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राम मंदिर निर्माण के लिए चित्रकूट का जल और रज लेकर अयोध्या रवाना हुए संत

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Published : Jul 30, 2020, 5:22 PM IST

चित्रकूट का जल और रज लेकर अयोध्या रवाना हुए संत
चित्रकूट का जल और रज लेकर अयोध्या रवाना हुए संत

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से सभी तीर्थों का जल और रज लेकर संतों का एक जत्था आज अयोध्या रवाना हुआ. मंदिर निर्माण में तपोभूमि चित्रकूट को विशेष महत्व देने पर संतों में अपार खुशी है.

चित्रकूट: राम जन्मभूमि में प्रभु श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट की रज और जल लेकर संतों का एक जत्था अयोध्या के लिए गुरुवार को रवाना हो गया. मंदाकिनी नदी के रामघाट तट पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद रज और जल का कलश लेकर संत अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर निर्माण में तपोभूमि चित्रकूट को विशेष महत्व देने पर संतों में अपार खुशी है. बता दें कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान साढ़े 11 वर्ष चित्रकूट में ही व्यतीत किए थे.

रज और कलश लेकर संत पहुंचे अयोध्या
अयोध्या में प्रभु राम की तपोभूमि चित्रकूट की रज और जल लेकर संत अयोध्या के लिए रवाना हुए. मंदाकिनी के रामघाट तट पर विधिवत पूजन अर्चन के बाद जल और रज का कलश लेकर संतों ने अयोध्या के लिए प्रस्थान किया. भरत मंदिर के महन्त दिव्य जीवन दास महाराज, कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास, राज्यमंत्री चन्द्रिका उपाध्याय, सांसद आर के सिंह पटेल, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, श्री तुलसी पीठ के आचार्य रामचंद्र दास, रामायणी कुटी के रामहृदय दास, पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे ने सन्तों के जत्थे को रवाना किया है.

चित्रकूट का जल और रज लेकर अयोध्या रवाना हुए संत

भरतकूप मंदिर में सभी तीर्थों का जल मौजूद
भरतकूप मंदिर के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने कहा कि चित्रकूट धरती लोक का देव स्थान है, जिसकी कामना स्वयं देवता करते हैं. वह कहते हैं कि धन्य है वह जो इस चित्रकूट में निवास कर रहे हैं. यहां का हर एक कण पवित्र है, क्योंकि चित्रकूट की धरा में भगवान श्रीराम ने साढ़े ग्यारह वर्ष व्यतीत किया है. भरतकूप मंदिर में बने कुएं में जो जल है वह सभी तीर्थों का जल है, जिसे भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए लाया गया था. प्रभु श्रीराम के मना करने के बाद उस जल को उसी कुएं में डाल दिया गया था. कामदगिरि प्रमुख द्वार के सन्त मदनदास महाराज ने कहा कि सम्पूर्ण चित्रकूट ही अयोध्या जा रहा है, क्योंकि प्रभु राम के यहां से अभिन्न सम्बन्ध रहे हैं और ये हमारा सौभाग्य है कि प्रभु के भव्य मन्दिर निर्माण में यहां की रज और जल को भी शामिल किया जाएगा. इसको लेकर वह अयोध्या जा रहे हैं.

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