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यमुना के सैलाब पर सेल्फी, भुट्टा और कचौड़ी संग बाढ़ में रोमांच तलाशते लोग

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Published : Aug 23, 2019, 7:55 PM IST

हल्की बूंदा-बांदी के बीच गरमा-गर्म छल्ली (भुट्टा) और कचौड़ी खाते हुए लोग यमुना के इस पुल से बाढ़ को निहार रहे हैं और सेल्फी लेकर इस पल को यादों में समेट रहे हैं. यहां लोग बाढ़ में रोमांच तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.

बाढ़ में रोमांच तलाशते लोग.

नई दिल्ली/नोएडा: आपदा में भी मनोरंजन ढूंढने की कला में भारतीय माहिर हैं. यमुना का जलस्तर अब खतरे के निशान से नीचे आ गया है. इसके बाद लोग नोएडा को कालिंदी कुंज से जोड़ने वाले नए पुल पर सेल्फी लेते बाढ़ को एन्जॉय करते हुए दिखे.

बाढ़ में रोमांच तलाशते लोग.

टूरिज्म का केंद्र बना यह पुल!
हल्की बूंदा-बांदी के बीच गरमा-गर्म छल्ली (भुट्टा) और कचौड़ी खाते हुए लोग यमुना के इस पुल से बाढ़ को निहार रहे हैं और सेल्फी लेकर इस पल को यादों में समेट रहे हैं.

यह है भारत का नया टूरिज्म जिसका केंद्र यमुना का यह पुल बना हुआ है. यहां युवा भी हैं और बुजुर्ग भी. दुकान लगाने वाले भी खुश हैं क्योंकि जितनी बिक्री वे दिन भर में कर पाते थे, उतनी बिक्री इस वक्त महज 4 घंटे में हो जाती है.

भारत की संस्कृति यही रही है कि जहां भीड़ हो वहां मेला लग ही जाता है और दुकानें भी सज जाती हैं. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों यमुना के इस पुल पर देखा जा सकता है.

प्राधिकरण की कोशिशों पर पानी फेर रहे लोग
यह पुल जब बनाया गया था तब वर्टिकल गार्डन बनाकर और इसकी दीवारों पर पक्षियों के चित्र बनाकर इसे सजाया गया था. जिससे नोएडा में आने और जाने वाले लोगों के जेहन में एक अच्छी छवि बन सके.

धीरे-धीरे लोगों के जमावड़े की वजह से यहां गंदगी फैलती जा रही है. उससे प्राधिकरण की कोशिश बेकार जा रही है. यहां लगा मेला यहां से गुजरने वाले वाहनों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है.

अगर वक्त पर ट्रैफिक पुलिस ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया तो कोई बड़ी दुर्घटना होने के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता है.

Intro:नोएडा -- आपदा में भी मनोरंजन ढूंढने की कला में हम माहिर है, जब नोएडा और एनसीआर में यमुना बाढ़ लोगों के आशियाने तबाह कर रही थी, वहीं नोएडा को कालिंदी कुंज से जोड़ने वाले नए पुल पर लोग सेल्फी लेते हुए बाढ़ की इस भयावह स्थिति पर आनंदित हो रहे थे। यह है नया टूरिज्म, जिसका केंद्र जमुना का यह पुल बना हुआ है।


Body:हल्की बूंदाबांदी के बीच, गरम छलिया और कचोरी खाते हुए लोग यमुना के इस पुल से बाढ़ को निहार रहे हैं और सेल्फी लेकर इस पल को यादगार बना रहे हैं। यह है भारत का नया टूरिज्म जिसका केंद्र जमुना का यह पुल बना हुआ है। यहां युवा भी हैं और बुजुर्ग भी। दुकान लगाने वाले भी खुश हैं, जितना बिक्री बहुत दिन भर में कर पाते थे इतनी बिक्री महज 4 घंटे में हो जाती है।

बाइट –राम लखन (विक्रेता)

बाइट – राजेंदर (विक्रेता)

हमारी शुरू से संस्कृति रही है कि जहां भीड़ हो वहां मेला लग ही जाता है और दुकानें भी सज जाती हैं। ऐसा ही कुछ नजारा इन दिनों यमुना के पुल पर देखा जा सकता है जहां कचौड़ी और छल्ली का लुफ्त उठाते हुए लोग जमुना के बाढ़ को इंजॉय कर रहे हैं।

बाइट -- बाढ़ देखने आए लोग



Conclusion:जब यह पुल बनाया गया था तब वर्टिकल गार्डन बनाकर और इसकी दीवारों पर पक्षियों के चित्र बनाकर इसे सजाया गया था, जिससे कि नोएडा में आने और जाने वाले लोगों के मानस पर एक अच्छी छवि बन सके, लेकिन लोगों के जमावड़े के कारण यहां गंदगी फैलती जा रही है, उससे प्राधिकरण का प्रयास धूमिल हो रहा है। यहाँ लगा जमघट यहां से होकर गुजरने वाले वाहनों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है, यदि समय रहते ही ट्रैफिक पुलिस ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया तो यहां कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
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