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FB फ्रेंड के साथ महीनों हरदोई में क्यों छिपी थी फिलींपींस की महिला ?

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Published : May 28, 2021, 6:41 PM IST

Updated : May 28, 2021, 6:57 PM IST

फिलीपींस की एक महिला की यह कहानी बड़ी दिलचस्प है. वह अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने भारत आई. इसके बाद वह लॉकडाउन और कोरोना के चक्कर में फंस गई. दोस्त उसे हरदोई ले आया. जब गुरुवार को मामला सामने आया तो पुलिस भी हैरत में पड़ गई.

फिलीपींस महिला.
फिलीपींस महिला.

हरदोई : फिलीपींस की एक महिला अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने अगस्त 2019 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. जनवरी 2020 के बाद कोरोना का प्रकोप बढ़ने लगा और समूचे भारत में लॉकडाउन लग गया. इस बीच जुलाई 2020 में महिला का वीजा एक्सपायर हो गया. तब उसके फेसबुक फ्रेंड ने मदद की और उसे दिल्ली से हरदोई ले आया. अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) कपिलदेव सिंह ने बताया कि करीब 9 महीने हरदोई में रहने के बाद विदेशी महिला ने उत्तराखंड में रहने वाली दोस्त से मदद मांगी. दोस्त ने दिल्ली स्थित फिलीपींस एंबेसी को महिला के हरदोई में फंसे होने की जानकारी दी. एंबेसी ने एक कर्मचारी को महिला की मदद के लिए हरदोई भेजा. स्थानीय पुलिस के कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गुरुवार देर शाम महिला को उत्तराखंड भेजा गया.

दिल्ली में भी दोनों साथ-साथ रहे

फिलीपींस की रहने वाली वेप्रो एडेना मार्गो की दोस्ती फेसबुक पर हरदोई के पवन से हुई थी. 2019 में पवन दिल्ली में काम करता था. चैट आदि के माध्यम से दोस्ती गहरी हुई तो पवन ने वेप्रो एडेना मार्गो को मिलने के लिए भारत आमंत्रित कर लिया. फिलीपींस की महिला टूरिस्ट वीजा लेकर 2019 में इंडिया आ गई. पवन और वेप्रो एडेना मार्गो दिल्ली में साथ रहने लगे. 2020 में लॉकडाउन लगने के कारण पवन की फिलीपींस निवासी दोस्त इंडिया में ही फंस गई.

उत्तराखंड जाने की इच्छा नहीं जताती तो...

अपर पुलिस अधीक्षक कपिलदेव सिंह ने बताया कि 16 जुलाई 2020 को फिलीपींस की नागरिक वेप्रो एडेना मार्गो का वीजा एक्सपायर हो गया. तब पवन उसे अपने साथ लेकर मझिला थाने के गांव बग्गरपुरवा आ गया. तब से दोनों गांव में साथ रह रहे थे. पुलिस के मुताबिक, मई महीने में वेप्रो एडेना मार्गो उत्तराखंड में रहने वाली दोस्त से मदद मांगी. फिलीपींस की महिला अब उत्तराखंड शिफ्ट होना चाहती थी. उसकी दोस्त ने वेप्रो एडेना मार्गो के बारे में दिल्ली स्थित फिलीपींस दूतावास को जानकारी दी और उसे उत्तराखंड बुलाने के लिए मदद मांगी.

आखिर लड़के ने कर ही दिया हंगामा

इसके बाद एंबेसी ने मदद के लिए एक कर्मचारी को हरदोई भेज दिया. कर्मचारी ने पहले स्थानीय लोगों से संपर्क किया. गुरुवार को एंबेसी का कर्मचारी वेप्रो एडेना मार्गो को लाने बग्गरपुरवा गांव पहुंचा. जब विदेशी महिला एंबेसी के कर्माचारी के साथ जाने लगी तो उसके दोस्त पवन ने हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद पुलिस को गांव में अनाधिकृत रूप से रह रही विदेशी महिला के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने एंबेसी से संपर्क साधकर विदेशी महिला के बारे में पता लगाया. फिलहाल फिलीपींस एंबेसी की निगरानी में वेप्रो एडेना मार्गो को उसकी दूसरी दोस्त के पास उत्तराखंड भेजा गया है.

पढ़ें: हैरानी नहीं हकीकत! अलीगढ़ वैक्सीनेशन सेंटर पर एएनएम 'भूत' की है ड्यूटी

अपर पुलिस अधीक्षक कपिलदेव सिंह ने बताया कि बिना किसी सूचना के अनाधिकृत रूप से विदेशी महिला को प्रश्रय देने के मामले में पवन को नोटिस दिया गया है. नोटिस में पूछा गया है कि उसने फिलीपींस की नागरिक वेप्रो एडेना मार्गो के बारे में जानकारी सक्षम अधिकारी को क्यों नहीं दी?

हरदोई : फिलीपींस की एक महिला अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने अगस्त 2019 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी. जनवरी 2020 के बाद कोरोना का प्रकोप बढ़ने लगा और समूचे भारत में लॉकडाउन लग गया. इस बीच जुलाई 2020 में महिला का वीजा एक्सपायर हो गया. तब उसके फेसबुक फ्रेंड ने मदद की और उसे दिल्ली से हरदोई ले आया. अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) कपिलदेव सिंह ने बताया कि करीब 9 महीने हरदोई में रहने के बाद विदेशी महिला ने उत्तराखंड में रहने वाली दोस्त से मदद मांगी. दोस्त ने दिल्ली स्थित फिलीपींस एंबेसी को महिला के हरदोई में फंसे होने की जानकारी दी. एंबेसी ने एक कर्मचारी को महिला की मदद के लिए हरदोई भेजा. स्थानीय पुलिस के कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गुरुवार देर शाम महिला को उत्तराखंड भेजा गया.

दिल्ली में भी दोनों साथ-साथ रहे

फिलीपींस की रहने वाली वेप्रो एडेना मार्गो की दोस्ती फेसबुक पर हरदोई के पवन से हुई थी. 2019 में पवन दिल्ली में काम करता था. चैट आदि के माध्यम से दोस्ती गहरी हुई तो पवन ने वेप्रो एडेना मार्गो को मिलने के लिए भारत आमंत्रित कर लिया. फिलीपींस की महिला टूरिस्ट वीजा लेकर 2019 में इंडिया आ गई. पवन और वेप्रो एडेना मार्गो दिल्ली में साथ रहने लगे. 2020 में लॉकडाउन लगने के कारण पवन की फिलीपींस निवासी दोस्त इंडिया में ही फंस गई.

उत्तराखंड जाने की इच्छा नहीं जताती तो...

अपर पुलिस अधीक्षक कपिलदेव सिंह ने बताया कि 16 जुलाई 2020 को फिलीपींस की नागरिक वेप्रो एडेना मार्गो का वीजा एक्सपायर हो गया. तब पवन उसे अपने साथ लेकर मझिला थाने के गांव बग्गरपुरवा आ गया. तब से दोनों गांव में साथ रह रहे थे. पुलिस के मुताबिक, मई महीने में वेप्रो एडेना मार्गो उत्तराखंड में रहने वाली दोस्त से मदद मांगी. फिलीपींस की महिला अब उत्तराखंड शिफ्ट होना चाहती थी. उसकी दोस्त ने वेप्रो एडेना मार्गो के बारे में दिल्ली स्थित फिलीपींस दूतावास को जानकारी दी और उसे उत्तराखंड बुलाने के लिए मदद मांगी.

आखिर लड़के ने कर ही दिया हंगामा

इसके बाद एंबेसी ने मदद के लिए एक कर्मचारी को हरदोई भेज दिया. कर्मचारी ने पहले स्थानीय लोगों से संपर्क किया. गुरुवार को एंबेसी का कर्मचारी वेप्रो एडेना मार्गो को लाने बग्गरपुरवा गांव पहुंचा. जब विदेशी महिला एंबेसी के कर्माचारी के साथ जाने लगी तो उसके दोस्त पवन ने हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद पुलिस को गांव में अनाधिकृत रूप से रह रही विदेशी महिला के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने एंबेसी से संपर्क साधकर विदेशी महिला के बारे में पता लगाया. फिलहाल फिलीपींस एंबेसी की निगरानी में वेप्रो एडेना मार्गो को उसकी दूसरी दोस्त के पास उत्तराखंड भेजा गया है.

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अपर पुलिस अधीक्षक कपिलदेव सिंह ने बताया कि बिना किसी सूचना के अनाधिकृत रूप से विदेशी महिला को प्रश्रय देने के मामले में पवन को नोटिस दिया गया है. नोटिस में पूछा गया है कि उसने फिलीपींस की नागरिक वेप्रो एडेना मार्गो के बारे में जानकारी सक्षम अधिकारी को क्यों नहीं दी?

Last Updated : May 28, 2021, 6:57 PM IST
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