MLC Election 2023: बसपा-कांग्रेस को नहीं मिले प्रत्याशी, बीजेपी के मुकाबले सपा प्रत्याशी कमजोर

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Published : Jan 19, 2023, 8:21 AM IST

गोरखपुर

गोरखपुर में गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन के लिए 30 जनवरी को मतदान होगा. इस बार टक्कर सपा और भाजपा में है. क्योंकि, कांग्रेस और बसपा को चुनाव के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिले.

गोरखपुर: विधान परिषद सदस्य के होने जा रहे चुनाव में गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से इस बार कांग्रेस और बसपा को प्रत्याशी ही नहीं मिले. नामांकन दाखिल और नाम वापसी के बाद चुनावी मैदान में कुल 24 प्रत्याशी डटे हुए हैं. लेकिन, इसमें बीजेपी और सपा को छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दल का प्रत्याशी नहीं है.

खास बात यह है सभी निर्दलीय हैं और सिर्फ एक ने ही नामांकन भी वापस लिया है. अब मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही है. इसमें भी सपा प्रत्याशी करुणा कांत मौर्य बीजेपी के प्रत्याशी देवेन्द्र प्रताप सिंह के सामने बेहद कमजोर हैं. देवेंद्र मौजूदा समय में एमएलसी हैं और 3 बार इस क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं. यही वजह है कि उठापटक के बाद भी यह भाजपा के फिर प्रत्याशी बनाए गए हैं. वह इस बार अधिक मतों से जीतने का दावा कर रहे हैं. वजह भी साफ है. प्रदेश के दोनों शिक्षक संगठन जो एक-दूसरे के विरोधी रहते हैं, इनको खुला समर्थन दे रहे हैं.

नामांकन पत्र वापस लिए जाने के बाद गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन के लिए अब 30 जनवरी को मतदान होगा. 24 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता अपने-अपने पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करके करेंगे. दो फरवरी को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतगणना के बाद आएगा. जीते हुए प्रत्याशी की आरओ/मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी द्वारा प्रमाण पत्र देकर घोषणा की जाएगी. बुधवार से सभी प्रत्याशी अपने-अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक देंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा मतदाता उनके पक्ष में मतदान कर सकें. वैसे गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित 17 जिलों के कुल 2,49382 मतदाता मतदान करेंगे. इसके लिए 340 बूथों पर मतदान होगा. बसपा का प्रत्याशी मैदान में नहीं आने की वजह हाईकमान द्वारा इस चुनाव को लेकर गम्भीर न होना था. वहीं, कांग्रेस से कोई लड़ने को तैयार नहीं हुआ.

यह चुनाव आम चुनाव से भिन्न होगा. इसमें न तो ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा और न ही मतपत्र पर मुहर लगानी होगी. मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी की ओर से एक कलम उपलब्ध कराई जाएगी. उसी से प्रत्याशियों के नाम के आगे वरीयता के क्रम में एक, दो और तीन लिखना होगा. मतगणना के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय को स्ट्रांग रूम बनाया गया है. यहां 17 जिलों से मत पेटियां पहुंचेंगी. मतगणना के दौरान कुल पड़े मतों का मिलान किया जाएगा. उसके बाद वैध मतों के 50% से 1 अधिक वोट को जीत के लिए निर्धारित किया जाएगा.

वरीयता के क्रम में गिनती शुरू होगी. सबसे पहले प्रथम वरीयता वाले मतों को गिना जाएगा. अगर कोई प्रत्याशी इसी मत के आधार पर चुनाव जीत रहा होगा तो उसे विजयी घोषित कर दिया जाएगा, नहीं तो द्वितीय वरीयता के सर्वाधिक मतों के साथ प्रथम वरीयता के सर्वाधिक मत से जो जीतेगा उसे विजयी घोषित किया जाएगा. फिलहाल, इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति तेज कर दी है. जिला स्तर से लेकर प्रदेश के नेताओं की बैठक और मार्गदर्शन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. तो सपा सिर्फ बीजेपी की विफलता गिनाकर, बेरोजगारी का राग अलाप कर स्नातक मतदाताओं से अपने पक्ष में बड़े पैमाने पर वोट करने और चुनाव जीतने का दावा कर रही है.

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