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गाजीपुर: भाजपा ने सपना सिंह को बनाया जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार

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Published : Jun 25, 2021, 9:18 AM IST

भाजपा ने गाजीपुर जिले में बड़ा दांव खेला है. भाजपा ने सैदपुर से निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं सपना सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है. सपना सिंह ने गुरुवार को पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और उसके बाद पार्टी ने उनको जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनीं सपना सिंह
जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनीं सपना सिंह

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव (zila panchayat adhyaksh chunav) को लेकर राजनीतिक दलों में भयंकर कशमकश के बीच में पार्टियों में भी जोड़-तोड़ जारी है. गाजीपुर जिले से सपना सिंह को भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है. सपना सैदपुर से निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं हैं. बता दें कि सपना सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुकेश सिंह की छोटी भाभी और एमएलसी विशाल सिंह 'चंचल' की रिश्तेदार हैं.

दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर गाजीपुर जिले में सियासी का पारा चढ़ा हुआ है. खासकर भाजपा में टिकट को लेकर काफी उहापोह की स्थिति बनी हुई थी. राजनीतिक दिग्गजों का ध्यान इस बात पर टिका था कि भाजपा की तरफ से कौन प्रत्याशी बनेगा? हालांकि गुरुवार को भाजपा ने गाजीपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को लेकर चल रही गहमागहमी को विराम दे दिया. बड़े ही नाटकीय ढंग निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं सपना सिंह को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया. दावेदारी के लिए पहले वंदना यादव का नाम सामने आ रहा था, लेकिन बाजी सपना सिंह मार ले गईं.

भाजपा की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनीं सपना सिंह.
भाजपा की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनीं सपना सिंह.

सपना सिंह ने ली भाजपा की सदस्यता
गुरुवार को निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं सपना सिंह अचानक भाजपा कार्यालय पहुंचीं, जहां भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने उन्हें पहले पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई. इसके बाद लिखित रूप से भाजपा के जिला प्रभारी और भाजपा प्रदेश इकाई के बड़े नेता कौशलेंद्र सिंह पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया. प्रत्याशी के तौर पर सपना सिंह का नाम आते ही उनके तमाम कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय पहुंच गए और सपना सिंह को फूलमाला पहनाकर भव्य स्वागत किया.

लखनऊ तक चला शक्ति परीक्षण
वहीं सपना सिंह के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते ही जिले में सियासी हलचल अब और तेज हो गई है. मालूम हो कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा में दावेदारी को लेकर पेशोपेश की स्थिति बनी हुई थी. इसके चलते कई बार शक्ति परीक्षण लखनऊ स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय तक चला, जहां अंत में पार्टी की ओर से सपना सिंह के नाम पर मुहर लगा दी गई. भाजपा जिला इकाई ने पहले मात्र एक नाम वंदना यादव का ही भेजा था, जो पूर्व सांसद और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की काफी करीबी मानी जाती थीं, लेकिन अंत में वह रेस में पिछड़ गईं.

पूर्व सांसद की पत्नी को सपना ने हराया था
बता दें कि निर्दल प्रत्याशी के तौर पर सपना सिंह ने जहां अपने निकटतम सपा उम्मीदवार अंजना सिंह, जो पूर्व सपा सांसद राधेमोहन सिंह की पत्नी थी, उनको हराया था. साथ ही भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक जब्त करवा दी थी. कई शक्ति परीक्षण और अग्निपरीक्षा पार करते हुए वंदना यादव जो उम्मीदवार की सशक्त दावेदार थीं, उनका पत्ता साफ करते हुए सपना सिंह भाजपा की प्रत्याशी बन गईं.

सपना सिंह का मुहं मीठा करातीं कार्यकर्ता.
सपना सिंह का मुहं मीठा करातीं कार्यकर्ता.

सपा की तरफ से ये हैं मैदान में
सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष सामान्य महिला सीट से जमानियां क्षेत्र से जीत कर आईं कुसुमलता यादव, जो पिछड़े वर्ग से आती हैं, उनको प्रत्याशी घोषित कर रखा है. बसपा ने अभी तक पत्ता नहीं खोला है. सूत्रों की मानें तो बसपा के पास कुल एक दर्जन वोटर हैं और माना जा रहा है कि उनसे ये दोनों ही प्रत्याशी सम्पर्क में हैं. चूंकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है. कुल 67 सीटों में से भाजपा के पास छह सदस्य हैं. सपा के पास 13 व बसपा के पास लगभग 10 जिला पंचायत सदस्य हैं. बाकी या तो दलों के बागी हैं या फिर निर्दल सदस्य हैं. दोनों ही दलों के पास 34 का जादुई आंकड़ा नहीं है.

जोड़-तोड़ पर लगेगी फाइनल मुहर
अब भाजपा व सपा के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही जोड़-तोड़ पर फाइनल मुहर की जुगत शुरू हो गई है. जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा व सपा का प्रत्याशी घोषित होने के बाद दोनों दलों के कद्दावर नेताओं ने जोड़-तोड़ शुरू कर दी है. किसी भी दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. ऐसे में निर्दल सदस्य भी अध्यक्ष बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे. अब जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने के लिए जोर आजमाइश अंतिम दौर में है. चुनाव में अप्रत्याशित हार मिलने के बाद भी भाजपा के लोग अपना अध्यक्ष बनाने के लिए गुणा-भाग कर रहे हैं.

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