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बलिया: बाढ़ के 4 माह बाद भी सुरहा नदी लोगों के लिए बनी हुई है अभिशाप

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Published : Jan 11, 2020, 8:42 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में आज भी बसंतपुर गांव बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके चलते आज भी लोग यहां पर आवागमन के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से कोई मदद न मिलने से भी यहां लोगों में मायूसी छाई हुई है.

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बाढ़ से आज भी जूझ रहा बसंतपुर गांव.

बलिया: कुछ महीनों पहले बाढ़ का प्रभाव जिले के हर इलाके में देखने को मिला था, हालांकि बाढ़ से कई गांवों को निजात भी मिल गई, लेकिन जिले का बसंतपुर गांव आज भी बाढ़ की चपेट में है. जिले की सुरहा नदी मानो बसंतपुर गांव के लिए अभिशाप बनी हुई है.

बाढ़ से आज भी जूझ रहा है बसंतपुर गांव.

बाढ़ की चपेट में है आज भी यह गांव
जिला मुख्यालय की तहसील से महज 6 किलोमीटर दूर बसे बसंतपुर गांव में 6 मजरे शामिल हैं. इस गांव की सीमा के अंदर जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय भी स्थापित है. लेकिन सुरहा ताल में अधिक बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर ऊपर उठ जाने के कारण दर्जनों गांव इससे बुरी तरह प्रभावित हो गए. भले ही बाढ़ का प्रकोप अब जिले के अन्य इलाकों में कम हो गया हो, लेकिन बसंतपुर गांव के दर्जनों घरों के लोग अभी भी बाढ़ पीड़ित हैं.

गांव में लोग ले रहे हैं नाव का सहारा
हालात ऐसे हैं कि लोग आज भी आवागमन के लिए नाव का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. ग्रामीणों के घर या तो पूरी तरह डूबे हुए हैं या अभी भी आंशिक रूप में उनके घरों में पानी है. इस कारण इन्हें किसी भी सामान को लाने और ले जाने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ता है.

न हो रही फसल की बुवाई, न हो रही कोई सुनवाई
गांव का अधिकांश हिस्सा कीचड़ और गंदगी से पटा पड़ा है. करीब 15 गांव ऐसे हैं, जहां धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और रवि की बुवाई तक नहीं हो पाई है. गांव में कई परिवार पानी से घिरे मकान में रहने को मजबूर हैं. उनको आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसके चलते हालात ऐसे बने हुए हैं.

इस मामले में उप जिलाधिकारी सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बसंतपुर गांव सहित 15 गांव में अतिवृष्टि और जलभराव के कारण बुवाई नहीं हो पाई है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मेरे द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित की गई है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया है. जो भी शासनादेश आएगा, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

बलिया: कुछ महीनों पहले बाढ़ का प्रभाव जिले के हर इलाके में देखने को मिला था, हालांकि बाढ़ से कई गांवों को निजात भी मिल गई, लेकिन जिले का बसंतपुर गांव आज भी बाढ़ की चपेट में है. जिले की सुरहा नदी मानो बसंतपुर गांव के लिए अभिशाप बनी हुई है.

बाढ़ से आज भी जूझ रहा है बसंतपुर गांव.

बाढ़ की चपेट में है आज भी यह गांव
जिला मुख्यालय की तहसील से महज 6 किलोमीटर दूर बसे बसंतपुर गांव में 6 मजरे शामिल हैं. इस गांव की सीमा के अंदर जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय भी स्थापित है. लेकिन सुरहा ताल में अधिक बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर ऊपर उठ जाने के कारण दर्जनों गांव इससे बुरी तरह प्रभावित हो गए. भले ही बाढ़ का प्रकोप अब जिले के अन्य इलाकों में कम हो गया हो, लेकिन बसंतपुर गांव के दर्जनों घरों के लोग अभी भी बाढ़ पीड़ित हैं.

गांव में लोग ले रहे हैं नाव का सहारा
हालात ऐसे हैं कि लोग आज भी आवागमन के लिए नाव का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. ग्रामीणों के घर या तो पूरी तरह डूबे हुए हैं या अभी भी आंशिक रूप में उनके घरों में पानी है. इस कारण इन्हें किसी भी सामान को लाने और ले जाने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ता है.

न हो रही फसल की बुवाई, न हो रही कोई सुनवाई
गांव का अधिकांश हिस्सा कीचड़ और गंदगी से पटा पड़ा है. करीब 15 गांव ऐसे हैं, जहां धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और रवि की बुवाई तक नहीं हो पाई है. गांव में कई परिवार पानी से घिरे मकान में रहने को मजबूर हैं. उनको आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल रही है, जिसके चलते हालात ऐसे बने हुए हैं.

इस मामले में उप जिलाधिकारी सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बसंतपुर गांव सहित 15 गांव में अतिवृष्टि और जलभराव के कारण बुवाई नहीं हो पाई है, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मेरे द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित की गई है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजा गया है. जो भी शासनादेश आएगा, उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी.

Intro:बलिया में 4 महीने पहले गंगा में आई बाढ़ से कई तालाब और पोखरे उसकी जद में आ गए. लेकिन समय के साथ गंगा का जलस्तर सामान्य हो चला है. लेकिन ऐतिहासिक सुरहा ताल का पानी कई गांव के लिए अभिशाप बना हुआ है .धान की फसल पूरी तरह बर्बाद होने के बाद रवि की बुवाई भी किसान नहीं कर पाए. आलम यह है कि लोग आज भी आवागमन के लिए नाव का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.


Body:जिला मुख्यालय की तहसील से महज 6 किलोमीटर दूर बसंतपुर गांव है. जिसमें 6 मजरे भी शामिल है. इसी बसंतपुर गांव के सीमा के अंदर जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय भी स्थापित है, किंतु सुरहा ताल में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण जलस्तर ऊपर उठ जाने के कारण दर्जनों गांव उस से बुरी तरह प्रभावित हो गए. भले ही बाढ़ का प्रकोप अब बलिया के अन्य इलाकों में कम हो गया हो लेकिन बसंतपुर गांव के दर्जनों घरो के लोग अभी भी बाढ़ पीड़ित है.

ग्रामीणों के घर या तो पूरी तरह डूबे हुए हैं या अभी भी आंशिक रूप में उनके घरों में पानी है .जिस कारण इन्हें किसी भी सामान को लाने और ले जाने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ता है. गांव का अधिकांश हिस्सा कीचड़ और गंदगी से पटा है. ग्रामीण बेचैन साहनी ने बताया कि अभी भी गांव में कई परिवार पानी से घिरे मकान में हैं.उनको आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. मैं अपने नाव से लोगों को इधर से उधर पहुंचाता हूं. उसने बताया कि सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली है. अगर मिलती तो यह हालात नहीं होते.

बाइट1--बैचेन साहनी---ग्रामीण

भीषण शीतलहर में भी लोग अपने आशियाने को सजाने में जुटे हुए हैं .कई परिवार गांव के ऊपरी इलाकों में बसे लोगों के घर में रात काटने को मजबूर है, तो कुछ परिवार सरकारी प्राइमरी स्कूल में आश्रय लिए है .बाढ़ पीड़ित सिया देवी ने बताया कि कई महीनों से हम लोग ऐसे ही रह रहे हैं. हमारा घर पानी में डूबा हुआ है.सरकारी अधिकारी भी कोई देखने नहीं आया.

अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण बसंतपुर गांव के अलावा करीब 15 गांव ऐसे हैं ,जहां धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और रवि की बुवाई तक नहीं हो पाई है. किसान विजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि कई किसानों ने केसीसी से फसल का बीमा करवाया था. बीमा का प्रीमियम जमा कर दिया गया लेकिन अभी तक फसल नुकसान की भरपाई का रुपया भी बैंक खाते में नहीं पहुंचा है.

बाइट2--सियादेवी---ग्रामीण
बाइट3-- विजेंद्र विक्रम सिंह-- किसान


Conclusion:इस मामले में उप जिलाधिकारी सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बसंतपुर गांव सहित 15 गांव में अतिवृष्टि और जलभराव के कारण बोवाई नहीं हो पाई है.जिसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मेरे द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित की गई है जिसे जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को भेजी गई है. जो भी शासनादेश आएगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बाइट4--अश्वनी कुमार श्रीवास्तव--उपजिलाधिकारी बलिया

पीटीसी--प्रशान्त बनर्जी


प्रशान्त बनर्जी
बलिया
9455785050
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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