बरेलीः पाकिस्तान के हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ और जबरिया हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम बनाए जाने के खिलाफ बरेली से आवाज उठने लगी है. दरगाह आला हजरत से सम्बंधित तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम (All India Tanzeem Ulema-e-Islam) राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सहाबुद्दीन रजवी ने पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हुई ज्यादती मामले में सरकार से दखल की मांग की है. उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तान सरकार की ओछी हरकत है. इस्लाम में ऐसे नापाक हरकत करने वालों की कोई जगह नहीं है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के मौलाना सहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि जबरन या फिर कोई लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है. उन्होंने बताया कि किसी को जबरन या फिर किसी लालच से धर्म परिवर्तन तो करया जा सकता है, लेकिन दिल से नहीं बनाया जा सकता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कुछ मुस्लिम तंजीमें ऐसी हरकतें करती हैं जो कि इस्लामिक सिद्धांत के विरुद्ध हैं. क्योंकि इस्लाम सिर्फ जुबान की तस्दीक से नहीं बल्कि दिल से कबूल करने पर मिलता है. इसलिए किसी को जबरदस्ती मुसलमान नहीं बनाया जा सकता.
मौलाना ने कहा कि जल्द ही एक दिल्ली जाएंगे और पाकिस्तान में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार के मामले पर सरकार से दखल देने की मांग करेंगे. इस मामले में सरकार से मांग करेंगे कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर नकेल कसी जाए. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान दूतावास पर पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराएंगे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमान पूरी तरह से हिंदुओं के साथ है. बता दें कि पाकिस्तान में 60 हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम बनाए जाने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. पाकिस्तान के शहर रहीम यार खां के मंदिरों में तोड़ फोड़ की गई थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
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वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है. ऑल इंडिया रूरल बार एसोशिएसन (All India Rural Bar Association) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल ने परिवाद दाखिल कर राजद्रोह का मुकदमा चलाये जाने की फरियाद की है.