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फर्रुखाबाद : नहीं थम रहा गोवंश की मौत का सिलसिला, जिलाधिकारी ने बुलाई बैठक

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Published : Jun 11, 2019, 10:19 PM IST

जिले में मवेशियों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है. कई दिनों से स्थाई व अस्थाई गोशालाओं में लगातार गायों और गोवंश की मौत हो रही है, जिसके बाद डीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक की.

फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी ने बुलाई बैठक.

फर्रुखाबाद: जिले की गोशाला में गायों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कई दिनों से स्थाई व अस्थाई गोशालाओं में लगातार गायों और गोवंश की मौत हो रही है, जिसके बाद डीएम मोनिका रानी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को जल्द से जल्द पर्याप्त चारा समेत अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं.

फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी ने बुलाई बैठक.

गोवंश की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा

  • जिले में करीब 24 स्थाई व 118 अस्थाई गोशाला हैं. वहीं शासन की ओर से जारी की गई 1 करोड़ 20 लाख की धनराशि से नवादा इलाके में गोशाला बनाई जा रही है.
  • इन गोशालाओं में मवेशियों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है, गोशालाओं में लगभग 5 हजार 143 गोवंश बंद थे.
  • पिछले एक माह में मवेशियों की मौत का आंकड़ा 100 पार कर चुका है.
  • लगातार गोवंश की मौत के बाद मंगलवार को डीएम मोनिका रानी ने बीडीओ, पशु चिकित्सक अधिकारी समेत आला अधिकारियों संग बैठक करके उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

अधिकारी 8 से 10 घंटे तक ड्यूटी करें और गौशालाओं के लिए खर्च की जाने वाली धनराशि का स्टीमेट बनाकर दे, 1 हफ्ते के अंदर पैसा जारी कर दिया जाएगा. फिलहाल स्थाई व अस्थाई गौशाला में गोवंश के मरने की संख्या नहीं है. पशु पालन विभाग से आंकड़ा लेकर जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा.

- मोनिका रानी, जिलाधिकारी

Intro:एंकर- फर्रुखाबाद की गौशाला में गायों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कई दिनों से स्थाई व अस्थाई गौशालाओं में लगातार गायों और गोवंश की मौत हो रही है, जिसके बाद डीएम मोनिका रानी ने बैठक के दौरान अधिकारियों को जल्द से जल्द पर्याप्त चारा समेत अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं.


Body:वीओ- जिले में करीब 24 स्थाई व 118 अस्थाई गौशाला हैं. वहीं शासन की ओर से जारी की गई 1 करोड़ 20 लाख की धनराशि से नवादा इलाके में गौशाला बनाई जा रही है. उक्त गौशालाओं में लगभग 5 हजार 143 गोवंश बंद थे. इन गौशालाओं में मवेशियों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है. यहां आए दिन मवेशियों की मौत होने के बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं. बताते चलें कि पिछले एक माह में मवेशियों की मौत का आंकड़ा 100 पार कर चुका है. प्रशासन की लापरवाही के चलते गौसदन में प्रतिदिन बेजुबान बेमौत मर रहे हैं. वहीं लगातार गोवंश की मौत के बाद मंगलवार को डीएम मोनिका रानी ने बीडियो, पशु चिकित्सक अधिकारी समेत आला अधिकारियों संग बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधिकारी 8 से 10 घंटे तक ड्यूटी करें और गौशालाओं के लिए खर्च की जाने वाली धनराशि का स्टीमेट बनाकर दे 1 हफ्ते के अंदर पैसा जारी कर दिया जाएगा. हालांकि जब उनसे पिछले माह में मरने वाले गोवंश का आंकड़ा पूछा गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थाई व अस्थाई गौशाला में गोवंश के मरने की संख्या नहीं है. पशु पालन विभाग से आंकड़ा लेकर जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा.


Conclusion:गौ सदन में चारे की व्यवस्था नहीं: इन गौसदन में न तो पर्याप्त चारे की व्यवस्था है और ना ही उनकी देखरेख की जाती है. कहीं खुले मे तो कहीं टीन शेड में गर्मी से परेशान गायों व बछड़ों को समय पर इलाज की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है, जिस कारण गोवंश मर रहे है.
बीते दिनों छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए चले अभियान के बाद इनकी संख्या ज्यादा होने पर उच्चाधिकारियों के आदेश पर काफी संख्या में मवेशी गौसदन में भेजे गए थे. प्रशासन की ओर से छुट्टा गायों की बड़ी खेप के साथ उनके चारे की व्यवस्था के लिए कुछ बजट भी उपलब्ध कराया गया था, लेकिन गाय, बछड़े व सांड की संख्या बढ़ने से गौसदन में चारा समय से पहले ही खत्म हो जाता है और गर्मी बढ़ने के कारण चारा व पानी के अभाव में गौसदन के मवेशी दम तोड़ रहे हैं. खासतौर से जून का महीना मवेशियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.

बाइट- मोनिका रानी, जिलाधिकारी
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