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कवियों ने बांधा समां, तालियों से गूंज उठी राम नगरी

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Published : Feb 28, 2021, 6:16 PM IST

अयोध्या महोत्सव के मंच पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में शब्द सम्पदा का अपार भण्डार दिखाई दिया. कविता का भाव और उसके मंत्रमुग्ध करने वाले उच्चारण ने श्रोताओं के अंतर्मन को झकझोर कर दिया.

राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

अयोध्या: साहित्य सृजन की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करते हुए अयोध्या महोत्सव के मंच पर आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें शब्द सम्पदा का अपार भण्डार दिखाई दिया. कविता का भाव और उसके मंत्रमुग्ध करने वाले उच्चारण ने श्रोताओं के अंतर्मन को झकझोर कर दिया.

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सरस्वती वन्दना से हुआ आरंभ
सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने दीप प्रज्जवलन कर किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सूचना आयुक्त नरेन्द्र श्रीवास्तव उपस्थित रहे. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने की. कवि सम्मलेन में बाबा सत्यनारायन मौर्य और कमलेश मौर्य मृदुल की रचनाओं की मधुर प्रस्तुति दी गई. इस दौरान पूरा पंडाल तालियों से गूंजता रहा. कवि सम्मेलन का आरंभ कवियत्री रुचि चतुर्वेदी ने सरस्वती वन्दना से किया.

हल्दी युद्ध पर दी प्रस्तुति

कवि सम्मेलन की शुरुआत देशभक्ति से हुई. अजय शुक्ला अंजान की हल्दी युद्ध पर सजीव प्रस्तुति से दर्शक भारत माता की जय के जयकारे लगाने लगे. 'चेतक योद्धा बन गया और मुगलों को घोड़ा बना दिया' प्रस्तुति ने खूब तालियां को खूब बटोरी.

अपमान सहे सरयू घाट... किया गया पेश

सुदीप भोला ने चौकीदारा के चक्कर में मेरी साइकिल की चाबी खो गई... जैसी रचनाओं से दर्शकों को खूब हंसाया. साथ ही जलाये एक दिया हम उन वीरों के नाम... के द्वारा लोगों को भाव विभोर कर दिया. प्रियंका राय ओम नंदिनी ने कितने अपमान सहे सरयू घाट ने, कोठारी बंधु के सम्मान को किंचत नहीं भूलेंगे... की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी.

नेता पत्नी से बोले वोट मुझे देना प्रिये...

शम्भू सिंह मनहर ने हमारे देश की मिट्टी चंदन से भी पावन है, राम ने बनाया सेतु तुम क्या तोड़ोंगे... की प्रस्तुति से श्रोताओं को हृदय में दस्तक दी. डॉ अशोक बत्रा ने नेता पत्नी से बोले वोट मुझे देना प्रिये..., पाकिस्तान लठ बिन कभी नहीं मानेगा... जैसी हास्य व्यंग की रचना प्रस्तुत कर लोगों को खूब हंसाया. संचालन कर रहे राम किशोर तिवारी ने राम की छवि हृदय में उतारा करूं, गोपियों के आंसुओं का मोल कौन लिखेगा... जैसी मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति दी.

गुरुकुल में जाना पड़ा

कवि सम्मेलन से पूर्व अयोध्या महोत्सव न्यास के अध्यक्ष हरीश श्रीवास्तव ने श्रोताओं को कविओं का परिचय दिया. उन्होनें कहा कि अयोध्या और लंका में बड़ा अंतर यह था कि यहां वाल्मीकि, वशिष्ट और विश्वामित्र थे. लंका में इनके समतुल्य कोई नहीं था. अवतारी भगवान को शिक्षा लेने के लिए इन्हीं के गुरुकुल में जाना पड़ा.

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