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बाढ़ में फंसी जिंदगी, भोजन और पानी के लिए तरसे लोग

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Published : Oct 12, 2022, 9:35 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 2:50 PM IST

बहराइच के बसंतापुर गांव में बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि चारों तरफ बर्बादी का मंजर दिखाई दे रहा है. मूसलाधार बारिश के कारण सरयू और घाघरा नदी उफान पर हैं. बाढ़ में फंसे लोग भोजन, पानी तथा इलाज न मिलने से बेहाल हैं.जान जोखिम में डालकर लोग घरों से निकलकर सुरक्षित जगह पर जाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं.

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बहराइच में बाढ़

बहराइच: जनपद में बाढ़ के कहर ने लोगों को अंदर से हिलाकर रख दिया (Flood devastation in Bahraich)है. बाढ़ का खौफ इस कदर है कि लोग अपने आप को सुरक्षित जगह पर ले जाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. महसी क्षेत्र के बसंतापुर में ग्रामीण पिपरमेंट की टंकी को नाव बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं.

बहराइच में बाढ़ से परेशान ग्रामीण

दरअसल, बहराइच के मैदानी व पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ों पर लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके कारण सरयू और घाघरा नदीं उफान पर हैं. बाढ़ का पानी शिवपुर एवं महसी ब्लॉक क्षेत्र में जमकर तांडव मचा रहा है. बाढ़ में फंसे ग्रामीणों पर संसाधन के अभाव में लोगों तक सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. लिहाजा कई ऐसे गांव हैं जहां लोग खाने और पानी के लिए परेशानी झेल रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए जुगाडू प्रयास कर रहे हैं. महसी विधानसभा के खैरीघाट थाना क्षेत्र के बसंतापुर गांव में बाढ के पानी ने तबाही मचाई है. लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

बसंतापुर गांव के लोग नाव न मिलने पर पिपरमेंट का तेल निकालने वाली टंकी पर सवार होकर सुरक्षित तटबंध की ओर आने का प्रयास कर रहे हैं तो, दूसरी तस्वीर बाढ़ के पानी से बचने के लिए पेड़ पर चढ़े व्यक्ति की है जो बाढ़ का पानी आने के बाद अपने आप को बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ गया. जब प्रशासन से मदद आई, तो उसे घंटो बाद पेड़ से नीचे उतारा गया.

इस क्षेत्र में कुछ गांव तो ऐसे हैं जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे हुए है. इनका रास्ता पूरी तरीके से बंद हो गया है. इन बंद रास्तों पर नाव लगाने की स्थिति आ गई है. लेकिन प्रशासन वहां पर पर्याप्त संसाधन मुहैया नहीं करा पा रहा है. इसके कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पानी के अंदर से गुजर रहे हैं. इससे ग्रामीणों को जलीय जीव-जंतुओं के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन इस बार की बाढ़ तो कहर बरपा रही है.


बहराइच के डीएम ने भी माना कि जनपद के नानपारा, मिहीपुरवा और महसी तहसील के 60 गांव में पानी भर गया है. जिसमें फंसे ग्रामीणों को बचाने के लिए NDRF की टीम बुला ली गई है और सीमा सुरक्षा बल के जवान भी बचाव एवं राहत कार्य में जुटे हुए हैं. अभी तक किसी प्रकार की जनहानि की कोई सूचना नहीं है.

इस बार बाढ़ का मंजर कुछ अलग है. हर बार घाघरा उत्पात मचाती थी, लेकिन इस बार घाघरा किनारे के ग्रामीण सुकून में हैं. सरयू के उत्पात मचाने से इसके किनारे बसे लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं. इनमें कई गांव तो ऐसे हैं, जिनका संपर्क मार्ग तो पूरी तरह कट चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि अभी तक उन्हें किसी प्रकार की कोई राहत प्रशासन से नहीं मिली है. बाढ़ से ग्रामीणों को बेघर ही नहीं होना पड़ा है बल्कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

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Last Updated : Oct 13, 2022, 2:50 PM IST
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