आजमगढ: जनपद में बिहार से अमेरिका तक की वेबसाइट से फर्जी जन्म मृत्यु के प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. करीब 2 महीने में ही इन वेबसाइटों से 18 हजार से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इन वेबसाइटों पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जन्म मृत्यु के प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई फर्जी वेबसाइट (fake certificates made by american website) चल रही हैं. कोई वेबसाइट अमेरिका के पते पर तो कोई अंडमान निकोबार और बिहार के किसी व्यक्ति के पते पर रजिस्टर्ड है. जन सेवा केंद्र जल्द ही जन्म मृत्यु के प्रमाण पत्र बनाने का झांसा देकर इन वेबसाइटों की मदद से फर्जी सर्टिफिकेट बना रहे हैं. जनपद में सरकार की अधिकृत वेबसाइट के बजाय यूएसए और बिहार के पते पर बनाई गई फर्जी वेबसाइट से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. आजमगढ़ जिले में नवंबर महीने में करीब 12 हजार और दिसंबर में अब तक 6 हजार से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. इनको बनाने में जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत है. इसके लिए 8 फर्जी वेबसाइट चिन्हित कर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर इंद्रनारायण तिवारी ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र सरकारी अस्पताल के प्रभारी, गांव में ग्राम पंचायत अधिकारी और शहर में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका नामित अधिकारी होते हैं. इनके द्वारा निर्गत किए गए जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य होते हैं. अगर इनमें से किसी के द्वारा निर्गत नहीं किया गया है तो वह जन्म प्रमाण पत्र मान्य नहीं होता है.
आजमगढ़ में बलिया के अफसर लगा रहे मुहर: जिले में बन रहे फर्जी प्रमाण पत्रों (fake birth death certificates made in Azamgarh) पर बलिया के अधिकारी मुहर लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आंवक गांव निवासी रमाशंकर के निधन के बाद परिजनों ने खालीसपुर जनसेवा केंद्र से प्रमाण पत्र बनवाया था. जिस प्रमाण पत्र जारी करने की मुहर बलिया के अधिकारी दी गई है. फिलहाल इसकी जांच चल रही है.