गोरखपुर : जिले के आईटीएम कॉलेज के इंजीनियरिंग छात्रों ने खास किस्म की ऑटोमेटिक गन तैयार की है. यह गन वाई-फाई सिस्टम के जरिए ऑपरेट हाेगी. यह 100 मीटर की दूरी पर खड़े दुश्मन का सीना छलनी करने में सक्षम हाेगी. लगभग इतनी ही दूरी से इसे माेबाइल, कंप्यूटर या रिमाेट से फायर का कमांड दिया जा सकेगा. भविष्य में अपडेट के साथ इसे डेढ़ किमी की दूरी से चलाना संभव हाेगा. गीडा स्थित आईटीएम इंजीनियरिंंग कॉलेज के 4 छात्राें ने इस ऑटोमेटिक गन का ईजाद किया है.
3 तरफ नजर रखेगा गन पर लगा कैमरा : छात्र दिग्विजय यादव, कन्हैया यादव, कृष्णा शाहनी, अनुराग श्रीवास्तव मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हाेंने बताया कि कॉलेज के इनाेवेशन सेल में सेना के लिए इस हथियार काे तैयार किया गया है. देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सैनिकाें के लिए यह गन काफी कारगर हाेगी. इस गन में 360 डिग्री कैमरा लगा है. यह गन सामने और अगल-बगल नजर रखेगी. सैनिक अपने मोबाइल और लैपटॉप पर दूर से ही दुश्मन पर नजर रख सकेंगे. रडार में आते ही वे आसानी से लक्ष्य पर निशाना साध सकेंगे.
जान-माल का नहीं हाेगा नुकसान : कॉलेज के डायरेक्टर डॉक्टर एनके सिंह ने बताया कि कॉलेज के बच्चे अक्सर देश हित में इस तरह के डिवाइस तैयार करते रहते हैं. इस बार 26 जनवरी से पहले ऑटोमेटिक गन तैयार की है. इसमें प्रोटोटाइप मॉडल में 2 इंच की 2 मेटल के बैरल हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक बुलेट लगाई जाती हैं. अभी फिलहाल एक ही गाेली का विकल्प है. गन में वाईफाई डिवाइस लगी हाेगी. इससे माेबाइल, कंप्यूटर या रिमाेट काे कनेक्ट करके दूर से ही फायर का कमांड दे सकते हैं. इस गन के इस्तेमाल से जान-माल का नुकसान भी न के बराबर हाेगा.
बनाने में लगा 20 दिन का समय : डायरेक्टर ने बताया कि छात्रों ने मेक इन इंडिया मिशन को देखते हुए देश के जवानों की सुरक्षा के लिए अच्छा प्रयास किया है. कॉलेज प्रशासन की तरफ से गृह मंत्री को पत्र लिखा गया है. मानव रहित गन का प्रोटोटाइप बनाने में लगभग 20 दिनों का समय लगा है. इस पर 18 हजार रुपये का खर्च आया है. इस गन काे बनाने में कार के शॉकर की स्प्रिंग, 2 इंच की मेटल पाइप, वाई -फाई, कैमरा, 9 वोल्ट की बैटरी, स्विच आदि का इस्तेमाल किया गया है.
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