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बम भोले के जयघोष से गूंज उठा बाराबंकी, सड़कों पर नजर आ रहे शिवभक्तों के जत्थे

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Published : Mar 1, 2019, 8:45 PM IST

आदिकाल से सूबे के विभिन्न जिलों से आकर रामनगर थाना क्षेत्र के महादेवा में लोधेश्वर धाम स्थित भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाने की परंपरा रही है.

सड़कों पर कांवड़ियों की भीड़

बाराबंकी : कांधों पर कांवड़, पैरों में घुंघरू और जुबान पर बम भोले का जयघोष... इन दिनों बाराबंकी में ये नजारा देखकर हर कोई आस्था और भक्ति से लबरेज हो रहा है. सड़क किनारे पंक्तिबद्ध होकर निकल रहे इन शिवभक्तों को जो भी देखता है, उनके मुंह से अनायास ही बम भोले निकल जाता है.

दरअसल, आदिकाल से सूबे के विभिन्न जिलों से आकर रामनगर थाना क्षेत्र के महादेवा में लोधेश्वर धाम स्थित भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाने की परंपरा रही है. घर से निकलकर लोधेश्वर धाम तक पहुंचने में कहीं कोई गलती न हो गई हो, इसको लेकर ये कांवड़िये पूरी तरह सतर्क रहते हैं. इसी वजह से ये जगह-जगह रुककर कान पकड़कर अपनी गलतियों के लिए उठक-बैठक लगाकर भगवान भोले शंकर से माफी मांगते हैं.

देखिए बाराबंकी की सड़कों पर भोले के भक्तों का नजारा.

सूबे के विभिन्न जनपदों विशेषकर जालौन, उरई, बिठूर, कानपुर और उन्नाव से पैदल चलकर कांवड़िए महादेवा में स्थित लोधेश्वर धाम पहुंचते हैं. जत्था का जत्था, रात हो या दिन... बस एक ही धुन...एक ही लगन... भोले शंकर के दर पर पहुंचना. न थकान की परवाह है, न पैरों में छालों की.. बस जल्दी पहुंचकर भगवान शिव के आगे शीश झुका दें, यही जोश इनकी परेशानियों को कम कर देता है.

खास बात यह है कि दिन-रात चलते हुए इनसे रास्ते में जो गलतियां भी हो जाती हैं, उनकी माफी मांगने का भी एक विशेष तरीका है. कांवड़िये बताते हैं कि उनके द्वारा आने में जो गलतियां हो जाती हैं, उसके लिए उठक-बैठक करते हैं, कान पकड़ते हैं ताकि भगवान भोले शंकर उनकी गलतियों को माफ कर दें. कई शिवभक्त तो ऐसे हैं, जो पिछले कई वर्षों से आ रहे हैं. उनका मानना है कि लोधेश्वर धाम पहुंचकर भगवान भोले शंकर पर जल चढ़ाने मात्र से ही उनके कष्ट दूर हो जाते हैं.

भोले के भक्तों का होता है अलग अंदाज
कांवड़ियों का एक विशिष्ट अंदाज भी होता है. वे बताते हैं कि कांवड़ के लिए ये लोग महीने भर पहले से ही तैयारी करना शुरू कर देते हैं. कांवड़ पर झंडी और चमकीली पन्नी लगाकर उसको खूबसूरत बनाते हैं. बांस से तैयार हुई ये कांवड़ एक अजीब आकर्षण पैदा करती है. बांस में लटकी शीशियों में गंगा जल भरा रहता है, जिसे वे भगवान भोले पर चढ़ाते हैं.

Intro:बाराबंकी ,01 मार्च । कांधे पर कांवड़ ,पैरों में घुंघरूऔर जबान पर बम भोले का जयघोष इन दिनों बाराबंकी में ये नज़ारा हर कोई देखकर आस्था और भक्ति से लबरेज है । दरअसल आदिकाल से सूबे के विभिन्न जिलों से आकर रामनगर थाना क्षेत्र के महादेवा में लोधेश्वर धाम स्थित भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाने की परंपरा रही है । सड़क किनारे पंक्तिबद्ध होकर निकल रहे इन शिवभक्तों को जो भी देखता है , मुंह से अनायास ही बम भोले निकल जाता है । घर से निकलकर लोधेश्वर धाम तक पहुंचने में कहीं कोई गलती न हो गई हो इसको लेकर ये कांवड़िये पूरी तरह सतर्क रहते हैं । इसी वजह से ये जगह जगह रुककर कान पकड़कर अपनी गलतियों की उठक बैठक लगाकर भगवान भोले शंकर से माफी मांगते हैं । पेश है बाराबंकी से शिवभक्त कांवड़ियों की आस्था और विश्वास से लबरेज अलीम शेख की ये रिपोर्ट...


Body:वीओ - सूबे के विभिन्न जनपदों विशेषकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जालौन,उरई,बिठूर,कानपुर और उन्नाव से पैदल चलकर कांवड़िए जिले के महादेवा में स्थित लोधेश्वर धाम पहुंचते हैं । जत्था का जत्था, रात हो या दिन ,बस एक ही धुन...एक ही लगन... भोले शंकर के दर पर पहुंचना । न थकन की परवाह है न पैरों में छालों की । बस कितनी जल्दी पहुंचकर भगवान शिव के आगे शीश झुका दें यही जोश इनकी परेशानियों को कम कर देता है । खास बात ये कि दिन रात चलते हुए इनसे रास्ते मे कई गलतियां भी हो जाती हैं । इन गलतियों की माफी मांगने का भी एक विशेष तरीका है । कांवड़िये बताते हैं कि उनके द्वारा आने में जो गलतियां हो जाती हैं उसके लिए उठक बैठक करते हैं , कान पकड़ते हैं ताकि भगवान भोले शंकर उनकी गलतियों को माफ कर दे । कांवड़िए बताते हैं कि पवित्र गंगा जल ले जाकर महादेव धाम में चढ़ाते हैं । कई शिवभक्त तो ऐसे हैं जो पिछले कई वर्षों से आ रहे हैं । जिनका मानना है कि लोधेश्वर धाम पहुंचकरभगवान भोले शंकर पर जल चढ़ाने मात्र से ही उनके कष्ट दूर हो जाते हैं । कांवड़ियों का एक विशिष्ट अंदाज भी होता है ।इन्होंने बताया कि कांवड़ के लिए ये लोग महीने भर पहले से है तैयारी करना शुरू कर देते हैं । कांवड़ को सजाना उस पर झंडी और चमकीली पन्नी लगाकर उसको खूबसूरत बनाते हैं । बांस से तैयार हुई ये कांवड़ एक अजीब आकर्षण पैदा करती है । बांस में लटकी शीशियों में गंगा जल भरा रहता है जिसे ही भगवान भोले पर चढाते हैं ।
बाईट-शिवभक्त
बाईट- शिवभक्त
बाईट- शिवभक्त
पीटीसी - अलीम शेख


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9839421515
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