एटा: जिले में कोरोना का कहर जारी है. बाबजूद इसके डॉक्टरों के अभाव के चलते 16 वेंटिलेटर अलीगढ़ भेज दिए गए. जिसको लेकर नगरवासियों में आक्रोश व्याप्त है. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते शुक्रवार को समाजसेवी मेधाव्रत शास्त्री धरने पर बैठ गए और वेंटिलेटर को वापस लाने की मांग की.
जिले में 4 वेंटिलेटर की मांंग थी
शासन की तरफ से 20 वेंटिलेटर एटा भेजे गए थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 16 वेंटिलेटर अलीगढ़ भेज दिए. सीएमओ ने इसके पीछे का कारण यह बताया था कि एटा में केवल 4 वेंटिलेटरों की मांग की गई थी. 16 वेंटिलेटर का इस्तेमाल नहीं होगा. साथ ही इनके संचालन के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑपरेटर नहीं हैं. इसके अलावा फिजीशियन भी उपलब्ध नहीं हैं. इस वजह से यह वेंटिलेटर खाली पड़े हुए थे. इन वेंटिलेटर का संचालन हो सके, इसलिए अलीगढ़ भेज दिए गए.
इसी को लेकर प्रमुख समाजसेवी मेधाव्रत शास्त्री शनिवार शाम कलेक्ट्रेट पर अकेले ही धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि जब तक अलीगढ़ भेजे गए वेंटिलेटर वापस नहीं आएंगे, वे अपने धरने को समाप्त नहीं करेंगे. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी इस मुहिम में किसी को भी आने से मना किया है. कहा कि सभी लोग सोशल मीडिया पर इस मिशन से जुड़ें, ताकि कोविड नियमों का पालन हो सके. कहा कि जनपद में 20 लाख लोगों की जनसख्या है और 24 लाख लोगों पर मात्र 4 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं.
उन्होंने जिला प्रशासन को खुली चेतावनी दी कि अगर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने अनदेखी की तो लोग सड़कों पर उतरकर ईंट से ईंट बजाकर सोते हुए प्रशासन को जगाएंगे. मामले में डीएम डॉ. विभा चहल ने बताया कि 16 वेंटिलेटर हमारे पास डॉक्टरों के अभाव के चलते इस्तेमाल नहीं हो पा रहे थे, इसलिए अलीगढ़ भेजे गए हैं. जबकि एटा के सभी मरीज अलीगढ़ ही जाते हैं. इस तरह वहां पर इसका सही उपयोग हो सकेगा.