बदायूं: पुलिस अधीक्षक कार्यालय गेट पर आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान किशनपाल की इलाज के दौरान मौत हो गई है. मरने से पहले किसान की ओर से लिखाए गए मुकदमें में शामिल सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में दो दारोगा समेत 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. जबकि, बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के गेट पर बुधवार को रसूलपुर गांव के किसान किशनपाल ने मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया था. किसान को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. गम्भीर रूप से जले किसान किशनपाल की देर रात मौत हो गई है. बता दें कि दबंगो द्वारा खेत में आग लगाने के मामले में किसान किशनपाल पुलिस के चक्कर लगा रहा था. पीड़ित ने आरोप लगाया था कि पुलिस उसकी मदद करने की बजाए परेशान कर रही है और उसकी सुनवाई नहीं हो रही है.
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने किसान के आग लगा लेने की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए बरेली रेंज के आईजी रमित शर्मा ने एसआईटी का गठन कर गहन जांच के निर्देश दिए हैं. एसपी सिटी आईपीएस रविंद्र कुमार के नेतृत्व में 4 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया गया है. मृतक किसान की ओर से पहले लिखाए गए मुकदमे में शामिल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक, दो उप निरीक्षक और दो आरक्षी समेत कुल पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. एसआईटी की जांच में अन्य पुलिसकर्मियों की भी गलती पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी आगे कार्रवाई की जाएगी.
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किशनपाल के बेटे ने बताई दारोगा की करतूत: पीड़ित शख्स के बेटे अमरजीत ने बुधवार को बताया था कि थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के रसूलपुर गांव में उसके खेत में कुछ लोगों ने आग लगा दी थी. पिता किशनलाल ने थाने में तहरीर दी थी, जिसकी जांच दारोगा कर रहा था. लेकिन, दारोगा उनको ही प्रताड़ित कर रहा था. अमरजीत ने कहा कि दारोगा ने उसके परिवार वालों के साथ मारपीट की और झूठी विवेचना कर रहे थे. उसकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे थे. जिस वजह से पिता किशन पाल ने एसएसपी कार्यालय के सामने आग लगा ली.
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