नोएडा: नोएडा को उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाता है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी लगातार नोएडा में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण कर रही है. विकास कार्यों को गति देने के लिए संबंधित विभाग भी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा अथॉरिटी ने कोविड काल में ही 100 एकड़ से ज़्यादा जमीन का अधिग्रहण किया और 5 हज़ार करोड़ के विकास कार्यों को रफ्तार देने में प्राधिकरण के अधिकारी जुटे हुए हैं. ऐसे में किसानों का 'विकास' हो इस बात का भी ख्याल अथॉरिटीज को रखना होगा.
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
सबसे पहले धारा 4 के तहत जमीन नोटिफाइड की जाती है. फिर धारा 6 के तहत मुआवज़ा देना शुरू किया जाता है. जमीन का अवार्ड कर जमीन पर अधिग्रहण किया जाता है. जो किसान मुआवजा नहीं उठाते हैं और उन्हें आपत्ति होती है तो वह कोर्ट चले जाते हैं. ऐसे में अथॉरिटी मुआवजा जिला प्रशासन के कोष में जमा कर देता है. उसके बाद वक्त में मुआवजा अगर किसान नहीं उठाते हैं तो ट्रेजरी से मुआवजा डिस्ट्रिक्ट जज के यहां जमा कर दिया जाता है.
हालांकि नोएडा में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजे को लेकर कई दिनों से कई गांवों के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया गया.
जबकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेश उपाध्याय का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को उनका हक नहीं दे रही है. किसानों का हक और उनका मुआवजा प्राधिकरण ने रोक रखा है.