पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता बोले- वैचारिक बाधाओं को छोड़ भारत की विदेश नीति हुई व्यहारिक

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Published : Mar 17, 2023, 7:08 PM IST

पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता

गोरखपुर में आयोजित संगोष्ठी में पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि भारत की विदेश नीति ने वैचारिक बाधाओं को पीछे छोड़ कर व्यावहारिकता को अपना रही है. भारत राष्ट्रीय हितों को साधने वाली नीतियों को अपना रहा है.

गोरखपुर: वर्तमान में भारत की विदेश नीति ने वैचारिक बाधाओं को पीछे छोड़, व्यावहारिकता को अपनाया है. देश ने राष्ट्रीय हितों को साधने वाली विदेश नीति को अपनाया है. इसके साथ ही वसुधैव कुटुम्बकम को भी केंद्र में रखा है, जिसकी वजह से भारत के राष्ट्रीय हित ग्लोबल गुड्स (वैश्विक हितों) से भिन्न नहीं है. ये बातें पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में 'भारत की विदेश नीति के बदलते आयाम' विषय पर आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कही. उल्लेखनीय है कि 37 साल तक वीरेंद्र गुप्ता साउथ अफ्रीका, तंजानिया और त्रिनिदाद एवं टबेगो में भारत के उच्चायुक्त के रूप में सेवाएं दी हैं.

वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र के अलावा अन्य वैकल्पिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों, जैसे G20 का प्रयोग करने की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आने वाले देशों में 15-20 सालों में सुधार होने की कम संभावना है. भारत को वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ने का मौका G20 की अध्यक्षता से मिला है. उन्होंने विश्व विद्यालय के नैक मूल्यांकन में, ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने पर सभी को बधाई दी.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि आज विश्व बहुध्रुवीय और बहुस्तरीय हो गया है. आज भारत सॉफ्ट पावर के साथ हार्ड पावर भी बन कर उभरा है. भारतीय विदेश नीति ने सभी पक्षों को मौजूदा दौर में समाहित किया है. चाहे अर्थ का क्षेत्र हो, समाजिक हो अथवा विश्व मंच पर अपने संस्कारों को संवर्धित, समाहित करने का हो. हर क्षेत्र को सांचे में ढालकर भारतीय विदेश नीति आगे बढ़ रही है. प्रधानमंत्री मोदी के सफल प्रयासों से आज विश्व की सभी शक्तियां भारत की ओर देख रही हैं. समाधान के आयाम भारत में ही खोजने का प्रयास कर रही है.


यूजीसी-एचआरडीसी के निदेशक प्रो रजनीकांत पांडेय ने इस दौरान अतिथियों और रिफ्रेशर कोर्स में भाग ले रहे शिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति के बदलते आयाम पर आयोजित इस कोर्स से सभी का ज्ञानवर्धन हुआ है. कोर्स के कोऑर्डिनेटर और राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. रूसिराम महानंदा ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि अन्य विद्वानों को आगामी 14 दिनों में आमंत्रित कर प्रतिभागियों को बेहतर संबोधन दिया जाए. कार्यक्रम में प्रो. राजेश सिंह, प्रो. विनीता पाठक, प्रो. गोपाल प्रसाद तथा डॉ. अमित उपाध्याय ने सहभागिता की. कार्यक्रम का संचालन डॉ. महेंद्र कुमार सिंह ने किया.

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