बाराबंकी : अभी धान की फसल कटनी शुरू ही हुई है कि पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं. बीते तीन दिनों में जिले में 17 घटनाएं फसल अवशेष जलाने की और एक घटना कूड़ा जलाने की सामने आई है. प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए 28 व्यक्तियों पर 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जबकि एक ग्राम प्रधान के क्षेत्र में हुई घटना के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार ठहराते हुए जिला प्रशासन ने ग्राम प्रधान के समस्त अधिकार सीज किये जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सम्बंधित ग्रामों के ग्राम विकास अधिकारियों और कृषि विभाग के कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. प्रशासन द्वारा की गई इस बड़ी कार्रवाई पर ग्राम प्रधानों और लापरवाह किसानों में हड़कम्प मचा है.
नहीं रुक रही पराली जलाने की घटनाएं
बताते चलें कि तमाम नियम कानूनों और सख्ती के बावजूद भी लापरवाह किसान खेतों में पराली यानी फसल अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. पराली जलाने से प्रदूषित हो रहे वातावरण को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने गम्भीरता से लिया था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस पर काबू करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. कृषि अपशिष्टों को जलाने से रोकने के लिए कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन स्ट्रा रीपर विद बाइंडर का प्रयोग अनिवार्य किया गया है. बिना रीपर मशीन के धान की कटाई करने वाले कम्बाइन मालिकों के खिलाफ सिविल दायित्व निर्धारित करते हुए आवश्यक कार्यवाही भी की जा रही है. हालांकि अब इस बीत की भी चर्चा हो रही है कि एक तरफ योगी सरकार पराली जलाने के मामले में दर्ज पिछले मुदकमों को वापस ले रही है, वहीं अब फिर से पराली जलाने के मामले में 28 लोगों पर 70 हजार का जुर्माना प्रशासन ने लगाया है.
प्रशासन ने की बड़ी कार्यवाई
यही नहीं, पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ग्राम प्रधानों, ग्राम विकास अधिकारियों, लेखपालों और कृषि विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है, बावजूद इसके जिले में बीते तीन दिनों के अंदर फसल अवशेष जलाने की 17 घटनाएं सामने आ गईं. जिला प्रशासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए पराली जलाने में शामिल 28 लोगों पर 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया है. यही नहीं, विकास खण्ड निन्दूरा के ग्राम मल्लावा की ग्राम प्रधान अनवर जहां पत्नी स्वर्गीय तजम्मुल के प्रक्षेत्र में पराली जलाने की घटना पाए जाने पर, जिलाधिकारी द्वारा धारा 95 के अंतर्गत ग्राम प्रधान के समस्त अधिकार सीज किये जाने के निर्देश दिए गए हैं.
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कइयों से मांगा गया स्पष्टीकरण
उप कृषि निदेशक अनिल सागर ने बताया कि इसके साथ ही सम्बंधित ग्रामों के ग्राम पंचायत अधिकारियों, लेखपालों और कृषि विभाग के कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर उनके विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. हालांकि अब इस बीत की भी चर्चा हो रही है कि एक तरफ योगी सरकार पराली जलाने के मामले में दर्ज पिछले मुदकमों को वापस ले रही है, वहीं फिर से पराली मामले में 28 लोगों पर 70 हजार का जुर्माना प्रशासन ने लगाया है.