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Firozabad Mahotsav : मालिनी अवस्थी ने लोगों का मोहा मन, बोलीं- रामचरित मानस विवाद का कलाकारों पर कोई असर नहीं

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Published : Feb 6, 2023, 8:14 AM IST

फिरोजाबाद के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित महोत्सव में लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने लोगों का मन मोह लिया. उन्होंने रामचरित मानस के विवाद पर कहा कि कलाकारों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

लोक गायिका मालिनी अवस्थी
लोक गायिका मालिनी अवस्थी

फिरोजाबाद महोत्सव में लोक गायिका मालिनी अवस्थी

फिरोजाबाद: जनपद के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित हो रहे फिरोजाबाद महोत्सव के नौवें दिन यानी कि शनिवार रात लोक गायिका मालिनी अवस्थी के नाम रही. मालिनी अवस्थी ने अपने लोक गायन के जरिए लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. साथ ही देश की प्राचीन संस्कृति को एक बार फिर जीवित कर दिया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान राम और कृष्ण लोगों के दिल में बसते हैं. उन्होंने कहा कि कलाकारों पर इस विवाद का कोई असर नहीं पड़ेगा. कलाकर तो प्रभु की महिमा का गुणगान करते हैं. ईश्वर ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे, जो ईश्वर के नाम पर विवाद खड़ा कर रहे हैं.

फिरोजाबाद महोत्सव 27 जनवरी से शुरू हुआ था. यह महोत्सव 10 दिनों तक यानी कि 5 फरवरी तक चलेगा. दरअसल, 5 फरवरी 1989 को फिरोजाबाद को जनपद का दर्जा मिला था. इससे पहले यह आगरा जनपद का हिस्सा था. स्थापना दिवस के अवसर पर इस बार यूपी सरकार के पर्यटन और सांस्कृतिक परिषद द्वारा यह महोत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. इसमें देश भर के कई नामचीन कलाकार भाग ले रहे हैं.

अब तक इस समारोह में मशहूर गजन गायक अनूप जलोटा, पॉप सिंगर कैलाश खेर, पंजाबी सिंगर जसवीर जस्सी, हास्य कलाकार राजन श्रीवास्तव, डांसर पूजा चटर्जी, अर्श मोहम्मद, मशहूर कब्बाल निजामी बंधु और साबरी ब्रदर्स भी आ चुके हैं. समारोह के नौंवे दिन मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने लोक गायन से एक बार फिर लोक परम्परा और लोक गायन की विधा को जीवित कर दिया. उन्होंने लोकनृत्य भी पेश किया.

मालिनी अवस्थी मीडिया से भी रूबरू हुई. उन्होंने यहां की रंग बिरंगी चूड़ियों की तारीफ करते हुए कहा कि यह शहर हर सुहागिन के ह्रदय में बसता है. उन्होंने रामचरित मानस पर उठे विवाद पर कहा कि कलाकरों पर इस विवाद से कोई फर्क नहीं पड़ता है. हम लोग तो प्रभु की महिमा गाते हैं. भगवान राम और कृष्ण तो कलाकरों के कंठ में विराजते हैं. उन्होंने गीत गायन के जरिए भगवान से प्रार्थना की कि जो लोग धर्म, ग्रन्थ या फिर ईश्वर पर विवाद खड़ा कर रहे हैं, ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे. फिरोजाबाद महोत्सव के नौवें दिन कवि सम्मेलन और मुशायरे का भी आयोजन किया गया.

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