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Canal in Firozabad: चुनाव में मुद्दा बन जाती है ये नहर, 20 साल से है पानी का इंतजार

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Published : Nov 13, 2021, 7:41 AM IST

Updated : Nov 13, 2021, 8:17 AM IST

नहर.
नहर.

यूपी के फिरोजाबाद जिले में एक ऐसी नहर है जो पिछले 20 सालों से प्यासी पड़ी है. जब-जब चुनाव आते हैं तो ये नहर चुनावी मुद्दा बन जाती है, लेकिन उसके बाद कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं रहता.

फिरोजाबाद: हाथरस जनपद से निकलकर फिरोजाबाद जिले के खेतों की प्यास बुझाने वाली फिरोजाबाद नहर बीते 20 सालों से खुद प्यासी पड़ी है और पानी के इंतजार में है. वैसे तो इस नहर में पानी लाने के तमाम प्रयास भी हुए और दावे भी किए गए, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. जब-जब विधानसभा के चुनाव होते हैं तो यह नहर चुनावी मुद्दा बन जाती है. प्रत्याशी वादा करते हैं कि विधायक बनने के बाद वह इस नहर में पानी लाएंगे, लेकिन नेताओं का वादा अभी अधूरा ही है. जिसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर नहर की पड़ताल की और आसपास के किसानों से बातचीत की.

हाथरस जनपद से निकलने वाली इस नहर का 74 किलोमीटर लंबा भाग फिरोजाबाद जिले की सीमा में है. टूंडला के साथ-साथ नारखी और फिरोजाबाद विकासखंड के करीब 200 गांव की जमीन की प्यास इस नहर से बुझती थी, लेकिन पिछले काफी समय से इसमें पानी नहीं आया है. टूंडला और नारखी क्षेत्र के कुछ गांव में तो कभी-कभी पानी आता भी था, लेकिन शहर के नजदीक और फिरोजाबाद विकासखंड के जो गांव हैं. उनमें तो करीब 20 साल से पानी नहीं आया है.

जानकारी देते किसान.

शहर के आसपास का इस नहर का हाल तो यह है कि यह एक गंदे नाले में तब्दील हो गई है और कई जगहों पर तो बड़ी-बड़ी जलकुंभी भी उग आई है. साल 2002 में अजीम जब इस विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने थे. तब उनके प्रयासों से इस माइनर के जीर्णोद्धार के प्रयास हुए थे और उसके लिए पैसा भी स्वीकृत हुआ था. साथ ही कुछ काम भी हुआ था. तब यह नारा लगा था कि भागीरथ लाए गंगा और अजीम भाई लाए बंबा, लेकिन योजना परवान न चढ़ सकी और बंबा के जीर्णोद्धार का कार्य रुक गया. तब से लेकर अब तक यह बंबा यूं ही जर्जर हालत में सूखा पड़ा है. इसे लेकर कई बार किसान यूनियन ने आंदोलन भी किए. जिसके बाद जनप्रतिनिधि सक्रिय हुए और उनके प्रयासों के फलस्वरूप बंबा के जीर्णोद्धार के लिए 26 करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत भी हुई, लेकिन यह नहर आज भी सूखी है.

किसान चाहते हैं कि इस नहर का जीर्णोद्धार हो जिससे इस नहर के आसपास के जो खेत है उनकी प्यास बुझ सके. डीजल और बिजली की कीमतें बढ़ने से सिंचाई महंगी हो गई है वैसे भी फिरोजाबाद और टूण्डला ब्लाक डार्क एरिया में आता है जहां सिंचाई के कोई साधन नहीं है. एक बार फिर किसान उन जनप्रतिनिधियों की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे है जिन्होंने चुनाव में वादा किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद मुड़कर भी नहीं देखा.

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Last Updated :Nov 13, 2021, 8:17 AM IST
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