अब सपा नेता बृजेश प्रजापति ने रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को बताया गलत, हटाने की मांग
Updated on: Jan 25, 2023, 7:13 AM IST

अब सपा नेता बृजेश प्रजापति ने रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को बताया गलत, हटाने की मांग
Updated on: Jan 25, 2023, 7:13 AM IST
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद सपा के पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने भी रामचरितमानस को बैन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य की बात से सहमत हूं. रामचरित मानस में से शूद्रों का अपमान करने वाली पंक्तियों को हटा देना चाहिए.
बांदा: स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब एक और सपा नेता व पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने भी रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की बातों को दोहराते हुए कहा है कि रामचरितमानस को या तो बैन कर दिया जाए या फिर उससे उन पंक्तियों को हटा दिया जाए. जो शूद्रों को अपमानित करने का काम कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में एक पंक्ति है 'पूजिअ विप्र सील गुन हीना, सूद्र न गुन गन ज्ञान प्रबीना' इसका मतलब यह है कि ब्राह्मण चाहे जितना दुराचारी हो, मूर्ख हो या बेवकूफ हो वह पूज्यनीय है व शूद्र चाहे जितना तेजस्वी हो, योग्य हो वह पूज्यनीय नहीं है, यह गाली है.' बृजेश प्रजापति यहीं नहीं रुके. उन्होंने रामचरितमानस की अन्य कुछ और पंक्तियों को भी गलत बताते हुए कहा कि इन्हें रामचरितमानस से हटा देना देने की मांग की.
मीडिया से बातचीत करते हुए बृजेश प्रजापति ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने रामचरितमानस को लेकर जो बातें कहीं हैं, उसका हम समर्थन करते हैं और रामचरितमानस से उन पंक्तियों को हटा देना चाहिए जो शूद्रों को अपमानित करने का काम कर रही हैं या फिर रामचरितमानस को ही बैन कर देना चाहिए. क्योंकि इसमें लिखी गई पंक्तियां शूद्र समाज के लिए गाली जैसी है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी छोड़ सपा में हुए थे शामिलः बता दें कि बृजेश प्रजापति बांदा की तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे हैं, जो स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके पहले भी बीजेपी में रहते हुए बृजेश प्रजापति ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाने व अन्य कई मामलों को लेकर बयान दिए थे और सुर्खियों में भी रहे. एक बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के खेमे वाले सपा नेता ब्रजेश प्रजापति ने रामचरितमानस को लेकर यह बयान दिया है.
