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बस्ती जिला अस्पताल का हाल बदहाल, सिर्फ कागजों में सिमटी सरकारी सुविधाएं

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Published : Jun 13, 2019, 12:49 PM IST

चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के प्रभार वाला बस्ती जिला अस्पताल खुद वेंटिलेटर पर है. अस्पताल में डॉक्टर मनमाने तरीके से आते हैं. वहीं अस्पताल में साधारण मरीजों के इलाज की भी व्यवस्था नहीं है.

बस्ती जिला अस्पताल का हाल बदहाल.

बस्ती: एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है. वहीं इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के प्रभार वाले इस जनपद का जिला अस्पताल खुद वेंटिलेटर पर है.

बस्ती जिला अस्पताल का हाल बदहाल.
जानें पूरा मामला-
  • कागज में व्यवस्था दुरूस्त है पर हकीकत में साधारण मरीजों के इलाज की भी व्यवस्था नहीं है.
  • यहां मरीजों की लंबी कतार पहले डॉक्टर का इंतजार करती है फिर इलाज के लिए अपने नंबर का.
  • मरीजों को ओपीडी में डॉक्टर ढूंढे नहीं मिलते हैं.
  • यहां अल्ट्रासाउंड की सेवा भी ठप है.
  • जिला अस्पताल में ओपीडी खुलने का टाइम सुबह 8 बजे है.
  • वहीं अस्पताल में डॉक्टर 11 बजे के पहले नहीं बैठते हैं.

डॉक्टरों की कमी के कारण इमरजेंसी में भी सेवा देनी पड़ती है. डॉक्टर ओपीडी से पहले राउंड पर भी जाते हैं, जिसकी वजह से देरी होता है. वैसे डॉक्टरों को नौ बजे तक ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. जो भी लापरवाही करेगा उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

- डॉ. ओपी सिंह, प्रमुख अधीक्षक, जिला अस्पताल

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: ये आरोपों की फेहरिस्त नहीं हकीकत की जमीनी सच्चाई है कि किस तरह एक आम आदमी को जिला अस्पताल के परिसर में दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. ओपीडी से लेकर जांच और दवाईयों तक का सफर ऐसा रास्ता है जिसमें झूलकर आदमी थक जाता है और या तो वो तौबा करता है जिला अस्पताल से.

सुविधाओं के अम्बार में बेहतर व्यवस्था के दावे का दम्भ अस्पताल की हर दिवार पर भले की चस्पा मिल जाये लेकिन दावे एक बार फिर खोखले ही साबित हुए हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के प्रभार वाले इस जनपद का जिला अस्पताल खुद वेंटीलेटर पर है. यहां मरीजों की लंबी कतार पहले डाक्टर का इंतजार करती है फिर इलाज के लिए अपने नंबर का. मरीजों को ओपीडी में डाक्टर ढूंढे नहीं मिलते तो दूसरी तरफ अल्ट्रासाउंड सेवा भी ठप है. पेश है एक रिपोर्ट.....





Body:दरअसल कागज में व्यवस्था दुरूस्त है पर हकीकत में साधारण मरीजों के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हैं. यहां हर कदम पर बदइंतजामी और मनमानी देखने को मिलती है, जिसका खामियाजा रोगी और तीमारदार भुगत रहे हैं. जब हमने इसकी पड़ताल की तो सच्चाई खुलकर सामने आ गयी. बता दें की जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू होने का टाइम सुबह 8 बजे से है, इसलिए मरीज भी सुबह से ही लाइन में लग जाते हैं. लेकिन डॉक्टर समय से आते ही नही हैं.


पड़ताल में हमने पाया कि मरीज सुबह से ही ओपीडी खुलने का इंतजार करते रहे. मरीजो ने बताया कि यहां डॉक्टर अपनी मनमानी करते है, 11 बजे के पहले डॉक्टर बैठते ही नही है. उन्होंने बताया कि दिखाने के बाद जब जांच हो के रिपोर्ट मिलती है तब तक डॉक्टर जा चुके होते है. 


ये तो सिर्फ एक बानगी है कितने मरीज ऐसे ही रोज बिना इलाज के वापस चले जाते हैं. डॉक्टरों के समय से आफिस न आने के बाबत जब पूछा गया तो प्रमुख अधीक्षक जिला अस्पताल, डा. ओपी सिंह, ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण इमरजेंसी में भी सेवा देनी पड़ती है. डॉक्टर ओपीडी से पहले राउंड पर भी जाते है जिसकी वजह से बिलंब होता है. एसआईसी ने बताया कि वैसे डॉक्टरों को 9 बजे तक ओपीडी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. जो भी लापरवाही करेगा उसके खिलाफ जांच कर करवाई की जाएगी.


विजुअल...नदारद डॉक्टर
बाइट...मरीज
बाइट...प्रमुख अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, डॉक्टर ओपी सिंह





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