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गोरखपुर में माफिया के दमन में पुलिस-प्रशासन की ढाल बन रहा जीडीए

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Published : Jun 25, 2023, 2:20 PM IST

गोरखपुर के टॉप 10 माफिया के जरायम की दुनिया से बनाई गईं आलीशान बिल्डिंग्स और अन्य निर्माण पर जिला प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. हालांकि, इस कार्रवाई के लिए कोर्ट ने किसी तरह का आदेश नहीं दिया है. लेकिन, जीडीए की मदद से इन अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने का तेजी से हो रहा है.

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कार्रवाई की जानकारी देते अधिकारी

गोरखपुरः प्रदेश के टॉप माफिया की सूची में शामिल गोरखपुर के टॉप 10 माफिया के ऊपर दमन की कार्रवाई जारी है. इसमें पुलिस और प्रशासन को गोरखपुर विकास प्राधिकरण के माध्यम से बड़ा बल मिल रहा है. जेल में बंद माफिया के आपराधिक रिकार्ड के आधार पर न्यायालय का भी ऐसा कोई आदेश नहीं है कि उनके घर का धवस्तीकरण किया जाए. लेकिन, ऐसे माफिया जिन्होंने पुलिस प्रशासन के नाक में दम किया हुआ है. उनके खिलाफ शासन ने कड़ा रुख दिखाया है. आर्थिक रूप से इनकी कमर तोड़ने के लिए पुलिस और प्रशासनिक पहल में गोरखपुर विकास प्राधिकरण का सहयोग बड़े स्तर पर लिया जा रहा है. इन माफिया के मकान को अवैध रूप से चिह्नित किया जा रहा है और ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है.

दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि इससे माफिया में दहशत और सीएम योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर की हनक चुनावी माहौल को तैयार करने में मददगार साबित होगी. गोरखपुर के टॉप 10 और यूपी के टॉप माफिया सूची में शामिल विनोद उपाध्याय पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है. लाख कोशिशों के बावजूद गोरखपुर पुलिस इसे गिरफ्तार करने में सफल नहीं हो पा रही. माफिया पर शिकंजा कसने के लिए चल रहे अभियान में विकास प्राधिकरण गोरखपुर ने उसके 5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को चिह्नित किया. यह एक मकान के रूप में थी. इसके बाद 17 जून को बुलडोजर लगाकर इसे ध्वस्त करा दिया गया. मौके पर गोरखपुर विकास प्राधिकरण और पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.

top 10 mafia of Gorakhpur
जिले के टॉप 10 माफिया में शामिल तीन बड़े चेहरे

इससे पहले माफिया अजीत शाही द्वारा नगर निगम के फल मंडी के पास करोड़ों की जमीन पर 15 वर्षों से कब्जा था. इस पर एक मैरिज हाउस का संचालन किया जा रहा था. हत्या, रंगदारी, अवैध कब्जे समेत 3 दर्जन से ज्यादा मामलों में पुलिस अजीत की तलाश में थी. गिरफ्तारी के लिए दबाव बना तो पुलिस को चकमा देकर अजीत कोर्ट में हाजिर हो गया. इस बीच 12 जून को उसके अवैध कब्जे पर बुलडोजर चल गया.

इसके अलावा 29 मई को माफिया राकेश यादव के गुलरिहा थाना क्षेत्र में करीब 5 करोड़ के मकान के अवैध होने के नोटिस को गोरखपुर विकास प्राधिकारण ने भेजा था. जवाब नहीं मिलने पर पुलिस प्रशासन ने 22 जून को इस निर्माण को ध्वस्त करा दिया. एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि जो भी कार्रवाई करते हैं वह विकास प्राधिकरण के अवैध कब्जे को हटाने के सिलसिले में हो रही है. प्राधिकरण ऐसे मामले में पुलिस और प्रशासन का सहयोग मांगता है. जिसे मौके पर पहुंचकर दिया जा रहा है.

हालांकि, वह इस बात को भी कहते हैं कि जिसके खिलाफ कार्रवाई हो रही है, वह टॉप 10 अपराधियों में शामिल है. उन पर कई संगीन मामले दर्ज हैं. वहीं, प्राधिकरण के प्रभारी मुख्य अभियन्ता किशन सिंह भी इस कार्रवाई को अवैध कब्जे के खिलाफ की गई कार्रवाई बताते हैं. लेकिन, वह भी यह कहते हैं कि जिसके खिलाफ कार्रवाई हो रही है वह बड़ा माफिया है. उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से कार्रवाई और माफिया का जिक्र किया. फिलहाल, इस तरह की कार्रवाई से जिले के माफिया में दहशत में हैं. वहीं, टॉप 10 माफिया में शामिल सुधीर सिंह, एक लाख का इनामी राघवेंद्र यादव, सुभाष शर्मा, सत्यव्रत राय, राधेश्याम यादव, प्रदीप सिंह, शैलेंद्र प्रताप सिंह का हलक सूखा हुआ है.

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