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भाजपा नेता ने किया घर पर कब्जा, कोर्ट ने एसडीएम सहित 89 पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश

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Published : Feb 10, 2022, 5:11 PM IST

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अधिवक्ता बर्बरता मामला

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में दिसंबर 2020 में हुई सरकारी अधिवक्ता बर्बरता मामले में एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर, कई पुलिस कर्मी सहित 89 लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कोर्ट ने आदेश दिए हैं.

एटा: जिले के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र (Thana Kotwali Nagar area) के अंतर्गत दिसम्बर 2020 में करोड़ों की भूमि पर कब्जे को लेकर हुए विवाद मामले में कोर्ट ने एसडीएम, पुलिस कर्मियों समेत कुल 89 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. घटनाक्रम में 40 अज्ञात लोग भी शामिल हैं. मामला जिले भर में चर्चा का केंद्र रहा था.

वरिष्ठ अधिवक्ता काफी लम्बे समय से एक मकान में निवास कर रहे थे. निवास पर एक योजना के तहत भाजपा नेता ने कब्जा कर लिया और पुलिस ने अधिवक्ता को परिवार सहित जेल भेज दिया. जिसका मुकदमा अधिवक्ता ने दर्ज कराने के लिए न्यायालय की शरण ली और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए स्पेशल जज डकैती कोर्ट में 156 /3 में प्रार्थना पत्र दिया. जो काफी समय से कोर्ट में लम्बित था. बीते दिन एन्टी डकैती स्पेशल जज सरोज कुमार ने नगर कोतवाली को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं.


ये था पूरा मामला-

21 दिसंबर 2020 को भाजपा नेता व सरकारी अधिवक्ता कांड में हुये गोलीकांड और पुलिस की बर्बरता पूरे जिले में चर्चा का विषय रही. 2020 की यह सबसे बड़ी हाई प्रोफाइल घटना थी, जिसमें पुलिस ने सरकारी अधिवक्ता को उसकी वकील की ड्रेस में सरेआम मार-पीटकर घर से परिवार सहित घसीटकर थाने में ले जाकर कई संगीन धाराओं में महिलाओं सहित मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था, साथ ही प्रशासन ने सरकारी अधिवक्ता के खिलाफ गुंडा एक्ट एनएसए जैसी कार्यवाही की प्रक्रिया भी शुरू की थी.अधिवक्ता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था.



न्यायालय के आदेश पर मुकदमा
कोर्ट ने 156/3 के तहत सुनवाई करते हुये 49 लोगों सहित 40 अज्ञात के खिलाफ कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज करने के आदेश किये हैं. कोर्ट में दी गई तहरीर के मुताबिक भाजपा नेता अविनाश शर्मा, रामू भटले सहित तत्कालीन सीओ राजकुमार सिंह, एसडीएम अब्दुल कलाम, थाना प्रभारी एके सिंह, महिला थानाध्यक्ष कंचन कटियार, कई दारोगाओं सहित 22 पुलिस कर्मी शामिल हैं. कुल 49 लोगों को घटनाक्रम में शामिल किया गया है, जिनमें 40 लोग अज्ञात हैं.

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घटना में एक पक्ष भाजपा का नेता है वही दूसरा पक्ष सरकारी अधिवक्ता है. दोनों ही पक्ष मकान पर मालिकाना हक बताते थे. जिसकी कीमत कई करोड़ है. दोनों ही पक्षों ने अलग-अलग लोगों से बैनामा करा रखा है.

घटना के समय तैनात थे ये अधिकारी
घटना के समय एटा जनपद में तत्कालीन जिलाधिकारी सुखलाल भारती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी अब्दुल कलाम, क्षेत्राधिकारी नगर राजकुमार सिंह (जो वर्तमान में एटा जनपद की ही तहसील अलीगंज में क्षेत्राधिकारी अलीगंज के रूप में तैनात हैं). तत्कालीन थाना प्रभारी नगर ए के सिंह, महिला थाना प्रभारी कंचन कटियार, महिला थाना प्रभारी उप निरीक्षक शान्ति देवी सहित कई दरोगा और होमगार्ड शामिल थे.

वहीं, इस मामले में जब सीओ राजकुमार सिंह से ईटीवी भारत ने फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि हमने अपना काम किया जो जिम्मेदारी थी वो निभाई है, जनता के हित में काम करना मेरा कर्तव्य है, वही हमने किया था. बावजूद कोर्ट ने मेरे विरुद्ध कोई आदेश किया है तो हम अपील में जाएंगे.

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