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बलिया के ददरी चेतक मेले में दौड़े घोड़े, 'जीतने वाले' की कीमत लगी 18 लाख

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Published : Nov 16, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST

उत्तर प्रदेश के बलिया में होने वाले ऐतिहासिक ददरी मेले में चेतक प्रतियोगिता एक अलग आकर्षक का केंद्र बना रहता है. वहीं इस प्रतियोगिता में आजमगढ़ के हरिराम यादव का घोड़ा पहले स्थान पर आया, जिसके बाद उस घोड़े की कीमत 18 लाख रुपये लगाई गई.

दरी मेले में चेतक प्रतियोगिता में जीतने वाले घोड़े की 18 लाख लगी कीमत.

बलिया: पूर्वांचल के सबसे ज्यादा दिन तक लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेले में चेतक प्रतियोगिता का अपना अलग ही महत्व है. शुक्रवार को ददरी मेला क्षेत्र में चेतक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें आजमगढ़ के हरिराम यादव का घोड़ा पहले स्थान पर आया. इसके बाद उस घोड़े की कीमत 18 लाख रुपये लगाई गई.

जिले में दर-दर मुनि के नाम से ददरी मेले का आयोजन होता है, जहां सालों से घुड़दौड़ प्रतियोगिता के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है. शुक्रवार को पूर्वांचल के जिलों के साथ ही बिहार के सिवान, आरा, छपरा, बक्सर, मोतिहारी जिलों से करीब 29 घुड़सवारों ने इस चेतक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.

दरी मेले में चेतक प्रतियोगिता में जीतने वाले घोड़े की 18 लाख लगी कीमत.

घोड़ों की रेस देखने के शौकीन लोग भी यूपी के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ बिहार के कई जनपदों से बलिया पहुंचें. खचाखच लोगों से भरे भीड़ के बीच सुरक्षा के तगड़े इंतजाम भी किए गए थे. घुड़दौड़ प्रतियोगिता का शुभारंभ बलिया से भाजपा के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने हरी झंडी दिखाकर की, जिसके बाद घोड़ों की टॉपो से प्रतियोगिता अपने चरम पर पहुंचने लगी. 4 लीग राउंड में घुड़दौड़ शुरू हुई, जिसमें प्रत्येक राउंड से प्रथम और द्वितीय स्थान आने वाले घुड़सवारों को फाइनल के लिए चुना गया.

इसे भी पढ़ें- बलिया में चेतक प्रतियोगिता, घुड़सवारों ने मैदान की व्यवस्था पर खड़े किए सवाल

लोगों के उत्साह के बीच घुड़सवार अपनी कलाबाजी के द्वारा जीत के दावे करते नजर आए. फाइनल राउंड में आजमगढ़ के हरिराम यादव का घोड़ा बकाटू ने जीत दर्ज कराई, वह पहली बार बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेले में हिस्सा लिया था.

18 लाख रुपये लगी कीमत
साल 2019 के ऐतिहासिक ददरी मेले के चेतक प्रतियोगिता में जीत दर्ज करने वाले आजमगढ़ के हरिराम यादव की घोड़े की कीमत भी लगनी शुरू हो गई. हरिराम यादव ने बताया कि इस घोड़े की कीमत 18 लाख रुपये मांगी जा रही थी, लेकिन मैंने इसे मरते दम तक अपने पास रखने का मन बना लिया है.

विजेता घोड़े के मालिक हरि राम यादव ने बताया कि यह प्रतियोगिता जैसा सोचा था, उससे काफी कठिन था, लेकिन अपने मेहनत और घोड़े के सही प्रशिक्षण की बूते से यह प्रतियोगिता जीता हूं. उन्होंने कहा कि आज की जीत के बाद इसकी कीमत 18 लाख लग चुकी है, लेकिन मैं अपने घोड़े को उसके अंतिम सांस तक नहीं बेचूंगा.

हरिराम यादव ने कहा कि इससे पहले मऊ में दशहरे के दौरान इसी घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया था और अब 22 नवंबर को वाराणसी में होने वाले घुड़दौड़ में यह घोड़ा प्रतिभाग करेगा और उम्मीद है कि वहां पर भी जीत दर्ज करेगा.

Intro:पूर्वांचल के सबसे ज्यादा दिन तक लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेले में चेतक प्रतियोगिता का अपना अलग ही महत्व है शुक्रवार को ददरी मेला क्षेत्र में चेतक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें आजमगढ़ के हरिराम यादव का घोड़ा पहले स्थान पर आया जिसके बाद उस घोड़े की कीमत 18 लाख रुपए लगाई गई


Body:दर-दर मुनि के नाम से ददरी मेले का आयोजन होता है जहां सालों से घुड़दौड़ प्रतियोगिता के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत होती है शुक्रवार को पूर्वांचल के जिलों के साथ ही बिहार के सिवान,आरा, छपरा,बक्सर,मोतिहारी जिलों से करीब 29 घुड़सवारो ने इस चेतक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया

घोड़ों की रेस देखने के शौकीन भी यूपी के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ बिहार के कई जनपदों से भी बलिया पहुंच चुके थे खचाखच लोगों से भरे भीड़ के बीच सुरक्षा के तगड़े इंतजाम भी थे


घुड़दौड़ प्रतियोगिता का शुभारंभ बलिया से भाजपा के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने हरी झंडी दिखाकर की जिसके बाद घोड़ों की टॉपो से प्रतियोगिता अपने चरम पर पहुंचने लगी 4 लीग राउंड में घुड़दौड़ शुरू हुई जिसमें प्रत्येक राउंड से प्रथम और द्वितीय स्थान आने वाले घुड़सवारो को फाइनल के लिए चुना गया

लोगों के उत्साह के बीच घुड़सवार अपनी कलाबाजी के द्वारा जीत के दावे करते नजर आए फाइनल राउंड में आजमगढ़ के हरिराम यादव का घोड़ा बकाटू जो पहली बार बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेले में हिस्सा ले रहा था जीत दर्ज किया

18 लाख रुपए लगी कीमत

साल 2019 के ऐतिहासिक ददरी मेले के चेतक प्रतियोगिता में जीत दर्ज करने वाले आजमगढ़ के हरिराम यादव की घोड़े की कीमत भी लगनी शुरू हो गई हरिराम यादव ने बताया कि इस घोड़े की कीमत 18 लाख रुपए मांगी जा रही थी लेकिन मैंने इसे मरते दम तक अपने पास रखने का मन बना लिया है


Conclusion:विजेता घोड़े के मालिक हरि राम यादव ने बताया कि यह प्रतियोगिता जैसा सोचा था उससे काफी कठिन था लेकिन अपने मेहनत और घोड़े के सही प्रशिक्षण की बूते यह प्रतियोगिता जीता हूं उन्होंने कहा कि आज की जीत के बाद इसकी कीमत ₹18लाख लग चुकी है लेकिन मैं अपने घोड़े को उसके अंतिम सांस तक नहीं भेजूंगा

हरिराम यादव ने कहा कि इससे पहले मऊ में दशहरे के दौरान इसी घोड़े ने पहला स्थान प्राप्त किया था और अब 22 नवंबर को वाराणसी में होने वाले घुड़दौड़ में यह घोड़ा प्रतिभाग करेगा और उम्मीद है कि वहां पर भी जीत दर्ज करेगा

बाइट--हरिराम यादव--विजेता घोड़े का मालिक

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST
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