फर्रुखाबाद: पूर्व विधायक विजय सिंह को 3 साल कारावास व 8 लाख के अर्थदंड की सजा एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को सुनाई है. विजय सिंह पर सिपाही को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था. जुर्माना अदा न करने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए हैं.
पूर्व विधायक विजय सिंह वर्तमान में बांदा जेल में भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी के हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है. मंगलवार को फैसला सुनाए जाने के दौरान वर्चुअल रूप से विजय सिंह न्यायालय में उपस्थित हुए. दरअसल, फतेहगढ़ कोतवाली में तैनात तत्कालीन सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर ने 28 जून 2014 को निजी रिवाल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. जब सिपाही विजेंद्र सिंह तोमर के कपड़ों की तलाशी ली गई, तो उसमें एक सुसाइड नोट मिला था.
सुसाइड नोट में लिखा था कि 'अपनी बेटी नीतू की नौकरी ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर लगवाने के लिए पूर्व विधायक विजय सिंह को 4 लाख 17 हजार रुपए दिए थे. ये रुपये गहने गिरवी रखने के बाद दिए थे. लेकिन, पूर्व विधायक ने पैसे ले लिए और बेटी की नौकरी नहीं लगवाई. रुपये मांगने पर वापस भी नहीं दिए. जिससे वह मानसिक तनाव में है और आत्महत्या कर रहा है.' इस मामले में सिपाही विजेंद्र के बेटे राहुल तोमर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
इस मामले में नवाब अहमद ने 5 अप्रैल 2019 को पूर्व विधायक विजय सिंह के खिलाफ सिपाही को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें एमपीएमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया. खुदकुशी के लिए उकसाने के सबूत न्यायालय के सामने साबित नहीं हो पाए. जिस कारण पूर्व विधायक को बरी कर दिया गया. लेकिन, विधायक पर अमानत में खयानत का आरोप साबित हो रहा है. इसमें दोषी करार देते हुए पूर्व विधायक विजय सिंह को 3 साल सश्रम कैद के साथ 8 लाख के जुर्माने से दंडित किया गया है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. अमानत में खयानत का मामला पूरे मुकदमे में नहीं आया था.
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