चचेरी बहन से युवक करता था प्यार, समाज के डर से कर दी थी हत्या, अब जेल में कटेगी जिंदगी

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Published : May 31, 2023, 7:17 PM IST

etv bharat

फतेहपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सात पहले हुई हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास और 13 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. दोषी को अपनी ही चचेरी बहन से प्यार था. बहन की शादी हो गई थी, जिससे वह परेशान रहता था.

फतेहपुर: फतेहपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने सात साल पहले चचेरी बहन से प्यार और हत्या के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया है. अपर सत्र न्यायालय पॉस्को कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 13 हजार रुपये का अर्थदंड देने का फैसला सुनाया है. जुर्माने की राशि अदा न करने पर आरोपी को अतिरिक्त सजा भी भोगनी पड़ेगी.

अभियोजक देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि थरियांव थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार ने 20 सितंबर 2016 को पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शीला की शादी सुल्तानपुर घोष के रहने वाले राजकुमार तिवारी से हुई थी. पति गुड़गांव की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है. उसी दिन करीब नौ बजे सुबह शीला खागा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से पैसे निकालकर फोन पर बच्चों के कपड़े खरीद कर घर वापस जाने की बात पति को बताई, लेकिन महिला जब देर रात तक घर नहीं पहुंची तो उसके देवर प्रेम कुमार ने इस बात की जानकारी भाई राजकुमार को दी.

यह सुन राजकुमार ने अपने ससुर लक्ष्मीकांत द्विवेदी को इसकी सूचना दी और दूसरे दिन गुरुग्राम से राजकुमार वापस गांव आ गया और महिला की खोजबीन शुरू की. इस बीच गांव के कुछ लोगों ने महिला को अजय द्विवेदी उर्फ रज्जन के साथ मोटरसाइकिल से खागा बाईपास की ओर जाते देखे जाने की जानकारी दी. इसके बाद परिजन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराने गए तो पता चला कि एक महिला का हसवा चौकी क्षेत्र में शव बरामद हुआ है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवाया गया है. इस पर परिजन मोर्चरी हाउस पहुंचे और शव की पहचान शीला के रूप में की. इसके बाद परिजनों ने महिला की हत्या का संदेह जताते हुए अजय द्विवेदी उर्फ रज्जन निवासी करनपुर थाना सुल्तानपुर घोष पर आरोप लगाते हुए थरियांव थाने में तहरीर दी.

मामले में विवेचना के दौरान महिला के मायके पहुंची पुलिस ने आरोपी के परिवार और ग्रामीणों से पूछताछ की. इसके बाद मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर दूसरे दिन आरोपी अजय द्विवेदी मोड़ को एकारी मोड़ के पास से हत्या में प्रयुक्त चाकू और अवैध असलहा के साथ गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मृतका उसकी चचेरी बहन थी, जिससे वह प्यार करता था. उसकी शादी के बाद से वह परेशान रहता था. समाज के कलंक और डर से अजय उससे शादी नहीं कर सका. आरोपी ने बताया कि घटना से 10-12 दिन पहले शीला की बहन के बच्चे का मूलशांति कार्यक्रम था, जहां शीला भी आई थी. इस दौरान अजय से शीला के मिलने की जानकारी ग्रामीणों को हो गई. इस बीच गांव के कुछ और लोगों से शीला से संबंध होने का पता चला, तभी अजय ने शीला के हत्या करने की योजना बनाई.

अभियोजक ने बताया कि 20 सितंबर 2016 को अजय ने शीला को खागा मिलने बुलाया और मोटरसाइकिल से बांदा घुमाने ले गया. घर वापस लौटते समय शाम साढ़े छह बजे जैसे ही अजय हसवा चौकी के सुल्तानपुर खालसा रोड मोड़ पर सुनसान जगह पहुंचा और महिला से जिंदगी बर्बाद करने की बात कहते हुए पेट में चाकू घोंप दिया. इससे मौके पर ही महिला की मौत हो गई. इसके बाद आरोपी ने महिला को झाड़ी में घसीट कर आग लगा दी. मामले में पुलिस ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. बुधवार को अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए. गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अजय को घटना का दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया है.

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