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पिता-भाई के साथ मिलकर पत्नी ने पति को मार डाला, शव को तालाब में छिपाया, तीनों को आजीवन कारावास

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 7:38 PM IST

बाराबंकी में पत्नी ने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर पति को मार डाला (Barabanki murder life imprisonment) था. शव को तालाब में छिपा दिया था. पुलिस ने तीनों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया था. मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मंगलवार को दोषियों को सजा सुनाई गई.

बाराबंकी
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बाराबंकी : सात साल पहले पत्नी को बुलाने ससुराल गए पति की उसकी पत्नी ने ही पिता और भाई के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद आरोपियों ने शव को तालाब में छिपा दिया था. मामले में जिले की सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने पत्नी, उसके भाई और पिता को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा सभी पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. ये फैसला मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एफटीसी-37) विनय प्रकाश सिंह ने सुनाया.

हत्या के बाद शव को तालाब में छिपाया था : एडीजीसी क्रिमिनल राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि मसौली थाना क्षेत्र के दरवेशपुर गांव की रहने वाली महिला छुटकी पत्नी स्व. छोटे ने 14 अक्टूबर 2016 को बदोसराय थाने में तहरीर दी. आरोप लगाया कि उसके पुत्र रामसुचित उर्फ गुड्डू की शादी बदोसराय थाना क्षेत्र के मैलारायगंज निवासी बहादुर की पुत्री शिवदेवी से हुई थी. पुत्र अपनी ससुराल बराबर आता-जाता रहता था, उसकी पत्नी का चाल-चलन ठीक नहीं था. शिवदेवी छोटी-छोटी बातों को लेकर भी रामसुचित की हत्या करवाने की धमकी देती थी. महिला के मुताबिक 11 अक्टूबर 2016 को गुड्डू अपनी पत्नी को बुलाने ससुराल मैलारायगंज गया था. 13 अक्टूबर 2016 की रात में रामसुचित उर्फ गुड्डू की पत्नी शिवदेवी, भाई फूलचन्द्र और उसके पिता बहादुर ने मिलकर गुड्डू को धारदार हथियार से काट डाला. हत्या के बाद शव को तालाब में जलकुंभी के नीचे छुपा दिया था.

परिजनों को दी थी तालाब में डूबने की सूचना : अगले दिन सुबह गुड्डू के साले ने महिला को सूचना दी कि गुड्डू तालाब में डूब गया है. इस सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे. देखा कि गुड्डू का सिर कटा हुआ है. सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी. घटना के बाद ससुराली गायब थे. महिला की तहरीर पर बदोसराय पुलिस ने शिवदेवी, फूलचन्द्र और बहादुर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर विवेचक ने चार्जशीट कोर्ट में फाइल की. अभियोजन पक्ष ने मामले में 13 गवाह पेश किए. दोनों पक्षों के गवाहों के बयान और दोनों पक्षो के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट विनय प्रकाश सिंह ने तीनों आरोपियों शिवदेवी, फूलचन्द्र और बहादुर को दोषी करार देते हुएसश्रम आजीवन कारावास और प्रत्येक को 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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