का पता नहीं। भुखमरी की हालत में पशु गौशाला के बीच में खड़े सैकड़ों पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं । वह गौशाला की देखरेख भी केवल एक व्यक्ति के भरोसे हैं। वही रात में गौशाला में जंगली जानवरों से कोई सुरक्षा नहीं है जिसके चलते सियार और कुत्ते जिंदा पशुओं पर हमला कर उन्हें घायल करते हैं। इस गौशाला में न तो अधिकारी पहुंचते हैं। वहीं डॉ भी कभी-कभी आते हैं। ऐसे में गौशाला में पल रहे बेजुबान गोवंश अपनी किस्मत को ही कोस रहे हैं।


Conclusion:गौशाला में पशुओं की देखरेख कर रहे दयाराम ने बताया कि दिन में तो वह पशुओं को देखरेख करते हैं लेकिन रात में पशुओं की सुरक्षा भगवान भरोसे होती है। वहीं भुखमरी में पशु पेड़ की छाल तक खा गए हैं ।गौशाला में रात में पशुओं पर कुत्ते और सियार हमला करते हैं।

बाइट- दयाराम यादव -गौशाला कर्मी


हरिपुर गांव के प्रधान विनोद पाल ने बताया की गौशाला में जो कुछ मिल रहा है वह सब खिला रहे हैं । वही जंगल में गौशाला बनने के कारण दिन में ही कुत्ते और सियार पशुओं पर हमला करते हैं।

बाइट- विनोद पाल -ग्राम प्रधान


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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