ETV Bharat / state

पाक लड़ाकों को नौशेरा में शिकस्त देने वाले ब्रिगेडियर उस्मान आज ही के दिन हुए थे शहीद

author img

By

Published : Jul 3, 2020, 10:08 PM IST

पाक लड़ाकों को नौशेरा में कड़ी शिकस्त देने वाले महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान 3 जुलाई 1948 को शहीद हुए थे. बता दें कि ब्रिगेडियर उस्मान अंसारी गाजीपुर जिले के सांसद अफजाल अंसारी और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के नाना थे.

gazipur news
ब्रिगेडियर उस्मान की पुन्यतिथि

गाजीपुर: भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद कुछ लोग भारत से पाकिस्तान गए तो कुछ भारत में ही बस गए. आम जनता के साथ ही कुछ सैन्य अधिकारी और सेना के कुछ जवान भी बटे. लेकिन सन् 1947 में भारत-पाक बंटवारे के दौरान आर्मी आफिसर ब्रिगेडियर उस्मान ने पाकिस्तान सेना की बजाय भारतीय सेना का अंग बनने में ही गर्व महसूस किया. सैनिक टुकड़ी का नेतृत्व करते हुए महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर उस्मान ने पाक लड़ाकों को नौशेरा में कड़ी शिकस्त दी और 3 जुलाई 1948 को शहीद हो गए.

अफजाल अंसारी के थे नाना
ब्रिगेडियर उस्मान घोसी तहसील मुख्यालय से 11 किमी दूर बीबीपुर के रहने वाले थे. उनका जन्म जमींदार परिवार में हुआ था. उन्होंने पाक फौज के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ी और वीरगति को प्राप्त हो गए. कहा जाता है कि भारत-पाक बंटवारे के बाद यह पहली सबसे बड़ी मुठभेड़ थी. बता दें कि ब्रिगेडियर उस्मान अंसारी गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के नाना थे.

बात 1948 की है, जब पाक सेना भेष बदलकर कश्मीर में आ घुसी और झांगर एवं नौशेरा घाटी पर अपना कब्जा जमा लिया. तब भारत साकार ने बतौर कमांडर ब्रिगेडियर उस्मान ने भारतीय सेना का नेतृत्व किया. उन्होंने पाक सेना पर ऐसा कहर बरपाया कि नौशेरा पर भारतीय सेना का कब्जा हो गया. 3 जुलाई 1948 को यह जांबाज सेनानायक इस जंग में शहीद हो गया.

भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया. आजाद भारत में 50 पैराब्रिगेड की प्रथम कमान संभालने वाले इस कमांडर की अब यादें ही शेष हैं. वहीं उनके पैतृक गांव में ग्रामीण उनकी प्रतिमा लगाने की मांग अब भी उठती रहती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.