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गोरखपुर में स्थापित होगा जीन मैपिंग, वायरस और बैक्टीरिया शोध का बड़ा केंद्र

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Published : Nov 24, 2021, 3:41 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 3:47 PM IST

जीन मैपिंग, वायरस और बैक्टीरिया शोध का बड़ा केंद्र गोरखपुर में होगा स्थापित
जीन मैपिंग, वायरस और बैक्टीरिया शोध का बड़ा केंद्र गोरखपुर में होगा स्थापित

सिद्धार्थ नगर मेडिकल कॉलेज का पिछले दिनों लोकार्पण करने आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का भी गोरखपुर आगमन हुआ था. इस दौरान आरएमआरसी के नवनिर्मित लैब के उद्घाटन को लेकर चर्चा हुई थी. इस पर अब मोहर लगती दिखाई दे रही है.

रखपुर: कोरोना की महामारी में आरटीपीसीआर जांच से लेकर अन्य जांचों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित, क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के नए भवन और लैब का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों बहुत शीघ्र हो सकता है.

इसकी जानकारी आरएमआरसी केंद्र के प्रमुख को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दी. इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं. इस नवनिर्मित भवन में विभिन्न प्रकार की जांच से संबंधित नौ लैब बनकर तैयार हैं जिसमें जीन मैपिंग के अलावा वायरस और बैक्टीरिया पर भी शोध होंगे.

जीन मैपिंग, वायरस और बैक्टीरिया शोध का बड़ा केंद्र गोरखपुर में होगा स्थापित
जीन मैपिंग, वायरस और बैक्टीरिया शोध का बड़ा केंद्र गोरखपुर में होगा स्थापित

दरअसल, सिद्धार्थ नगर मेडिकल कॉलेज का पिछले दिनों लोकार्पण करने आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का भी गोरखपुर आगमन हुआ था. इस दौरान आरएमआरसी के नवनिर्मित लैब के उद्घाटन को लेकर चर्चा हुई थी. इस पर अब मोहर लगती दिखाई दे रही है.

माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस केंद्र का उद्घाटन स्थानीय स्तर पर पहुंचकर अगर नहीं कर सकते तो ऑनलाइन मोड पर इसका उद्घाटन करेंगे. इसके लिए 5 दिसंबर की एक संभावित तिथि भी तय हो चुकी है. केंद्र के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय ने बताया कि केंद्र के उद्घाटन के बाद विभिन्न प्रकार की जांच और शोध की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा. वैक्सीन के प्रभाव पर भी यहां अध्ययन किया जाएगा.

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आरएमआरसी केंद्र में बनाए गए विभिन्न लैब व वहां होने वाले शोध

. इम्यूनोलॉजी लैब वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता और प्रभाव पर शोध व नई वैक्सीन के निर्माण पर काम करेगा.

. माइक्रोलॉजी लैब से फंगस का विकास कर रोकथाम के उपाय पर शोध होगा.

. मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब के माध्यम से जीनोम सीक्वेंसिंग होगी.

. नॉन कम्युनिकेबल डिजीज लैब द्वारा मधुमेह और हाइपरटेंशन के कारणों की जांच होगी.

. माइक्रोबायोलॉजी लैब से वायरस और बैक्टीरिया पर शोध होगा.

. सोशल बिहेवियर स्टडी लैब द्वारा किसी बीमारी का आमजन पर पड़ने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर अध्ययन.

. हेल्थ कम्युनिकेशन लैब द्वारा बीमारियों की रोकथाम के उपायों का प्रचार-प्रसार होगा.

. मेडिकल एंटोंमोलॉजी लैब से डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफलाइटिस आदि के वाहक कीटों व इन बीमारियों की जांच के नए तरीकों को विकसित करने पर शोध होगा.

Last Updated :Nov 24, 2021, 3:47 PM IST
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