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खबर का असर: फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज

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Published : Aug 30, 2021, 5:13 PM IST

उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग और अधिकारी कितने एक्टिव हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि फर्जी अभिलेखों के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाली सुमन को बर्खास्त करने में विभाग को 8 माह लग गए. इस पर जब जिम्मेदारों से जवाब मांगे गए तो बीएसए भी गोलमोल जवाब देते नजर आए. इस मुद्दे को जब इटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया तो आखिरकार आनन-फानन में फर्जी शिक्षिका पर FIR दर्ज की गई है.

फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज
फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज

फर्रुखाबाद: आखिरकार जिले में दो शिक्षकों के एक ही पैन कार्ड पाए जाने के मामले में शिक्षिका पर एफआईआर (FIR) दर्ज हो गई है. जबकि, शिक्षिका को विभाग ने बर्खास्त करने में 8 माह का समय लगा दिया. वहीं, एफआईआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी. जब ईटीवी भारत ने दो दिन पूर्व जब यह खबर प्रमुखता से चलाई तो आनन-फानन में फर्जी शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज कर दी गई.



दरअसल, विभाग को शिक्षकों को बर्खास्त करने में 8 माह का समय लग गया. जबकि कई दिन पहले रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे फिर भी विभाग की लापरवाही से अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई जा रही थी. बता दें कि दिसंबर 2020 में आगरा जिले के ब्लॉक खंदौली स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेरखा में तैनात शिक्षिका सुमन शाक्य फर्रुखाबाद के ब्लॉक नवाबगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय सुमन के पैन कार्ड एक पाए गए थे. मामला जब संज्ञान में आया तो जांच शुरू हुई. इस जांच में नवाबगंज में तैनात सुमन के अभिलेख फर्जी पाए गए. मगर कार्रवाई करने की जगह नोटिस दिए जाने का दौर शुरू हो गया. मामला दबाने के लिए सांठ-गांठ के खेल का भी आरोप लगा. इस खेल में कभी सुमन को मृत दर्शाया गया तो कभी जिंदा.

फर्जी शिक्षिका पर मुकदमा दर्ज
वहीं ईटीवी भारत ने लगातार इस प्रकरण पर नजर रखी. इसके बाद 10 अगस्त 2021 को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी हासिल करने वाली सुमन को बर्खास्त करते हुए शिक्षा अधिकारी नवाबगंज ललित मोहन पाल को तीन दिन में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए, इस निर्देश को अनदेखा करते हुए रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई जा रही थी.वहीं, इस मुद्दे पर जब बीएसए से ईटीवी भारत ने सवाल किया था तो उन्होंने बताया कि शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है साथ ही रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं और एफआईआर के भी निर्देश दिए गए हैं. हमने उनसे पूछा था कि बर्खास्त करने में आठ माह का समय लगा, मगर अभी तक उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस सवाल पर बीएसए गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए थे. उन्होंने कहा था कि जल्द ही एफआईआर दर्ज हो जाएगी. वहीं जब फर्जी के चयन पर विभाग की लापरवाही पर सवाल किया तो उन्होंने एक बार भी गोलमोल जवाब देते हुए कहा था कि शिक्षिका कन्नौज से आई थी और अपनी बात समाप्त कर दी. ईटीवी भारत की खबर का बीएसए ने संज्ञान लेते हुए आनन-फानन में रविवार को बीईओ नवाबगंज ललित मोहन पाल ने फर्जी शिक्षिका सुमन के खिलाफ नवाबगंज थाने में तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विभागीय कामकाज की व्यवस्था के चलते रिपोर्ट दर्ज करने में देरी हुई है. फिलहाल, फर्जी शिक्षिका पर रिपोर्ट तो दर्ज हो गई है मगर अब देखने वाली बात होगी कि विभाग में 11 साल तक शिक्षिका नौकरी करने वाली सुमन पर आखिर किन-किन अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग रहा, साथ ही उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर विभाग कार्रवाई करेगा तो कब करेगा.
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