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अब गांवों में निगरानी समिति कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगाएगी रोक

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Published : Apr 23, 2021, 3:35 PM IST

बागपत जिले में कहर बरपा रहे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गांवों में निगरानी समितियों को फिर सक्रिय करने की कवायद तेज कर दी गई है. सीडीओ अभिराम त्रिवेदी ने बताया कि कोविड-19 कमांड सेंटर पर तीन शिफ्ट में अधिकारियों को तैनात किया जाएगा.

कोरोना से बचायेगी निगरानी समिति
कोरोना से बचायेगी निगरानी समिति

बागपत : जनपद में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए गांवों में निगरानी समितियों को फिर सक्रिय करने की कवायद तेज कर दी गई है. इसके तहत कोविड-19 कमांड सेंटर 24 घंटे काम करेगा. होम आइसोलेशन के मरीजों का दिन में दो बार हालचाल जाना जाएगा. वहीं, डीएम राज कमल यादव ने विकास भवन में कोविड-19 कमांड सेंटर का निरीक्षण किया व अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए, ताकि कोरोना संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सके.

तीन शिफ्ट में तैनात किए जाएंगे अधिकारी

सीडीओ अभिराम त्रिवेदी ने बताया कि कोविड-19 कमांड सेंटर पर तीन शिफ्ट में अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. सुबह आठ से शाम चार बजे तक जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, शाम 4 से रात 12 बजे तक जिला समाज कल्याण अधिकारी व रात 12 से सुबह 8 बजे तक जिला उद्यान अधिकारी की तैनाती रहेगी. इन अधिकारियों का काम होम आइसोलेशन के मरीजों से दिन में दो बार फोन पर बात कर तापमान, ऑक्सीजन लेवल, सेहत में सुधार है या नहीं जैसी जानकारी लेना होगा. साथ ही निगरानी समितियों से फोन पर गांवों में बाहर से आए लोगों, संदिग्ध मरीजों, कोरोना मरीजों और कंटेनमेंट जोन के प्रबंध की जानकारी लेकर आवश्यक कदम उठाना भी इनके काम में शामिल होगा.

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ये जिम्मेदारियां भी शामिल

पूर्व में निगरानी समितियों को दिए गए थर्मामीटर, प्लस ऑक्सीमीटर, दवाई, बुखार के मरीजों की जानकारी लेना, गांव को सैनिटाइजेशन कराने, लोगों को मास्क लगाने एवं शरीरिक दूरी बनाने को प्रेरित करने जैसे कार्यों की जानकारी प्राप्त कर आगे की कार्रवाई कराने की जिम्मेदारी भी कमांड सेंटर के अधिकारियों की होगी. यानि, कोरोना को हराने के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है.

नाखून से जानेंगे मरीज की सेहत

डीडीओ हुब लाल ने बताया कि कोविड-19 कमांड सेंटर पर तैनात अधिकारी होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का ऑक्सीजन लेवल जानेंगे. वहीं, अनेक मरीज ऐसे हैं जिनके पास ऑक्सीजन लेवल का पता लगाने को प्लस ऑक्सीमीटर नहीं है. ऐसे मरीजों से अधिकारी उनके नाखूनों के रंग की जानकारी लेंगे. यदि नाखून का रंग बदला हुआ है तो इसका मतलब है कि शरीर में बीमारी है. ऐसे मरीजों के इलाज का प्रबंध किया जाएगा. शरीर में खून की कमी होने पर नाखून का रंग बदल जाता है.

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