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अयोध्या दीपोत्सव से मिलेगी लोक कला को पहचान, 28 टीमें देंगी मनमोहक प्रस्तुतियां

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Published : Oct 19, 2019, 11:35 AM IST

दीपोत्सव कार्यक्रम की जानकारी देते अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी.

यूपी के अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू होने जा रहा हैं. इस मौके पर अवधि संस्कृत को नई पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए प्रसिद्ध कलाकारों की 28 टीमें बुलाई गई हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देंगी.

अयोध्या: अयोध्या शोध संस्थान का कला और संस्कृति विभाग दीपोत्सव के मौके पर इस बार अवधि संस्कृत को नई पहचान दिलाने के प्रयास में है. दरअसल 24 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की ओर से भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की 28 टीमें बुलाई गई हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर लोक कलाओं की मनमोहक प्रस्तुतियां देंगी.

इस बार अयोध्या शोध संस्थान को दीपोत्सव कार्यक्रम का दायित्व सौंप दिया गया है. इसके अंतर्गत अयोध्या के प्रसिद्ध स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहे हैं. जिसके बारे में संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी राम तीरथ ने ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए जानकारी दी.

दीपोत्सव कार्यक्रम की जानकारी देते अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी.
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गुप्तार घाट में होगा अनोखा सांस्कृतिक कार्यक्रम
गुप्तार घाट में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 24 अक्टूबर से शुरू होने वाला कार्यक्रम 26 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें पहले दिन अवधी लोक नृत्य 'ढिंढिया', बुंदेलखंड का लोकनृत्य 'राय सैरा', 'मेघदूत की पूर्वांचल यात्रा', राजा भरथरी नौटंकी, छाऊ लोकनृत्य, 'सुंदरकांड' नृत्य नाटिका, रामलीला, भजन गायन उत्तराखंड के लोकनृत्य, विदेशी रामलीला और रामायण आल्हा की प्रस्तुति दी जाएगी.
नया घाट स्थित भजन संध्या स्थल पर तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसमें मुख्य विदेशी रामलीला का आयोजन राम कथा पार्क में किया जाएगा. इसके अलावा बिड़ला धर्मशाला, झुनकी की घाट, भरत कुंड आईटीआई, साकेत पीजी कॉलेज, दशरथ महल, कनक भवन, तुलसी उद्यान और हनुमान बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तावित है. 26 अक्टूबर को साकेत पीजी कॉलेज से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी.
Intro:अयोध्या: कला एवं संस्कृति विभाग दीपोत्सव के मौके पर इस बार अवधि संस्कृत को नई पहचान दिलाने के प्रयास में है. 3 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में संस्कृत विभाग की ओर से भारत के प्रसिद्ध कलाकारों की कुल 28 टीम बुलाई गई है, जो अलग-अलग स्थानों पर लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देंगी.


Body:इस बार दीपू सुख कार्यक्रम में अयोध्या शोध संस्थान की भूमिका होगी कल एहसास की विभाग से संबद्ध इस संस्थान को अयोध्या के प्रसिद्ध स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कराने की दायित्व दिया गया है. ईटीवी भारत के साथ भारत से बातचीत के दौरान अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम 3 दिन का होगा.




Conclusion:गुप्तार घाट में होगा अनोखा सांस्कृतिक कार्यक्रम
गुप्तार घाट में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 24 अक्टूबर से शुरु होने वाले कार्यक्रम 26 अक्टूबर तक चलेगा. जिसमें पहले दिन अवधी लोक नृत्य 'ढिंढिया', बुंदेलखंड का लोकनृत्य 'राय सैरा', 'मेघदूत की पूर्वांचल यात्रा', राजा भरथरी नौटंकी, छाऊ लोकनृत्य, 'सुंदरकांड' नृत्य नाटिका, रामलीला, भजन गायन उत्तराखंड के लोकनृत्य, विदेशी रामलीला और रामायण आल्हा की प्रस्तुति दी जाएगी.

वहीं नया घाट स्थित भजन संध्या स्थल में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. मुख्य आयोजन विदेशी रामलीला राम कथा पार्क में आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा बिड़ला धर्मशाला, झुनकी की घाट, भरत कुंड आईटीआई, साकेत पी. जी. कॉलेज, दशरथ महल, कनक भवन, तुलसी उद्यान और हनुमान बाग में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तावित है. वहीं 26 अक्टूबर को साकेत पी. जी. कॉलेज से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी जो रामकथा पार्क जाएगी.

बाइट- राम तीरथ, प्रशासनिक अधिकारी, अयोध्या शोध संस्थान
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