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फर्रुखाबाद में मौतों पर नहीं लग रही लगाम, CMO के आंकड़ों में फेरबदल

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Published : Oct 14, 2021, 2:20 PM IST

फर्रुखाबाद
फर्रुखाबाद

यूपी के फर्रुखाबाद में बुखार से मौतों पर लगाम नहीं लग पा रहा है. वहीं सीएमओ साहब आंकड़ों में फेरबदल करते नजर आ रहे हैं.

फर्रुखाबाद: जिले में लगातार पिछले 1 महीने से बुखार का कहर जारी है. हालात यह है तकरीबन 7 ब्लॉकों के अधिकांश ग्राम बुखार से पीड़ित हैं. ग्रामों में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण बुखार डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड से ग्रसित हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ों की अगर बात की जाए, तो जिले के सीएमओ साहब आंकड़ों में फेरबदल कर रहे हैं. सीएमओ के मुताबिक जिले में मौतों का आंकड़ा बढ़ने की जगह कम होने लगा है.

पिछले 10 दिन पहले सीएमओ के मुताबिक तकरीबन जिले में 25 मौत होने का आंकड़ा सामने आया था, लेकिन सीएमओ ने आंकड़ों का फेरबदल ऐसा किया कि महज 9 मौत ही दिखाया. जब भूल सुधार के लिए उनसे जानकारी की गई, तो फिर आगे उन्होंने जिले में 19 मौतों को होना बताया. सीएमओ सतीश चंद्रा खुद ही मृतकों के आंकड़े अलग-अलग आंकड़े पेश कर रहे हैं.

वहीं जब लगातार बुखार का कहर बढ़ता ही जा रहा है. बुखार से लगातार मौतें हो रही हैं. सीएमओ के आंकड़े को देखकर सभी लोग हैरान हैं. वहीं जिले में बीमारी का आलम यह है कि कई ग्रामों में शायद ऐसा कोई घर बचा है, जिसमें कोई बुखार से पीड़ित न हो. जिले के स्वास्थ्य महकमे पर लगातार ग्रामीण लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. सही से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीण स्तर पर दवाई और टेस्टिंग की शिकायत करते नजर आते हैं. लेकिन दूसरी तरफ सीएमओ कह रहे हैं कि जिले में कहीं भी दवाई और टेस्टिंग की कोई कमी नहीं है, जबकि जमीनी हालात इससे बिल्कुल उलट हैं. ग्रामों की अगर बात करें, तो ग्रामीण बुखार डेंगू मलेरिया का इलाज कराने के लिए निजी अस्पतालों का सहारा ले रहे हैं. हजारों रुपये खर्च कर बीमारी से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं.

वहीं जिले के नवाबगंज ब्लॉक में कई गांव बुखार की चपेट में है. ग्रामीणों के मुताबिक जिले में पिछले 1 महीने से लगातार डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड के हजारों लोग पीड़ित रहे हैं और लगातार संख्या बढ़ रही है. पीड़ित ग्रामीणों की अगर माने तो जिले के कमालगंज व कायमगंज सीएचसी पर बनाए गए डेंगू वार्ड में जो मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. उनको बाहर की दवाई डॉक्टरों के द्वारा लिखी जा रही है.

डॉक्टरों की मनमानी के आगे पीड़ित मरीज निजी दवाई खरीदकर सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं. इनको देखने और सुनने वाला कोई नहीं है. जिले के हालात हैं कि बहुत सी पीएससी केंद्रों पर बेड की किल्लत भी सामने आई है, लेकिन जिले के सीएमओ इस बात को सिरे से नकार रहे हैं. जिला अस्पताल लोहिया में बनाए गए पीकू वार्ड को भी डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड के मरीजों के लिए खोल देने का दावा कर रहे हैं.

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