ETV Bharat / state

गोरखपुर: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने की सनक ने बनाया विलेन, जेएन सिंह पर साल भर में तीसरी बार लगा हत्या का आरोप

author img

By

Published : Sep 30, 2021, 12:50 PM IST

जेएन सिंह एनकाउंटर का शौकीन है. एसटीएफ में रहने के दौरान जेएन सिंह ने 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है, जबकि गोरखपुर जिले में तैनाती के दौरान वह यहां अब तक चार बदमाशों के पैर में गोली मार गिरफ्तार कर चुका है. जेएन सिंह अपनी एनकाउंटर खूबी की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचा है.

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने की सनक ने बनाया विलेन
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनने की सनक ने बनाया विलेन

गोरखपुरः व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में आरोपी बने गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना प्रभारी जेएन सिंह के कारनामे का यह पहला मामला नहीं है. कहते हैं कि अपराध का घड़ा एक दिन फूटता ही है. आखिरकार मनीष गुप्ता हत्याकांड उसके लिए काल बन गया. जिले में लंबे समय से तैनात एसएसओ जगत नारायण सिंह (जेएन सिंह) के कारनामों की लंबी लिस्ट है. उच्चाधिकारियों के चहेते होने के चलते अब तक वह बचता चला आया है.

जेएन सिंह के खिलाफ पहले भी पुलिस हिरासत में पीटाई से मौत के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन मुकदमा पहली बार दर्ज हुआ है. मुकदमा दर्ज होते ही जेएन सिंह फरार हो गया है. अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया था तो फरार होने की नौबत न आती. खैर हम आपको बताते है कि इसके पहले जेएन सिंह की गोरखपुर में मनमानी की कहानी.



शुभम उर्फ सोनू कुमार का मामला

बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान 7 नवंबर 2020 को भी जेएन सिंह पर गंभीर आरोप लगे थे. बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था. पुलिस ने उसे बीते 11 अक्तूबर 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और जेल भिजवा दिया. 7 नवंबर को जेल में मौत हो गई. इस मामले में पुलिस की पिटाई से शुभम की मौत का आरोप लगा था. विभिन्न संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया था. जिसके बाद में तत्कालीन चौकी इंचार्ज को निलंबित किया गया जबकि जेएन सिंह केस मैनेज कर ले गए. परिजनों की आवाज को दबा दिया गया. जिसके बाद उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी.



गौतम सिंह की मौत का मामला

बीती 13 अगस्त को भी रामगढ़ताल पुलिस पर 20 वर्षीय गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध हालात में मौत का आरोप लगा था. बाद में पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया था. इसमें गायघाट बुजुर्ग में प्रेमिका से मिलने गए युवक की लाश मिली थी. पुलिस का कहना था कि लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी, जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है. इस मामले को जेएन सिंह मैनेज कर ले गए और इसमें पुलिस के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था.

जिस पर नहीं था केस उसे मुठभेड़ में मारी गोली

बीते 21 अगस्त को क्राइम ब्रांच और रामगढ़ताल पुलिस ने एक बदमाश सिकंदर को मुठभेड़ में गोली मारी थी. दावा था कि सिकंदर ने ही 16 अगस्त की दोपहर में कैश मैनेजमेंट सिस्टम के कर्मचारी नवनीत मिश्रा की आंखों मे मिर्च पाउडर झोंककर 5.28 लाख रुपये लूट की थी. पुलिस ने लूट के 1.50 लाख रुपये, घटना में इस्तेमाल बाइक और 315 बोर का तमंचा बरामद करने का दावा किया था. इस घटना के 4 दिन पहले ही यह बात सामने आ चुकी थी कि पुलिस ने एक मुखबिर को थाने में बैठा रखा है. खास बात यह कि मुठभेड़ के बाद ही सिकंदर पर पहला केस भी दर्ज हुआ. इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था.



मनीष गुप्ता की हत्या का मामला

तीन दिन पहले रामगढ़ताल इलाके के तारामंडल रोड पर स्थित एक होटल में ठहरे कानपुर के बर्रा के व्यापारी मनीष गुप्ता (36) की सोमवार की देर रात पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हो गई. भारी जनदबाव में इस मामले में प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह व चौकी इंचार्ज सहित छह पुलिस कर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. हत्या का मामला दर्ज हुआ है.



एनकाउंटर किंग बनने की सनक ने बनाया अपराधी

जेएन सिंह एनकाउंटर का शौकीन है. एसटीएफ में रहने के दौरान जेएन सिंह ने 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है, जबकि गोरखपुर जिले में तैनाती के दौरान वह यहां अब तक चार बदमाशों के पैर में गोली मार गिरफ्तार कर चुका है. जेएन सिंह अपनी एनकाउंटर खूबी की बदौलत ही सिपाही से आउट ऑफ प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचा है.

पढ़ें- अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों की बर्खास्तगी की जाय: सीएम योगी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.