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सैनिकों पर लगे गैंगस्टर की जांच करने गौरीबाजार पहुंचे डीआईजी

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Published : Apr 5, 2021, 12:35 AM IST

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के गौरीबाजार में मामूली विवाद को लेकर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के मामले में पुलिस फंसती नजर आ रही है. डीआईजी ने गौरीबाजार थाने पहुंचे वादी, प्रतिवादी का बयान लिया है. गाड़ी ओवरटेक को लेकर 9 दिसम्बर को विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने अर्धसैनिक बल के जवान पर गैंगस्टर लगाया था.

DIG Dr Preetinder Singh
डीआईजी डॉ प्रीतिंदर सिंह.

देवरिया: मामूली विवाद में अर्धसैनिक बल के जवान पर गैंगस्टर एक्ट की हुई कार्रवाई गौरीबाजार पुलिस के गले की फांस बनती जा रही है. डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह थाने पहुंचे और वादी, प्रतिवादी का बयान दर्ज किया. इसके पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोरखपुर के निर्देश पर आईजी राजेश डी मोडक इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं. डीआईजी ने महिला हेल्प डेस्क पर भी जांच किया. सामान्य मामले में की गई गम्भीर कार्रवाई गौरीबाजार पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है.

यह है पूरा मामला

गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बखरा चौराहे के समीप 9 दिसम्बर 2020 को दो लोगों के बीच गाड़ी ओवरटेक को लेकर विवाद हो गया. इस मामले में गौरीबाजार पुलिस ने आदित्य प्रताप सिंह निवासी बैतालपुर की तहरीर पर बिरज राव, रणधीर राव, धीरज राव, प्रशांत सिंह पर धारा 147, 148, 149, 395, 323, 504, 506, 427 व 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार कर रुपये की बरामदगी दिखाते हुए जेल भेज दिया.

अभियुक्तों ने न्यायालय से जमानत कराया. फिर पुलिस द्वारा 5 फरवरी 2021 को उनपर गैंगस्टर की कार्रवाई कर दिया गया. पुलिस ने जिन चार लोगों पर गैंगस्टर लगाया था, उसमें से प्रशांत सिंह सीआरपीएफ के जवान हैं और रणधीर राव त्रिपुरा स्टेट रायफल में तैनात हैं. प्रशांत सिंह के पिता रामप्रकाश सिंह ने घटना के पूरे प्रकरण की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) को पत्रक दिया. पत्रक के माध्यम से उन्होंने पुलिस द्वारा कूटरचित तरीके से किए गए देश के जवान पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जांच की गुहार लगाई, जिस पर एडीजी ने जांच के लिए दो टीमें गठित की.

अचानक थाने पहुंचे आईजी

आईजी राजेश डी मोडक 24 मार्च को प्रकरण की जांच करने गौरीबाजार थाने पहुंचे. अचानक आईजी के पहुंचने से पूरे थाने में हड़कंप मच गया. आईजी ने एसपी श्रीपति मिश्र के सामने प्रकरण से जुड़े सभी सिपाही, मुंशी, थाना इंचार्ज, डायल 112 व पीड़ित का बयान दर्ज किए. साथ ही घटना स्थल पर जाकर आसपास के लोगों से पूछताछ की. 25 मार्च को एडीजी के स्टाफ अफसर अशोक कुमार द्वारा वादी, प्रतिवादी सहित गवाहों का बयान दर्ज किया गया था.

डीआईजी ने की पूछताछ

इस मामले में नवागत डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह गौरीबाजार थाने पहुंचे और आदित्य प्रताप सिंह, अर्धसैनिक बल के जवानों की पत्नियों, रामप्रकाश सिंह व थानाध्यक्ष गौरीबाजार गिरिजेश तिवारी का बयान दर्ज किए. जाते हुए उन्होंने महिला हेल्प डेस्क का निरीक्षण कर फरियादी रजिस्टर देखे व सुझाव दिए. इस दौरान सीओ रुद्रपुर अम्बिका राम अन्य पुलिस कर्मी व थाने के सिपाही मौजूद रहे.

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