दबंगों के आगे 50 निषाद परिवारों को छोड़ना पड़ा गांव, 300 लोग जंगल में काट रहे दिन

author img

By

Published : Sep 25, 2021, 10:08 PM IST

etv bharat

बांदा के बबेरु तहसील स्थित घोसड़ गांव में 50 परिवार लंबे अरसे से रह रहे हैं, लेकिन गांव के दबंगों ने उनका रास्ता रोक दिया. अब 50 परिवार के करीब 300 लोग अपना घर खाली कर गांव के बाहर खुले आसमान के नीचे झुग्गी झोपड़ी और पॉलिथीन का टेंट बनाकर रहने को मजबूर हैं.

बांदा: जिले के बबेरु तहसील स्थित ग्राम पंचायत जोरावरपुर गांव से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां, गांव में लंबे समय से रह रहे लगभग 50 परिवारों का दबंगों ने रास्ता बंद कर दिया. ऐसे 50 परिवारों के लगभग 300 लोगों को गांव छोड़कर जंगल में रहने को मजबूर होना पड़ा है.

छोटे-छोटे मासूम बच्चों के साथ सैकड़ों की संख्या में जंगलों में पड़े यह ग्रामीण शासन-प्रशासन से न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं. हालांकि, भारी दिक्कत झेल रहे ग्रामीण अपनी समस्या पुलिस और जिला प्रशासन से कर चुके हैं. लेकिन, एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी इनकी समस्या का हल नहीं निकला और ये लोग एक साल से जंगल में रह रहे हैं. ग्रामीणों ने राज्य पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष से जब न्याय की गुहार लगाई तब राज्य पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. जिलाधिकारी ने समस्या का निस्तारण जल्द किए जाने की बात कही है.

घोसड़ गांव के 50 परिवार रास्ता बंद होने से हुए बेघर.
आपको बता दें कि यह पूरा मामला कमासिन थाना क्षेत्र के घोसड़ गांव का है. जहां के रहने वाले निषाद समाज के लगभग 50 की संख्या में लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने अपने ही गांव के रहने वाले यादव समाज के लोगों पर रास्ते से न निकलने देने और रास्ते को बंद करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया है.

12 सितंबर 2020 से जंगलों में रहने को मजबूर
निषाद समाज के लोगों ने बताया हम अपनी समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन, हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई और हम अपना घर छोड़कर बाहर जंगलों में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि गांव के रहने वाले यादव समाज के अखिलेश, नत्थू, पप्पू और भूरा समेत कई लोग उन लोगों से मारपीट और गाली गलौज करते हैं, जिनसे परेशान होकर हमने घर द्वार और गांव छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि हम सभी लगभग 50 परिवार के 300 लोग हैं जो बाहर लगभग एक साल से जंगलों में किसी तरह अपने दिन काट रहे हैं.

घोसड़ गांव के 50 परिवार रास्ता बंद होने से हुए बेघर.
घोसड़ गांव के 50 परिवार रास्ता बंद होने से हुए बेघर.


16 सितंबर को ठंड से एक बच्चे की हुई मौत
ग्रामीणों ने बताया कि हमें जंगल में कई तरीके की समस्याएं हो रही हैं. हमें खाने पीने की भारी दिक्कतें हो रही हैं. वहीं, रात में ठंड के चलते हमारे बच्चों की मौत भी हो रही है. अभी हाल ही में 16 सितंबर को एक बच्चे की ठंड लगने से मौत हो चुकी है. इसके पहले भी दो बच्चों की ठंड से मौत हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें-प्रमोद तिवारी और BJP सांसद मारपीट मामला: 'हमला करने वाले गुंडों को नहीं बख्शेगी सरकार': केशव मौर्य



जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बताया कि मेरे पास राज्य पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर जी का फोन आया था. उन्होंने निषाद समाज के लोगों की समस्या का निराकरण करने की गुजारिश की है. एक प्रार्थना पत्र मुझे मिला है. जिसमें गांव में कच्चा मार्ग बनवाने के नाम पर रास्ता बंद करने की बात कही गई थी. अब उक्त रास्ते से यादव बिरादरी के लोग निकलने में अवरोध लगा दिया है. डीएम ने बताया कि उन्होंने मामले की जानकारी ली है. पता चला है कि वहां पर कुछ लोगों की भूमधरी जमीन है, जिसको बबेरू एसडीएम को पत्र लिखा है. उनसे लेखपाल और कानूनगो की टीम बनाकर मौके पर जाकर समस्या देखने को कहा है. अगर, राजस्व अभिलेखों में रास्ता दर्ज है फिर रास्ते को बंद किया गया है तो तत्काल रास्ते को लोगों के आवागमन के लिए खोला जाएगा.

घोसड़ गांव के 50 परिवार रास्ता बंद होने से हुए बेघर.
घोसड़ गांव के 50 परिवार रास्ता बंद होने से हुए बेघर.

इसे भी पढ़ें-बैनर में मंत्री की फोटो न होने पर बेटे ने प्रभारी BDO को पीटा, 11 के खिलाफ FIR

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.