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हमीरपुर: खुलेआम हो रहा है अवैध खनन, प्रशासन मौन

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Published : May 11, 2019, 1:44 PM IST

हमीरपुर में इस समय सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मौरंग की खुदाई की जा रही है. खनन पट्टाधारक नदी की धारा रोककर बड़ी-बड़ी मशीनों से खुदाई करवा रहे हैं. इस पर प्रशासन पूरी तरह से मौन है.

यहां एनजीटी के नियम-कायदे भी हवा में उड़ाए जा रहे हैं.

हमीरपुर: अवैध खनन का गोरखधंधा जिले में खनिज विभाग के अधिकारियों की सरपरस्ती में धड़ल्ले से चल रहा है. शासन-प्रशासन से बेखौफ खनन पट्टाधारक हैवीवेट पोकलेन मशीनों से बेतवा नदी में बड़े स्तर पर खुदाई कर रहे हैं. खनन पट्टाधारकों की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौरंग खनन के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. पट्टाधारक नदी की जलधारा में खनन कर रहे हैं और जिले का खनिज विभाग खनन माफियाओं की कारगुजारियों पर मौन है.

यहां एनजीटी के नियम-कायदे भी हवा में उड़ाए जा रहे हैं.

इस तरह उड़ाई जा रही है नियमों की धज्जियां

  • सरीला तहसील के बीहड़ों में चंदवारी घुरौली गांव में मौरंग खनन के लिए तीन खण्डों 26/8, 26/3, 26/7 का संचालन हो रहा है.
  • इन खण्डों में लखनऊ, राजस्थान और ग्वालियर के बड़े-बड़े कारोबारियों की साझेदारी है.
  • वे सत्ताधारी पार्टी के दिग्गजों के करीबी होने का दावा करते हुए इस पूरे इलाके में अवैध रूप से मौरंग खनन में जुटे हुए हैं.
  • इन खण्डों में रात-दिन पोकलेन मशीनों से जबरदस्त तरीके से रात-दिन खनन किया जा रहा है.
  • चंदवारी-घुरौली के इन खण्डों में करीब दो दर्जन के आसपास पोकलेन मशीने लगी हुई हैं.अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन की तमाम कवायद पर मौरंग माफिया पानी फेरने में जुटे हुए हैं.
  • नदी की जलधारा से मौरंग निकालकर किनारे पर ढेर की जाती है और फिर दूसरी मशीन से इसे ट्रकों में लोड कर दिया जाता है.

दूसरी जगहों पर भी यही हाल

  • कुछ ऐसी ही तस्वीर कुरारा थानाक्षेत्र के बेरी गांव में भी देखने को मिली.
  • यहां 10/29 मौरंग खण्ड में भी इसी तरह से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है.
  • इस खण्ड का संचालन एपीएम माइनिंग एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कर रही है.
  • इस कंपनी ने भी खण्ड में बड़ी संख्या में पोकलैण्ड मशीनों को उतार रखा है.
  • यह रात-दिन नदी की जलधारा से मानकों के विपरीत मौरंग निकासी में जुटी हुई है.
  • इस मसले पर जब जिले के खनिज विभाग के अधिकारियों में से कोई कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं है.
Intro:खनिज विभाग की सरपरस्ती में धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन
हमीरपुर। अवैध खनन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को घेरने वाली भाजपा के राज में भी अवैध खनन का गोरखधंधा खनिज विभाग के अधिकारियों की सरपरस्ती में धड़ल्ले से चल रहा है। शासन प्रशासन से बेखौफ खनन पट्टाधारक इस कदर मनमानी पर उतर आए हैं कि वे हैवीवेट पोकलैंड मशीनों से बेतवा नदी का सीना छलनी करने में जुटे हैं। खनन पट्टाधारकों की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौरंग खनन के लिए सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए वे खुलेआम नदी की जलधारा में खनन कर रहे हैं और जिले का खनिज विभाग खनन माफियाओं की कारगुजारियों पर मौन है।





Body:सरीला तहसील के बीहड़ों में चंदवारी घुरौली गांव में मौरंग खनन के लिए तीन खण्डों 26/8, 26/3, 26/7 का संचालन हो रहा है। इन खण्डों में लखनऊ, राजस्थान और ग्वालियर के बड़े-बड़े कारोबारियों की साझेदारी है। जो सत्ताधारी पार्टी के दिग्गजों के करीबी होने का दावा करते हुए इस पूरे इलाके में अवैध रूप से मौरंग खनन में जुटे हुए है। इन खण्डों में रात-दिन पोकलैण्ड मशीनों से जबरदस्त तरीके से रात-दिन खनन किया जा रहा है। यहां नदी की जलधारा को भी कई जगहों से ब्रेक कर दिया गया है। मशीनों से खुदाई के कारण कहीं-कहीं नदी ने समुद्र जैसा रूप ले लिया है। खनन करने वालों को इससे कोई गुरेज नहीं है। यहां एनजीटी के नियम-कायदे भी हवा में उड़ाए जा रहे है। अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन की तमाम कवायद पर मौरंग माफिया पानी फेरने में जुटे हुए है।


Conclusion:चंदवारी-घुरौली के इन खण्डों में करीब दो दर्जन के आसपास पोकलैण्ड मशीनें लगी हुई है। नदी की जलधारा से मौरंग निकालकर किनारे पर ढेर की जाती है और फिर दूसरी मशीन से इसे ट्रकों में लोड कर दिया जाता है। वहीं कुछ ऐसी ही तस्वीर कुरारा थानाक्षेत्र के बेरी गांव में भी देखने को मिली। यहां 10/29 मौरंग खण्ड में भी इसी तरह से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। इस खण्ड का संचालन एपीएम माइनिंग एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस कंपनी ने भी खण्ड में बड़ी संख्या में पोकलैण्ड मशीनों को उतार रखा है। जो रात-दिन नदी की जलधारा से मानकों के विपरीत मौरंग निकासी में जुटी हुई है। 
वहीं इस मसले पर जब जिले के खनिज विभाग केे अधिकारियों खनन के लिए प्रतिबंधित मशीनों के धड़ल्ले से हो रहे इस्तेमाल पर सवाल किया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।


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