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अयोध्या छावनी परिषद चुनाव में भाजपा का वर्चस्व बरकरार

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Published : Dec 5, 2020, 7:58 AM IST

फरवरी में होने वाले चुनाव पर कोरोना का ग्रहण लग गया. जिसकी वजह से चुनाव करीब 10 महीने बाद हो सका. इसके पहले चुनाव न हो पाने की दशा में रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर सभी पार्षदों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया, लेकिन उपाध्यक्ष पद पर चुनाव की प्रक्रिया लंबित रह गई थी. शुक्रवार को चुनाव अधिकारी के रूप में ब्रिगेडियर जेकेएस विर्क की अध्यक्षता में उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचन प्रक्रिया शुरू की गई.

अयोध्या छावनी परिषद चुनाव
समर्थकों के साथ रुपेश कुमार ओझा

अयोध्याः जिले के छावनी परिषद की बोर्ड की बैठक में शुक्रवार को बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर हुए चुनाव में एक बार फिर भाजपा का परचम लहराया. एक वर्ष के कार्यकाल के इस चुनाव में रूपेश कुमार ओझा को दोबारा निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया. निर्वाचन के बाद ब्रिगेडियर जेकेएस विर्क ने रूपेश ओझा को विजय का प्रमाणपत्र सौंपा.

निर्विरोध निर्वाचन होने पर उपाध्यक्ष का स्वागत

पदाधिकारियों ने उपाध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन होने पर रुपेश का स्वागत किया. बता दें कि छावनी परिषद में चौदह सदस्य होते हैं. इनमें सात सदस्य निर्वाचित होते हैं, जबकि शेष सात पदों पर सदस्यनामित किए जाते हैं. सात सदस्यों का चुनाव वर्ष 2014-15 में कराया गया था. समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए चुनाव में भाजपा ने रूपेश कुमार ओझा को उपाध्यक्ष पद पर चुनाव मैदान में उतारा था. जिसमें काफी जद्दोजहद के बाद रूपेश ओझा निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे और भाजपा का परचम लहराया था. उपाध्यक्ष सहित सभी पार्षदों का का कार्यकाल फरवरी 2020
में पूरा हो गया है.

कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव में हुई देरी
फरवरी के होने वाले चुनाव पर कोरोना का ग्रहण लग गया. जिसकी वजह से चुनाव करीब 10 महीने बाद हो सका. इसके पहले चुनाव न हो पाने की दशा में रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर सभी पार्षदों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया, लेकिन उपाध्यक्ष पद पर चुनाव की प्रक्रिया लंबित रह गई थी. शुक्रवार को चुनाव अधिकारी के रूप में ब्रिगेडियर जेकेएस विर्क की अध्यक्षता में उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचन प्रक्रिया शुरू की गई.

दूसरे प्रत्याशी को नहीं मिले प्रस्तावक

हालांकि दूसरे प्रत्याशी राजकुमार भी नामांकन दाखिल करना चाहते थे, लेकिन प्रस्तावक व समर्थक के अभाव में नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सके. सभी सात सदस्यों को नामांकन पत्र दिया गया था. इसमें निवर्तमान उपाध्यक्ष रूपेश ओझा की तरफ से पार्षद शादाब आलम प्रस्तावक व फूल कुमारी समर्थक रूप में मौजूद थीं. जबकि विरोध करने वाले दूसरे प्रत्याशी राजकुमार भी नामांकन दाखिल करना चाहते थे, लेकिन प्रस्तावक व समर्थक के अभाव में नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सके. इस तरह रूपेश कुमार ओझा को दोबारा निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित कर दिया गया.

छठवीं बार वित्तीय समिति के चेयरमैन भी चुने गए रूपेश ओझा
रूपेश ओझा लगातार छठवीं बार वित्तीय समिति के चेयरमैन भी चुने गए. निर्वाचन के बाद ब्रिगेडियर जेकेएस विर्क ने उन्हें निर्वाचन का प्रमाण पत्र सौंपा. निर्वाचन के बाद उपाध्यक्ष रूपेश कुमार ओझा ने बताया कि सकुशल चुनाव संपन्न हो गया है. छावनी क्षेत्र के विकास के लिए उनका सतत प्रयास जारी रहेगा.


महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की गई चर्चा

चुनाव के बाद हुई बोर्ड की बैठक में छावनी क्षेत्र के विभिन्न विकास कार्यों, स्वच्छता, प्रशासनिक कार्य, स्वास्थ्य एवं शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा किया गया. इस दौरान मौजूद वार्ड नंबर एक के पार्षद अमरजीत निषाद, वार्ड नंबर दो से विनीश कुमार, वार्ड नंबर पांच से तबस्सुम जहां, शादाब आलम, फूल कुमारी आदि ने नव निर्वाचित उपाध्यक्ष का स्वागत किया. इस मौके पर कैंट बोर्ड के सीईओ विकास कुमार, कर्नल संजय वर्मा, कर्नल ए. बिस्वास, दुर्ग अभियंता लेफ्टिनेंट कर्नल राहुल गुहा आदि मौजूद रहे.

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