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महराजगंज के 5 बार सांसद रह चुके पंकज चौधरी को मैं कांटे की टक्कर दूंगी - सुप्रिया श्रीनेत

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Published : Mar 31, 2019, 5:08 PM IST

मीडिया जगत में सुप्रिया श्रीनेत का नाम जाना-पहचाना है लेकिन उन्हें महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद राजनीति के सियासी गलियारों में हलचल सी हो गई है. गोरखपुर पहुंची सुप्रिया ने विपक्षियों पर जमकर हमला बोला.

सुप्रिया श्रीनेत

गोरखपुर : महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट हासिल करने वाली ईटी नाउ की चीफ एडिटर और पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह की बेटी सुप्रिया श्रीनेत का गोरखपुर में संघ के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. स्टेशन पर काम करने वाले दर्जनों कुलियों ने सुप्रिया श्रीनेत को पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया.

सुप्रिया श्रीनेत ने विपक्षियों पर जमकर बोला हमला

दरअसल, महराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री त्रिपाठी को टिकट दिया था लेकिन घोषणा के अगले ही दिन बड़ा फेरबदल करते हुए तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काटकर पीआरकेएस के संरक्षक और महाराजगंज के पूर्व सांसद स्व. हर्षवर्धन सिंह की बेटी (ईटी नाउ में चीफ एडिटर) सुप्रिया श्रीनेत को टिकट देकर अचंभित कर दिया.

मीडिया जगत में सुप्रिया श्रीनेत का नाम जाना-पहचाना है लेकिन राजनीति में उनके कदम पड़ते ही सियासी गलियारों में हलचल सी हो गई है. महाराजगंज के मौजूदा सांसद पंकज चौधरी 5 बार से सांसद रह चुके हैं. ऐसे में क्षेत्र के लिए और पंकज चौधरी के सामने सुप्रिया श्रीनेत का नाम काफी नया और छोटा लगता है. मीडिया जगत में अपना लोहा मनवा चुकी सुप्रिया श्रीनेत पूरे दमखम और जोश के साथ चुनावी मैदान में कूद चुकी हैं. उनका मानना है कि वह मौजूदा सांसद को कड़ी टक्कर तो देंगी ही, साथ में चुनाव जीतकर महाराजगंज के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी.

मेरे ऊपर पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी है
इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुप्रिया ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और बहुत ही आशान्वित भी. मुझे लगता है कि मेरे ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. कांग्रेस पार्टी ने जो नेतृत्व करने का मौका दिया है, खुशी के साथ ही जिम्मेदारी का भी एहसास हो रहा है. महाराजगंज में काम करने जा रही हूं. यह मेरे पिता की कर्मभूमि रही है. 41 वर्षों से मेरे पिता इस क्षेत्र की सेवा करते आए हैं.

कोई विकास कार्य नहीं किया मौजूदा सांसद ने
आगे उन्होंने कहा कि कि मेरा सबसे अच्छा सौभाग्य है कि मैं मौजूदा सांसद के खिलाफ चुनाव मैदान में हूं. वह एक बार के सांसद नहीं बल्कि 5 बार के सांसद हैं. इस बार तो उनके पास एक बड़ा सुनहरा मौका था क्योंकि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह पर उनकी सरकार थी. वह चाहते तो बहुत कुछ कर सकते थे. अगर वह चाहते तो हर्षवर्धन जी के ही अधूरे कार्यों को पूरा कर क्षेत्र की जनता का विश्वास जीत सकते थे. उन्होंने कुछ नहीं किया है, बहुत ही उदासीन रहे हैं. चाहे वह किसानों की बात हो, गन्ना किसानों की बात, नौजवानों की बात हो या फिर रोजी रोजगार की बात हो.

महराजगंज ऐसा जिला मुख्यालय है, जहां पर रेलवे लाइन नहीं है, जबकि हर्षवर्धन सिंह ने रेलवे लाइन की स्वीकृति प्रदान करा दी थी. उस कार्य को भी मौजूदा सांसद नहीं कर सके. मैं बहुत खुश हूं कि मैं उनके खिलाफ लड़ने जा रही हूं, क्योंकि लोगों के अंदर इनके खिलाफ काफी आक्रोश है. इनका निकम्मापन ही मेरा हथियार है.

Intro:गोरखपुर। महाराजगंज लोकसभा सीट पर घोषित प्रत्याशी से कांग्रेस का टिकट हासिल करने वाली ईटी नाउ की चीफ एडिटर व पूर्व सांसद हर्षवर्धन सिंह की सुपुत्री सुप्रिया श्रीनेत का गोरखपुर में स्थित पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के कार्यालय पर संघ के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। वहीं स्टेशन पर कुली का काम करने वाले दर्जनों कुलियों ने सुप्रिया श्रीनेत को पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया। वही पिआरकेएस के संरक्षक व पूर्व सांसद स्वर्गीय हर्षवर्धन सिंह को नमन किया।


Body:महाराजगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की सुपुत्री तनु श्री त्रिपाठी को टिकट दिया था लेकिन घोषणा के अगले ही दिन बड़ा फेरबदल करते हुए तनुश्री त्रिपाठी का टिकट काटकर पीआरकेएस के संरक्षक व महाराजगंज के पूर्व सांसद स्व. हर्षवर्धन सिंह की सुपुत्री और ईटी नाउ में चीफ एडिटर के पद पर कार्यरत सुप्रिया श्रीनेत को टिकट देकर अचंभित कर दिया।

मीडिया जगत में जाना पहचाना नाम सुप्रिया श्रीनेत का है लेकिन राजनीति में उनके कदम पड़ते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल सी हो गई है। महाराजगंज के मौजूदा सांसद पंकज चौधरी 5 बार से सांसद रह चुके हैं, ऐसे में क्षेत्र के लिए और पंकज चौधरी के सामने सुप्रिया श्रीनेत का नाम काफी नया और छोटा लगता है। लेकिन मीडिया जगत में अपना लोहा मनवा चुकी सुप्रिया श्रीनेत पूरे दमखम और जोश के साथ चुनावी मैदान में कूद चुकी है और उनका मानना है कि वह मौजूदा सांसद को कड़ी टक्कर तो देंगी है साथ मे चुनाव जीतकर महाराजगंज के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।


Conclusion:इस दौरान ईटीवी भारत के संवादाता से खास बातचीत में कहा कि मैं बहुत खुश हूं और मैं बहुत ही आशान्वित भी हूं। मुझे लगता है मेरे ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी है, कांग्रेस पार्टी ने जो नेतृत्व करने का मौका दिया है खुशी के साथ ही जिम्मेदारी का भी एहसास हो रहा है। महाराजगंज में काम करने जा रही हूं और महाराजगंज मेरे पिताजी की कर्मभूमि रही है 41 वर्षों से मेरे पिता क्षेत्र की सेवा करते आए हैं मैं बिल्कुल यह मान कर आई हूं कि मैं उन्हीं के पद चिन्हों पर चलकर राजनीति करूंगी चाहे जितना संघर्ष हो चाहे जितना लड़ाई हो क्योंकि बिना लड़ाई के कोई काम बनता नहीं है मैं बहुत खुश हूं मुझे अपनी जिम्मेदारी का भी एहसास है।

महिमा ने कहा कि मैंने अपने जीवन का सबसे बड़ा निर्णय लिया है वर्षों से आप ही की तरह मैं भी कैमरे की उस तरफ थी लेकिन अब मौका मिला है कैमरे की इस तरफ आकर सक्रिय राजनीति करने का और जिस तरह से मैंने मीडिया मैं बहुत कुछ सीखा है उन अनुभवों को साझा करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करूंगी आज के समय में मीडिया की अहम भूमिका है व्हाट्सएप सोशल मीडिया सहित तमाम जगहों से मीडिया का संचालन किया जा रहा है ऐसे में सच्चाई और कार्यों को दबाया नहीं जा सकता आपके ही सहयोग से मैं क्षेत्र की जरूरतों को पूरा कर सकती हूं

मुझे लगता है कि मेरा सबसे अच्छा सौभाग्य कि वो मौजूदा सांसद के खिलाफ चुनाव मैदान में हूं, वह एक बार के सांसद नहीं बल्कि 5 बार के सांसद हैं। यहां के लोग भी यह बता सकते हैं कि पिछले 25 साल के कार्यकाल में उन्होंने एक भी ऐसा कार्य नहीं किया। जिसे ऐतिहासिक माना जा सके और जनता याद रख सकें, इस बार तो उनके पास एक बड़ा सुनहरा मौका था क्योंकि केंद्र और प्रदेश दोनों जगह पर उनकी सरकार थी। चाहते तो बहुत कुछ कर सकते थे, अगर वह चाहते तो हर्षवर्धन जी के ही अधूरे कार्यो को पूरा कर क्षेत्र की जनता का विश्वास जीत सकते थे। उन्होंने कुछ नहीं किया है, बहुत ही उदासीन रहे हैं। चाहे वह किसानों की बात हो, गन्ना किसानों की बात, नौजवानों की बात हो या फिर रोजी रोजगार की बात हो महाराजगंज ऐसा जिला मुख्यालय है। जहां पर रेलवे लाइन नहीं है, जबकि हर्षवर्धन सिंह ने रेलवे लाइन की स्वीकृति प्रदान करा दी थी। उस कार्य को भी मौजूदा सांसद नहीं कर सके। मैं बहुत खुश हूं कि मैं उनके खिलाफ लड़ने जा रही हूं, क्योंकि लोगों के अंदर इनके खिलाफ काफी आक्रोश है, इनका निकम्मापन ही मेरा हथियार है।

बाइट - सुप्रिया श्रीनेत, पूर्व एडिटर इन चीफ ईटी नाउ व कांग्रेस उमीदद्वार महराजगंज



निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
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