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बदायूं: खाई में पलटी स्कूल बस, बाल-बाल बचे मासूम

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Published : Aug 10, 2019, 2:22 PM IST

उत्तर प्रदेश के बदायूं में प्राइवेट स्कूलों में प्रबंधकों की मनमानी से बच्चों की जान खतरे में आ रही है. शनिवार सुबह एक स्कूल बस खाई में पलट गई. कम रफ्तार होने की वजह से बस में मौजूद 2 दर्जन बच्चों की जिंदगी बाल-बाल बच गई. घटना के बाद अभिभावकों ने जमकर हंगामा काटा.

खाई में पलटी स्कूल बस.

बदांयू: प्राइवेट स्कूल में पढ़ने बाले बच्चों की जिंदगी का कोई मोल नहीं रह गया है. दो दर्जन स्कूली बच्चों को लेकर जा रही खटारा मिनी बस खाई में पलट गई. बस में सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई. आनन-फानन में पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों को बाहर निकाला. सूचना पर पहुंचे अभिभावकों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस के समझाने के बाद अभिभावक शांत हुए.

खाई में पलटी स्कूल बस.

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खाई में पलटी स्कूल बस-

  • संभल जिले की बहजोई कोतवाली स्थित कान्वेंट स्कूल की बस क्षेत्र के कई गांवों से बच्चों को लेकर जाती है.
  • शनिवार की सुबह इलाकाई गांव से यह बस स्कूली बच्चों को लेकर बहजोई जा रही थी.
  • करियामई-राजपुर लिंक रोड पर एक साइकिल को बचाने के दौरान बस का स्पिंडल टूट गया.
  • स्पिंडल टूटते ही बस अनियंत्रित होकर खाई में जाकर पलट गई.
  • ग्रामीणों ने बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन सभी के सकुशल होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.

अभिभावकों से भिड़ा प्रबंधक-
स्कूल बस पलटने की खबर मिलते ही अभिभावकों में हड़कंप मच गया. तमाम अभिभावक घटनास्थल पर पहुंच गए. स्कूल प्रबंधक को बुलाने की मांग करते हुए अभिभावकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया. प्रबंधक ने मौके पर पहुंचकर अभिभावकों को हड़काना शुरू किया. इसके बाद बात बिगड़ गई. अभिभावक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए. मौके पर पहुंचे वरिष्ठ उपनिरीक्षक नासिर अली के समझाने के बाद लोग शांत हुए.

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जानकारी मिलने पर जागी पुलिस-
डीएम और एसएसपी के सख्त निर्देश के बावजूद थाना पुलिस कभी भी इन स्कूली वाहनों को चेक करने का प्रयास नहीं करती है. अधिकांश स्कूली वाहन बच्चों को लेकर जाने और आने के मानकों को पूरा नहीं करते हैं. पुलिस की सुस्त व्यवस्था के चलते खुलेआम बच्चों को डग्गामार वाहनों से भी ढोने का काम किया जा रहा है. समय-समय पर अफसरों के निर्देश का पालन करते हुए अगर पुलिस चेकिंग अभियान चलाती होती तो इस तरीके के हादसे सामने नहीं आते. पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर थाने में खड़ा कर दिया है.

कम रफ्तार से बची जिंदगी-
हादसे के दौरान बस की रफ्तार कम बताई जा रही है. अगर बस की रफ्तार तेज होती तब हादसे में बच्चों की जान भी जा सकती थी. घटना के बाद मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने अपने बच्चों को सकुशल देखने के बाद राहत की सांस ली.

Intro:प्राइवेट स्कूलों में प्रबंधकों की मनमानी से बच्चों की जान खतरे में आ रही है एक खटारा स्कूली बस पलटने के बाद 2 दर्जन बच्चों की जिंदगी बाल बाल बच गई घटना के बाद अभिभावकों ने जमकर हंगामा काटाBody:बिल्सी
पुलिस एवं परिवहन विभाग की सरपरस्ती के आगे प्राइवेट स्कूल में पढ़ने बाले बच्चों की जिंदगी का कोई मोल नहीं रह गया है। दो दर्जन स्कूली बच्चों को लेकर जा रही खटारा मिनी बस स्पिंडल टूटने की वजह से खाई में पलट गई। बस में सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई। आनन-फानन में दौड़े ग्रामीणों ने डरे सहमे बच्चों को बाहर निकाला। सूचना पर पहुंचे अभिभावकों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस के समझाने के बाद अभिभावक शांत हुए।
संभल जिले की बहजोई कोतवाली स्थित एंग्लो वैदिक कान्वेंट स्कूल की मिनी बस प्रतिदिन थाना क्षेत्र के कई गांव से बच्चों को लेकर जाती है। शनिवार की सुबह इलाकाई गांव से यह बस स्कूली बच्चों को लेकर बहजोई जा रही थी। तभी करियामई-राजपुर लिंक रोड पर एक साइकिल को बचाने के दौरान बस का स्पिंडल टूट गया। स्पिंडल टूटते ही बस अनियंत्रित होकर खाई में जाकर पलट गई। हादसे के दौरान बस में मौजूद छात्रों में चीख-पुकार मच गई। घटना का नजारा देख राहगीर एवं खेतिहर इलाके में काम कर रहे लोग मदद को दौड़ पड़े। ग्रामीणों ने बस में चीख पुकार रहे बच्चों को बाहर निकाला। लेकिन सभी के सकुशल होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
अभिभावकों से भिड़ा प्रबंधक------
स्कूल बस पलटने की खबर मिलते ही अभिभावकों में हड़कंप मच गया। तमाम अभिभावक घटनास्थल पर पहुंच गए। स्कूल प्रबंधक को बुलाने की मांग करते हुए अभिभावकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। प्रबंधक ने मौके पर पहुंचकर अभिभावकों को हड़काना शुरू किया। इसके बाद बात बिगड़ गई। अभिभावक स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। मौके पर पहुंचे वरिष्ठ उपनिरीक्षक नासिर अली के समझाने के बाद लोग शांत हुए।
जानकारी मिलने पर जागी पुलिस---------- डीएम एवं एसएसटी के सख्त निर्देश के बावजूद भी थाना पुलिस कभी भी इन स्कूली वाहनों को चेक करने का प्रयास नहीं करती है। अधिकांश स्कूली वाहन बच्चों को लेकर जाने और आने के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। पुलिस की सुस्त व्यवस्था के चलते खुलेआम बच्चों को डग्गामार वाहनों से भी ढोने का काम किया जा रहा है। समय-समय पर अफसरों के निर्देश का पालन करते हुए अगर पुलिस चेकिंग अभियान चलाती होती तो इस तरीके के हादसे सामने नहीं आते। पुलिस ने बस को कब्जे में लेकर थाने में खड़ा कर दिया है।
कम रफ्तार से बची जिंदगी-------
हादसे के दौरान बस की रफ्तार कम बताई जा रही है। अगर बस की रफ्तार तेज होती तब हादसे में बच्चों की जान भी जा सकती थी। घटना के बाद मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने अपने बच्चों को सीने से लगा लिया।Conclusion:2_bite1_visual
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