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दहेज हत्या में पति को उम्रकैद, सास और ससुर को 10-10 साल का कारावास

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Published : Apr 12, 2023, 7:18 AM IST

फतेहपुर में मंगलवार को कोर्ट ने दहेज हत्या में पति को उम्रकैद और सास व ससुर को 10-10 साल कारावास की सजा सुनाई. इन तीनों पर दहेज के शेष पैसे न देने पर महिला की हत्या करने का आरोप लगा था.

फतेहपुर
फतेहपुर

फतेहपुर: पॉक्सो एक्ट कोर्ट नंबर एक के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने मंगलवार को दहेज हत्या के एक मामले में पति को आजीवन कारावास के साथ सास व ससुर को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई. वहीं, आरोपियों पर 68 हजार पांच सौ रुपये का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने अर्थदंड की आधी राशि पीड़ित परिवार को देने का आदेश भी दिया.

अभियोजक देवेश कुमार सिंह ने बताया कि बांदा के बनवारीपुर रोड नई दुनिया कर्वी, थाना कोतवाली निवासी विष्णु देव गुप्ता ने अपनी बेटी रूपा देवी की शादी 9 दिसंबर 2012 को गाजीपुर थाना क्षेत्र के शाह गांव के रहने वाले रजनीश गुप्ता से की थी. शादी की शर्तों में तय नकदी, बाइक और अन्य सामान दिया था. लेकिन, नकद पैसों में 50 हज़ार रुपये कम थे. इसकी मांग ससुर रामगोपाल, सास जमुना गुप्ता, जेठ पप्पू और पति कर रहे थे. इस पर लड़की के पिता ने चौथी में आकर देने की बात कही थी. व्यवस्था न होने पर वे खाली हाथ चौथी में पहुंच गए. इससे नाराज होकर ससुरालीजनों ने बेटी को पिता के साथ मायके भेज दिया और बाकी पैसे लेकर ससुराल वापस आने की बात कही. कुछ दिनों बाद रजनीश अपनी ससुराल रूपा को लेने पहुंचा तो रूपा के पिता ने 10 हजार रुपये दिए. रजनीश रूपा को लेकर वापस अपने गांव आ गया. बाकी पैसों के लिए जेठानी और उक्त ससुराली रूपा को प्रताड़ित कर मारपीट करते थे.

घटना के 15 दिन पहले रूपा मायके गई थी. वहां अपने साथ मारपीट की जानकारी परिजनों को दी थी. लेकिन, परिजनों ने समझा-बुझाकर उसे फिर ससुराल भेज दिया था. 18 अगस्त 2013 को रिश्तेदारों से रूपा की हत्या की जानकारी मिली तो परिजन बेटी की ससुराल पहुंचे. वहां सारे लोग घर से फरार थे. बाहर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र थी. घर के ऊपर कमरे में रूपा का शव पड़ा था. हाथ और पीठ पर चोट के निशान भी थे. इसकी रूपा के पिता ने स्थानीय थाने गाजीपुर में पति सहित उक्त लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी. विवेचना के दौरान साक्ष्यों के अभाव में जेठ जेठानी को छोड़ दिया गया था.

वहीं मामले में पति सहित तीन के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. मंगलवार को अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 8 गवाह पेश किए गए. साक्ष्य और दलीलों के आधार पर अदालत ने पति को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा के साथ 51000 रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया. वहीं, आरोपी सास और ससुर को 10-10 साल का कारावास और प्रत्येक को साढ़े 17 हजार रुपये जुर्माना देने का फैसला सुनाया.

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