गोरखपुरः लॉकडाउन ने बहुतों के सपनों और उम्मीदों को तोड़ दिया तो 14 साल के कक्षा आठवीं के छात्र अमर प्रजापति को शहर का सबसे नन्हा उद्यमी बनकर उभरने का अवसर भी प्रदान किया. दृढ़ निश्चय और संकल्प के बूते एक कंपनी शुरूकर उन्होंने 4 लोगों को रोजगार भी दिया है. उसके सपने को पूरा करने में उसके माता-पिता ने भी भरपूर सहयोग किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के नारे को बुलंद करने वाले अमर ने यह प्रण लिया है कि वह अपनी कंपनी के बने बल्ब और एलईडी लाइट से शहर के चाइना मार्केट को खत्म कर देंगे।
गोरखपुर के सिविल लाइंस के रहने वाले वीरा में कार्यरत रमेश कुमार प्रजापति के मझले पुत्र 14 वर्षीय अमर प्रजापति कक्षा आठ के छात्र हैं। अमर का सपना वैज्ञानिक बनने का है। बचपन से ही खिलौनों और अन्य चीजों को खोलकर उसमें देखना और उस पर कारीगरी करना उनकी आदत थी। अमर बड़े हुए तो घर के लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक के काम खुद ही करने लगे. पिता ने जब उनके इस हुनर को देखा तो अमर से पूछा कि क्या तुम इस फील्ड में आगे जाना चाहते हो। अमर ने हामी भरी दी. उसके बाद से अमर ने अपने सपनों की उड़ान भरनी शुरू कर दी।
चाइना के मार्केट को करना चाहते हैं समाप्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से प्रभावित अमर मेक इन इंडिया के जरिए चाइना के मार्केट को खत्म करना चाहते हैं। लॉकडाउन के दौरान एलईडी लाइट बनाने का केवल 5 दिनों का प्रशिक्षण लेने के बाद वे खुद उद्यमिता विकास संस्थान से रॉ मेटीरियल मंगाने लगे। इसके बाद उन्होंने घर पर ही लाइट बनाना शुरू कर दिया. शुरुआत में वे कम संख्या में बल्ब तैयार करते रहे, लेकिन अब वह हर रोज लगभग 400 से 600 बल्ब तैयार कर लेते हैं। बकायदा अपने पिता के गुरु के नाम से उन्होंने एक कंपनी भी रजिस्टर्ड कराई. इसके साथ ही उन्होंने चार अन्य लोगों को भी रोजगार दिया हुआ है.
क्वालिटी से नहीं करते समझौता
अमर बताते हैं कि बाजार में कई बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट हैं. प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उन्होंने क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया। उनके बल्ब ब्रांडेड कंपनियों के बल्ब की अपेक्षा बहुत सस्ते हैं। उनके इस काम में उनकी बहन प्रिया प्रजापति, छोटा भाई लकी प्रजापति और माता-पिता सहयोग करते हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के तहत आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने का लोगों से आग्रह किया है. साथ ही खुद भी प्रधानमंत्री के बताए रास्ते पर चलना शुरू कर दिया है। अभी उनके इस काम से लगभग 6 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। वे चाहते हैं कि बेरोजगारी को खत्म करने के साथ ही चाइना के इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान की मंगा को स्वदेशी बाजार में कम किया जाए.