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बीमा कंपनी के कर्मचारी की हत्या के मामले में दो आरोपियों को उम्रकैद

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Published : Apr 21, 2023, 9:02 PM IST

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साल 2009 में लूट के दौरान हुयी बीमा कंपनी के कर्मचारी की हत्या के मामले में एन्टी डकैती कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा

फिरोजाबाद की एंटी डकैती कोर्ट ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

फिरोजाबादः जनपद की एंटी डकैती कोर्ट ने लूट के दौरान बीमा कंपनी के कर्मचारी की हुई हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने उन पर 35 -35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर आरोपियों को एक- एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. इस चर्चित मामले में पुलिसिया जांच पड़ताल के दौरान 4 अभियुक्तों के नाम प्रकाश में आए थे जिनमें से अदालत ने साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक टूंडला कोतवाली क्षेत्र में 11 मई 2009 को एक बीमा कंपनी में कार्यरत राकेश शर्मा की बाइक सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाइक सवार बदमाश उसका बैग लूटकर ले गए थे. मृतक अपने भाई के पास आगरा जा रहा था. वह भाई के घर नहीं पहुंचा तो भाई को चिंता हुई. वह फिरोजाबाद आया तब पता चला कि उसके भाई की हत्या हो गई है.

मृतक के भाई ने थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ भाई की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. बाद में गिरफ्तारी और माल बरामदगी के आधार पर पुलिस ने संजय उर्फ संजू पुत्र रामप्रकाश निवासी वासदेव पुर, जितेंद्र यादव पुत्र कालीचरण गुदाऊ, विजय कुमारी उर्फ बिजया पुत्री मोहनलाल निवासी सुहाग नगर तथा वीरेंद्र पुत्र सुगर सिंह गुंदाऊ के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया.

पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद चारों अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र आजाद सिंह की अदालत में चला. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए.

गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने संजय तथा जितेंद्र को हत्या का दोषी माना. न्यायालय ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.कोर्ट ने दोनों पर 35 - 35 हजार रुपया अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड ना देने पर उन्हें एक एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय ने विजय कुमारी उर्फ विजया तथा वीरेंद्र को दोषमुक्त कर दिया.

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