बागपतः यमुना का रौद्र रूप इन दिनों कहर बरपा रहा है. जिले के करीब 24 गांव यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. 2 दिन पूर्व खेकड़ा क्षेत्र में अलीपुर बांध का तटबन्ध टूटने के बाद से क्षेत्र के कई गांव पानी मे डूबे हुए हैं. वहीं, छपरौली क्षेत्र में भी यमुना का जलस्तर लोगों के परेशानी का सबब बना हुआ है. यमुना किनारे बसे शबगा गांव में लोगों की जमीन कटान में बह रही हैं. शुक्रवार को प्राचीन मंदिर मिट्टी के कटान के चलते नदी में समा गया, जिसका वीडियो भी सामने आया है.
कटान से मंदिर के नदी में समाने के बाद से गांव वालों में दहशत का माहौल है. ग्रामीण जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी जमीन नदी के कटान में बह गई. लेकिन कोई उनकी सुध लेने नहीं आया. गांव के लोगों ने लखनऊ तक इसकी सूचना दी. लेकिन, न तो प्रशासन और न ही क्षेत्र का कोई जनप्रतिनिधि उनके पास आया. गांव की महिलाओं ने यमुना नदी की पूजा अर्चना शुरू कर दी है. बता दें कि बागपत का शबगा गांव यमुना नदी के किनारे पर बसा हुआ है. जब भी यहां इसका जलस्तर बढ़ता है, तो नदी का पानी गांव में घुस जाता है.
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वहीं इस बार तो यमुना नदी के जलस्तर का खतरे के ऊपर बह रहा है. इसके चलते राजधानी दिल्ली का हाल हर जगह सुर्खियों में बना हुआ है. इससे पहले 1978 में यमुना का जलस्तर ने खतरे के निशान को पार किया था. तब भी कुछ ऐसा ही मौहाल देखने को मिला था. फिलहाल यूपी के भी कई जिलों में भी बाढ़ का आगमन हो चुका है. लोगों में दहशत का मौहाल है.
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